पॉक्सो कोर्ट जयपुर मेट्रो (सेकंड) ने मुलाजिम को सुनाई 20 साल की कठोर सजा
पॉक्सो कोर्ट जयपुर मेट्रो (सेकंड) ने मुलाजिम को सुनाई 20 साल की कठोर सजा
जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल
झुंझुनूं : पॉक्सो कोर्ट नम्बर-1 जयपुर मेट्रो(सेकंड) की ओर से सुनाया गया फैसला स्वागत योग्य है। यह पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आरोपी, जो एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षक था, ने अपनी ही नाबालिग छात्रा को बहला-फुसलाकर पहले शादी की और फिर उसके साथ बलात्कार जैसा जघन्य अपराध किया। कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं में उसे 20 साल की सजा सुनाई है, जो इस प्रकार के जघन्य अपराधों के लिए बिल्कुल उचित है। यह फैसला न केवल पीड़िता के साहस और संघर्ष की जीत है, बल्कि भारतीय न्यायपालिका और पॉक्सो एक्ट में हमारे विश्वास को भी मजबूत करता है। इस फैसले के माध्यम से समाज को यह स्पष्ट संदेश जाता है कि बच्चों के खिलाफ किसी भी प्रकार का यौन अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कठोरतम सजा मिलेगी।”
पीड़िता के अधिवक्ता आरिफ ख़ान ने बताया कि यह फैसला पॉक्सो एक्ट के तहत पीड़ितों के अधिकारों की जीत है और यह संदेश देता है कि ऐसे जघन्य अपराधों को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी स्थापित किया है कि पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए, भले ही इसमें कितना भी समय और प्रयास लगे।
हम इस फैसले का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि यह अन्य पीड़ितों को भी न्याय के लिए लड़ने की प्रेरणा देगा। हमारी टीम शुरू से ही पीड़िता के साथ खड़ी रही और हम यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि उसे न्याय मिले और वह एक सम्मानजनक जीवन जी सके।”– एडवोकेट आरिफ़ ख़ान, (विक्टिम पक्ष के वकील), पॉक्सो कोर्ट, जयपुर