सीकर कृषि मंडी में आग, फल-सब्जियां व कैश जला:जयपुर-सीकर हाइवे पर लगा जाम, बिजली लाइन की तार टूटकर गिरने से हुआ हादसा
सीकर कृषि मंडी में आग, फल-सब्जियां व कैश जला:जयपुर-सीकर हाइवे पर लगा जाम, बिजली लाइन की तार टूटकर गिरने से हुआ हादसा

सीकर : सीकर में जयपुर रोड स्थित कृषि उपज मंडी में देर रात को भयानक आग लग गई। आग लगने से गोदाम व दुकान के बाहर पड़ी लाखों रुपए की सब्जियां, फल-फ्रूट्स व दुकान में रखा लाखों का कैश जलकर राख हो गया। हादसा दुकान के ऊपर से गुजर रही बिजली की लाइन की तार टूटने से हुआ।
घटना के बाद सुबह आक्रोशित व्यापारियों ने कृषि उपज मंडी का मुख्य गेट बंद कर दिया। जिससे जयपुर-सीकर नेशनल हाईवे पर भारी जाम लग गया। जाम की सूचना मिलने पर करीब आधे घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और व्यापारियों से समझाइए कर जाम खुलवाया। कृषि उपज मंडी में लगातार हो रही वारदातों व हादसों से व्यापारियों में भारी आक्रोश है।

आग मेसर्स गौरीशंकर संस दुकान नंबर-27 के गोदाम व दुकान में लगी। दुकान मालिक सुभाषचंद्र सैनी ने बताया कि रात को करीब 12:30 बजे उन्हें सूचना मिली कि दुकान में भयंकर आग लग गई है। जिसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी गई। वह जब (सुभाषचंद्र) उपज मंडी में पहुंचा तो दुकान व गोदाम धूं-धूं कर जल रहा था। आग की लपटों ने विकराल रूप ले लिया था। दुकान मालिक का आरोप है कि घटना की सूचना तुरंत फायर ब्रिगेड को दी गई थी। लेकिन आग लगने के करीब 2 घंटे बाद फायर ब्रिगेड गाड़ियां मौके पर पहुंची। जब तक सारा सामान जलकर राख हो चुका था। फायर ब्रिगेड की 12 गाड़ियों ने 2 ढाई घंटे बाद आग पर काबू पाया।

दुकानदारों का कहना है मंडी में दुकानों के ऊपर से बिजली की लाइन गुजरती है। यह लाइन खराब होकर हर बार टूट जाती है। इसे बदलने के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों के बार-बार बताया गया है। सोमवार दोपहर को करीब 1 बजे बिजली की लाइन सही करने के लिए बिजली विभाग कर कर्मचारी आए हुए थे। कर्मचारियों ने लाइन बदलने की बजाय उसी लाइन को ही फिर से जोड़ दिया। जब दुकानदारों ने लाइन बदलने का कहा तो बिजली कर्मचारियों ने कोई सुनवाई नहीं की और लाइन बदलने से मना कर दिया।
इसके बाद उसी जगह से बिजली की तार टूटकर नीचे गिर गई। जमीन पर फल, सब्जियां, प्लास्टिक के केरेट्स रखे हुए थे। जिससे आग लग गई। धीरे-धीरे आग ने पूरे गोदाम व दुकान को अपनी चपेट में ले लिया। मंडी में रह रहे आस-पास के पल्लेदारों व मजदूरों ने जब आग की लपटें देखी तो वह आग पर काबू पाने में जुट गए। मजदूरों ने आग को दूसरी दुकानों में फैलने से रोक लिया अन्यथा 15-20 दुकानें आग की चपेट में आ जाती।

आग लगने से दुकानदार को 8 लाख से अधिक का नुकसान हुआ है। आग की चपेट में साढ़े सात हजार खाली प्लास्टिक की केरेट्स, 980 आम की भरी हुई केरेट्स, 60 कट्टे अदरक, 60 कट्टे कच्चे आम, 30 डब्बे नींबू, 65 डब्बे टमाटर अन्य सब्जियां व दुकान में रखा 4 लाख 72 हजार कैश जलकर राख हो गया। इसके साथ ही बही-खाते, डॉक्यूमेंट व बिल भी जल गए।
दुकानदार मालिक का कहना है कि इस हादसे के पीछे कृषि उपज मंडी प्रशासन, बिजली विभाग व फायर ब्रिगेड की बड़ी लापरवाही है। मंडी सेक्रेटरी कुछ काम नहीं करती जब भी व्यापारी उनके पास कोई समस्या लेकर जाते हैं तो वह कोई सुनवाई नहीं करती। दुकान मालिक की मांग है कि मंडी प्रशासन व सरकार नुकसान की भरपाई करें। इस हादसे से वह कभी उभर नहीं पाएगा।