सीकर में हवेलियां तोड़ने के विरोध में प्रदर्शन:युवा बोले- फतेहपुर की प्राचीन हवेलियां तोड़ना राजस्थान की अस्मिता पर हमला, आंदोलन की चेतावनी दी
सीकर में हवेलियां तोड़ने के विरोध में प्रदर्शन:युवा बोले- फतेहपुर की प्राचीन हवेलियां तोड़ना राजस्थान की अस्मिता पर हमला, आंदोलन की चेतावनी दी

फतेहपुर : फतेहपुर शेखावाटी में ऐतिहासिक प्राचीन हवेलियों को तोड़े जाने के विरोध में मंगलवार को फतेहपुर के सैकड़ों युवाओं ने सीकर जिला कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान युवाओं ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सांस्कृतिक धरोहरों को बचाने की मांग उठाई।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि प्रशासन की निष्क्रियता के कारण माफियाओं को हवेलियों को नष्ट करने का खुला संरक्षण मिल रहा है, जो न केवल फतेहपुर की अस्मिता पर हमला है, बल्कि राजस्थान की ऐतिहासिक पहचान को भी अपूरणीय क्षति पहुंचा रहा है।

अंकित चौधरी ने कहा- फतेहपुर शेखावाटी जो अपनी अनूठी हवेलियों और भित्ति चित्रों के लिए विश्वविख्यात है, लंबे समय से सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक रहा है। ये हवेलियां राजस्थानी कला, संस्कृति और स्थापत्य कला का जीवंत उदाहरण हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में इन हवेलियों को अवैध रूप से तोड़कर व्यवसायिक भवनों के निर्माण की घटनाएं बढ़ी हैं। युवाओं का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण यह अनमोल धरोहर तेजी से नष्ट हो रही है।
प्रदर्शन के दौरान युवाओं ने ‘हमारी विरासत बचाओ, माफिया को भगाओ’ और ‘प्रशासन जागो, हवेलियों को बचाओ’ जैसे नारे लगाए। युवा नेता अंकित चौधरी ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी आंखों के सामने हमारी सांस्कृतिक धरोहर नष्ट की जा रही है। प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है और माफिया को खुली छूट मिल रही है। हमारी मांग है कि हवेलियों को तोड़े जाने पर तत्काल रोक लगाई जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि फतेहपुर की हवेलियां केवल स्थानीय धरोहर नहीं, बल्कि वैश्विक पर्यटन का प्रमुख आकर्षण हैं। इनके संरक्षण के लिए ठोस नीतियों और प्रभावी प्रशासनिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द ही कार्रवाई नहीं की तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे।
जिला प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा और हवेलियों के संरक्षण के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, युवाओं का कहना है कि वे तब तक संघर्ष जारी रखेंगे जब तक ठोस परिणाम नहीं मिलते। इस घटना ने फतेहपुर ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण को लेकर बहस छेड़ दी है।