दिव्यांग शिक्षक मिसाल कायम की:RPSC का एग्जाम क्लियर कर कॉलेज प्रोफेसर बने
दिव्यांग शिक्षक मिसाल कायम की:RPSC का एग्जाम क्लियर कर कॉलेज प्रोफेसर बने

पिलानी : राजस्थान के केहरपुरा के मनोज कुमार ओला ने अपनी दिव्यांगता को बाधा नहीं बनने दी। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में उनका चयन हुआ है। मनोज वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बनगोठड़ी में रसायन विज्ञान के व्याख्याता हैं। उनके पिता होशियार सिंह ओला किसान हैं जबकि माता गृहिणी हैं। विद्यालय की प्रधानाचार्य अनुजा जाखड़ के अनुसार, मनोज एक बहुत ही मेहनती और समर्पित शिक्षक हैं।
मनोज की शिक्षा यात्रा बेहद प्रेरणादायक रही है। उन्होंने 2008 में तृतीय श्रेणी शिक्षक के रूप में अपनी नौकरी शुरू की, जिसके बाद 2011 में द्वितीय श्रेणी शिक्षक बने और 2016 में रसायन विज्ञान के व्याख्याता पद पर चयनित हुए। चलने-फिरने में असमर्थता और शारीरिक पीड़ा के बावजूद मनोज ने कभी हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने हर कठिन परिस्थिति में पढ़ाई और पढ़ाने का काम जारी रखा। उनकी इस सफलता से पूरे विद्यालय में खुशी का माहौल है।
विद्यालय के सहकर्मियों का कहना है कि मनोज की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी। उनका संघर्ष और सफलता की कहानी युवाओं को अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।