पंचायत पुनर्गठन का विरोध जताया:सहड़ का बास को सहड़ पंचायत में शामिल करने पर ग्रामीणों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
पंचायत पुनर्गठन का विरोध जताया:सहड़ का बास को सहड़ पंचायत में शामिल करने पर ग्रामीणों ने एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

पचेरीकलां : पचेरीकलां पंचायत के राजस्व गांव सहड़ का बास के ग्रामीणों ने पंचायत पुनर्गठन का विरोध किया है। ग्रामीणों ने एसडीएम सुमन चौधरी को ज्ञापन सौंपकर अपनी वर्तमान पंचायत में बने रहने की मांग की है। सहड़ का बास की 689 की आबादी वाला गांव वर्तमान में पचेरी कला से मात्र 2 किलोमीटर दूर है। प्रस्तावित पुनर्गठन के बाद उन्हें सहड़ पंचायत मुख्यालय तक पहुंचने के लिए 7 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करनी पड़ेगी।
ग्रामीणों ने बताया कि प्रस्तावित पंचायत मुख्यालय तक सीधा सड़क मार्ग नहीं है। उन्हें पचेरी कला, अलीपुर, रामसर और माजरी आश्रम होते हुए 13 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ेगा। सहड़ और सहड़ का बास के बीच केवल एक दुर्गम कच्चा रास्ता है, जो बरसाती नदी से होकर गुजरता है और वर्तमान में तारबाड़ से बंद है।
2005 में पचेरी कलां का विभाजन कर सहड़ का बास को अलग राजस्व गांव बनाया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि नए पंचायत परिसीमन से उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में कठिनाई होगी। उपसरपंच धर्मपाल चौरा, एडवोकेट हरेश पंवार, राधेश्याम, रामनिवास, प्रेम कुमार, सज्जन सिंह, रामचंद्र, मनीष चौरा, अनिल, संजय भूपेश, सुन्दर लाल, खेताराम, रामसिंह, श्रीराम, रामस्वरूप, गोपी पंवार सहित कई ग्रामीण प्रतिनिधि इस विरोध में शामिल थे।