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खेतड़ी पुलिस की हिरासत में युवक की मौत:परिजनों का आरोप-बेरहमी से पिटाई की; एसएचओ सहित 32 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर


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खेतड़ी पुलिस की हिरासत में युवक की मौत:परिजनों का आरोप-बेरहमी से पिटाई की; एसएचओ सहित 32 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

चोरी के आरोप में थाने लेकर गई थी; पिता बोले- बेटे को बेरहमी से पीटा, पैरों में सूजन थी

खेतड़ी : खेतड़ी पुलिस की हिरासत में युवक की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ग्वार चोरी के आरोप में लेकर गई थी। छोड़ने के लिए 2 लाख रुपए की मांग की। 8 दिन तक पुलिस ने बंदी बनाकर रखा। थाने में बेरहमी से मारपीट की गई, जिससे पप्पू राम मीणा (28) पुत्र हनुमान प्रसाद की मौत हो गई। परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मामला झुंझुनूं के खेतड़ी थाने का है। घटना 13 अप्रैल देर रात की है। मामले में सोमवार दोपहर SP शरद चौधरी ने पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया।

मृतक पप्पू राम मीणा
मृतक पप्पू राम मीणा

28 फरवरी को दर्ज हुआ था मामला

28 फरवरी को खेतड़ी थाने में मामला दर्ज हुआ था। पपुरना निवासी रवि गुप्ता ने रिपोर्ट में बताया था कि करमाड़ी ढाणी में उसका मकान है। जहां 200 कट्टे ग्वार के रखे हुए थे। 110 क्विंटल ग्वार की कीमत करीब 6 लाख रुपए थी।जब वह मकान पर गया तो ताला टूटा हुआ मिला और ग्वार के कट्टे गायब थे।

मामले में पप्पू मीणा को हिरासत में लिया गया था। इसके बाद 9 अप्रैल को ढाणी नौलखा, तन अजीतगढ़ निवासी दीपक मीणा उर्फ दीपू महाराज को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने चोरी की वारदात स्वीकार कर ली। गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से रिमांड पर भेज दिया गया। परिजनों का आरोप है कि पप्पू को कोर्ट में पेश नहीं किया गया।

सोमवार दोपहर पप्पू के परिजन दोपहर में खेतड़ी थाने पहुंचे। इस दौरान महिलाएं विलाप करने लगीं।
सोमवार दोपहर पप्पू के परिजन दोपहर में खेतड़ी थाने पहुंचे। इस दौरान महिलाएं विलाप करने लगीं।

पूछताछ के दौरान ​अचानक बिगड़ी तबीयत

पूछताछ के दौरान पप्पूराम को घबराहट होने लगी और थोड़ी देर बाद वह उल्टियां करने लगा। पुलिस उसे खेतड़ी के सरकारी अस्पताल में ले गई। जहां से रात एक बजे के झुंझुनूं के लिए रैफर कर दिया। झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में चिकित्सकों ने पप्पूराम को मृत घोषित कर दिया।

32 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर

मामले की गंभीरता को देखते हुए झुंझुनूं एसपी शरद चौधरी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसएचओ से लेकर कॉन्स्टेबल तक सभी को लाइन हाजिर कर दिया है। 32 पुलिसकर्मियों को खेतड़ी थाना से पुलिस लाइन झुंझुनूं भेज दिया गया है। वहां नया स्टाफ नियुक्त किया गया है। खेतड़ी में गोपाललाल जांगिड़ की जगह मांगेलाल को एसएचओ की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि मामले की जांच जारी है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा।

32 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया, आदेश की कॉपी…

भाई ने कहा कि 6 अप्रैल को पुलिस के साथ बदमाश भी आए थे:

पप्पूराम के भाई सीपुर निवासी हीरालाल ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि पुलिस छह अप्रैल को बदमाशों को साथ लेकर नयाबास गई थी। 6 अप्रैल को सुबह करीब 5 बजे उसके जीजा के घर पुलिस की गाड़ियां पहुंची। जीजा सुभाष ने पूछा तो बताया गया कि खेतड़ी थाने से आए हैं। तुमने मुल्जिम पप्पू मीणा को छुपा रखा है। नाम पूछने पर उन लोगों ने डीएसपी जुल्फिार अली, खेतड़ी सीआई गोपाललाल जांगिड़, हैडकांस्टेबल दिनेश गुर्जर, प्रमोद लाठर, बलवीर मीणा, भरत सिंह, सुनिल मेघवाल आदि बताए। इनके साथ अन्य सिपाही और चिरानी के रामनिवास लादी व रामकुमारपुरा के रमेश गिराटी भी थे। सभी ने पप्पू मीणा को जबरन गाड़ी में डाल लिया। घर में खड़ी दो पिकअप गाड़ियों को भी लेकर आ गए। उसी दिन सुबह करीब 11 बजे मेरे जीजा सुभाष के मोबाइल पर फोन आया कि मैं खेतड़ी थाने से भरत सिपाही बोल रहा हूं… आप थाने पर आ जाओ, मैं राजीनामा करवा दूंगा। उसके बाद उसी दिन दोपहर 3:09 बजे व शाम को 6:53 बजे पर वॉटसएप पर कॉल आया कि मैं खेतड़ी थाने से हैडकांस्टेबल दिनेश गुर्जर बोल रहा हूं… आप दो लाख रुपए लेकर थाने पर आ जाओ, हम लोग आपके साले पप्पू मीणा व उसके साथी दीपक मीणा व उर्फ दीपू को छोड़ देंगे। तब दो दिन बाद 8 अप्रैल को पिता हनुमान व दीपक मीणा की पत्नी सुनिता को लेकर खेतड़ी थाने पहुंचा। यहां थानाधिकारी गोपाललाल जांगिड़, एचसी दिनेश गुर्जर व सिपाही भरत ने कहा कि रुपए लाए हो क्या? हैडकांस्टेबल दिनेश गुर्जर ने थाना परिसर में ही 2 लाख रुपए ले लिए और कहा कि आप लोग घर जाओ… पप्पू व दीपक मीणा को कल छोड़ देंगे। दोनों पिकअप भी छोड़ देंगे। छोड़ा ही नहीं।

खेतड़ी थाने के गेट पर बैरिकेड्स लगाकर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
खेतड़ी थाने के गेट पर बैरिकेड्स लगाकर पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

8 दिन तक हिरासत में रखने का आरोप

भाई कानाराम ने बताया-पप्पू 6 अप्रैल को अपनी बहन के ससुराल, न्याबास गया हुआ था। इसी दौरान चार गाड़ियों में सवार पुलिस अधिकारी और कर्मचारी वहां पहुंचे और पप्पू को गाड़ी में बैठाकर खेतड़ी थाने ले गए।

जब परिजनों को इस बात की सूचना मिली कि पुलिस ने पप्पू को हिरासत में लिया है, तो वे 8 अप्रैल को खेतड़ी थाने पहुंचे, लेकिन उन्हें पप्पू से मिलने नहीं दिया गया। इसके बाद परिजन 10 अप्रैल को एक वकील के साथ थाने पहुंचे, जहां पुलिस अधिकारियों ने मौके का मुआयना और तस्दीक करवाने की बात कहकर उन्हें वापस भेज दिया।

परिजन बोले-पुलिस चौकी के कमरे में बंद रखा

परिजनों ने आरोप लगाया कि पप्पू को हिरासत में लिए जाने वाली रात को बेरहमी से पीटा गया, जिससे उसके पैरों में सूजन आ गई और वह चलने-फिरने की हालत में नहीं था। इसके बाद पुलिस ने उसे खेतड़ी थाने की बजाय निजामपुर मोड़ चौकी में एक कमरे में बंद कर दिया और कोर्ट में भी पेश नहीं किया।

पिता का आरोप- छोड़ने की एवज में 2 लाख मांगे

मृतक के पिता हनुमान प्रसाद और परिजन सुनीता मीणा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पप्पू और गिरफ्तार अन्य युवक दीपक मीणा को इस मामले से निकालने के लिए व मामला रफा-दफा करने के लिए दो लाख रुपए की मांग की। उन्होंने यह राशि थाने में दी भी, लेकिन फिर भी उन्हें नहीं छोड़ा गया।

पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा पंहुचे खेतड़ी थाने के सामने धरना स्थल पर पहुंचे।
पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा पंहुचे खेतड़ी थाने के सामने धरना स्थल पर पहुंचे।

3 भाइयों में दूसरे नंबर का था

पप्पू तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था। बड़ा भाई हीरालाल ट्रैक्टर चलाता है, जबकि छोटा भाई प्रमोद पढ़ाई करता है। पप्पू के डेढ़ साल का एक बेटा है। पप्पू पिकअप चलाकर अपने परिवार का पालन-पोषण करता था। पुलिस ने उसकी पिकअप भी जब्त कर रखी है।

18 माह पहले हुई थी शादी, डेढ़ माह का बेटा

मृतक के परिजनों ने बताया कि पप्पू राम मीणा की शादी 18 माह पूर्व हुई थी और उसका डेढ़ माह का एक पुत्र है। पप्पू पिकअप चलाकर परिवार का पालन-पोषण करता था।

प्रशासन के साथ वार्ता रही विफल

चोरी के एक मामले में पूछताछ के लिए लाए गए शिपुर, अजीतगढ़ निवासी युवक पप्पूराम मीणा (28) की मौत के बाद सोमवार को पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में ग्रामीण खेतड़ी थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। परिजनों और समाज के लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई से युवक की मौत हुई है। धरना प्रदर्शन के दौरान चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई।

यह है चार सूत्रीय मांग

थानाधिकारी समेत संलिप्त पुलिसकर्मियों पर नामजद हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी हो, मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। मेडिकल बोर्ड से निष्पक्ष पोस्टमार्टम, मामले की जांच जिले से बाहर के निष्पक्ष अधिकारी से करवाई जाए।

खेतड़ी में पुलिस थाने के सामने धरने पर बैठे पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा , परिजन व अन्य ग्रामीण

आंदोलन तेज करने की दी चेतावनी

एडिशनल एसपी झुंझुनूं देवेंद्र सिंह व फूलचंद मीणा, एडीएम झुंझुनूं अजय कुमार, थानाधिकारी मांगेलाल, उपाधीक्षक नोपाराम, उपखंड अधिकारी सुमन चौधरी व तहसीलदार सुनील कुमार ने संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल सुरेश मीणा, गोकुलचंद सैनी, मनीष कुमार घुमरिया, रामनिवास मीणा, हजारीलाल मीणा, सुनीता मीणा, सुरेंद्र फौजी, कानाराम व हीरालाल के साथ थाने में वार्ता की लेकिन मांगों पर सहमति नहीं बनी। वार्ता विफल होने पर संघर्ष समिति ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।

धरना स्थल पर जुटे लोग

धरना स्थल पर आदिवासी मीन सेना के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश मीणा किशोरपुरा, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष गोकुलचंद सैनी, पूर्व जिला परिषद सदस्य हजारीलाल मीणा, मनीष घुमरिया, सुरेंद्र फौजी, पंचायत समिति सदस्य हजारीलाल मीणा, जगमोहन गोठवाल, बलवीर छापोला, प्रकाश गुढ़ा, भीमाराम, नरेश फौजी, सुभाष मीणा, काली मीणा, रामगोपाल मीणा, श्रवण कुमार मीणा,गीगराज जोडली, राकेश पचलंगी, यज्ञ दत्त मीणा, पार्षद हरर्मेंद्र चनानिया, गोकुल चंद मेहरड़ा, नागरमल ढीकवाल, शंकर सिंह सेफरागुवार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगें नहीं माने जाने तक आंदोलन जारी रहेगा।

डीआईजी बोले : जांच को निष्पक्ष रखने के लिए हटाए 32 पुलिसकर्मी

मामले की गंभीरता को देखते हुए खेतड़ी थाने में तैनात सभी 32 पुलिसकर्मियों को हटाया गया है। इसके दो मुख्य कारण हैं, पहला, मृतक के परिवार को न्याय दिलाना और दूसरा यह सुनिश्चित करना कि कोई भी पुलिसकर्मी जांच को प्रभावित न कर सके। पद पर रहते हुए सिपाही से लेकर अधिकारी तक प्रभाव का इस्तेमाल कर सकते थे। इसलिए सभी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। युवक की मौत किन परिस्थितियों में हुई, इसकी जांच एडिशनल एसपी को सौंपी गई है। फिलहाल परिजन ने शव लेने से इनकार किया है। – शरद चौधरी, उप महानिरीक्षक, झुंझुनूं

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