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मानोता जाटान के शहीद रामकुमार सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में सरस्वती माता की मूर्ति का अनावरण


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मानोता जाटान के शहीद रामकुमार सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में सरस्वती माता की मूर्ति का अनावरण

सरस्वती माता के मंदिर का निर्माण स्वर्गीय चंदगी राम पायल की सातवीं पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति में उनके परिवार द्वारा करवाया गया

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : विजेन्द्र शर्मा 

खेतड़ी : मानोता जाटान के शहीद रामकुमार सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बुधवार को सरस्वती माता की मूर्ति का अनावरण समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रधानाचार्य सुरेश चंद्र चेजारा ने बताया कि स्वर्गीय सूबेदार चंदगीराम पायल की सातवीं पुण्यतिथि पर उनकी पत्नी अणची देवी एवं उनके भाई देवकरण पायल द्वारा विद्यालय परिसर में सरस्वती माता का मंदिर बनवाया गया है।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रामदेव पायल थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में सरपंच बहादुर मल मेघवाल, देवकरण पायल,बीरबल राम ढाका, सभाचन्द ढाका,पूर्व सरपंच अमरसिंह झाझडिय़ा आदि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य सुरेश चंद्र चेजारा ने की।कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने विधिवत सरस्वती माता की पूजा अर्चना कर उनकी मूर्ति का अनावरण किया। इस अवसर पर सूबेदार चंदगी राम पायल के परिवार द्वारा विद्यालय के समस्त विद्यार्थियों को अंग्रेजी डिक्शनरी, पेन और रजिस्टर वितरित किए गए।स्वर्गीय चंदगीराम पायल की पुण्यतिथि पर ग्रामीण एवं परिवारजनों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर पूर्व अध्यापक सभाचन्द ढाका ने सूबेदार स्व. चन्दगी राम के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सूबेदार चंदगीराम देश सेवा के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते थे एवं उनके परिवार ने इस परिपाटी को आगे बढाते हुए विद्यालय में हर वर्ष उनके पुण्यतिथि पर छात्र-छात्राओं को कभी बैग कभी जूते एवं टीशर्ट वितरित करते हैं। जो एक अनूठी पहल है।भामाशाह के पुत्र प्रदीप पायल ने विद्यार्थियों को मोबाइल के दुरुपयोग के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ मोबाइल का उपयोग जरूरत होने पर ही करना चाहिए और उसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के दौर में युवा मोबाइल पर गेम खेलने में समय व्यतीत करते हैं और आईपीएल जैसे खेलों में ऑनलाइन सटा लगाकर टीम बनाकर खेलने लग जाते हैं, जिसको लेकर अभिभावकों का कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों का ध्यान रखें और मोबाइल का कम से कम प्रयोग करने दें।कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता संजय काजला ने किया और प्रधानाचार्य सुरेश चंद्र चेजारा ने भामाशाह परिवार एवं आए हुए अतिथियों का आभार जताया।

सूबेदार चंदगी राम पायल की जीवनी से विद्यार्थियों को मिलेगी प्रेरणा: प्रधानाचार्य

प्रधानाचार्य ने कहा कि विद्यालय में सरस्वती मंदिर की स्थापना होने से विद्यार्थियों को सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। उन्होंने सूबेदार चंदगी राम पायल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उन्होंने 6 अप्रैल 1963 को भारतीय सेना में सेवा प्रारंभ की। अपनी सेवा के दौरान उन्होंने 1965 और 1971 के भारतीय पाक युद्ध में सक्रिय भागीदारी निभाकर देश सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने 26 वर्ष 24 दिन की लंबी देश की सेवा की और 30 अप्रैल 1989 को सूबेदार के पद से सेवा निवृत्ति हुए। उनका निधन 9 अप्रैल 2018 को हृदय गति रुक जाने से हो गया था। प्रधानाचार्य ने कहा कि सूबेदार चंदगी राम पायल की जीवनी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत होगी और उन्हें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।

ये रहे मोजूद

इस मौके लालचंद पायल, ईश्वर सिंह पायल, विक्रम पायल, प्रदीप पायल, हनुमान पायल, घासीराम पायल, इंद्राज पायल, धर्मपाल पायल, दलवीर पायल, प्रताप शर्मा, बनवारी पायल, रूपचंद ढाका, सुमेर पायल, मूलाराम ढाका, रविंद्र पायल, गुरुदयाल ढाका, ब्रजलाल शर्मा, चंदगीराम ढाका, श्रीचंद पायल, गुलजारी खान, दलीप ढाका, नथमल शर्मा, बृजलाल ढाका, सज्जन शर्मा, सूबेदार सज्जन ढाका, जुगलाल शर्मा, रामकुमार स्वामी, धर्मपाल स्वामी सहित विद्यालय स्टाफ विद्यार्थी एवं ग्रामीण मौजूद रहे।

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