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सीआरपीएफ का हैड कांस्टेबल डिजिटल अरेस्ट, खाते में डलवाए 65 हजार


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सीआरपीएफ का हैड कांस्टेबल डिजिटल अरेस्ट, खाते में डलवाए 65 हजार

सीआरपीएफ का हैड कांस्टेबल डिजिटल अरेस्ट, खाते में डलवाए 65 हजार

सुलताना : जिले के किशोरपुरा ग्राम पंचायत के गांव पदमपुरा के सीआरपीएफ जवान को दस महीने से डिजिटल अरेस्ट रखने का मामला सामने आया है। साइबर ठग अपने आप को जयपुर के सांगानेर थाने का इंस्पेक्टर बताते हुए जवान से हजारों रुपए की ऑनलाइन ठगी कर चुका है।

सीआरपीएफ में श्रीनगर तैनात हैड कांस्टेबल संजय कुमार ने बताया कि करीब दस महीने पहले उसके मोबाइल नंबर पर कॉल आया था कि जयपुर के सांगानेर पुलिस थाने से कांस्टेबल बोल रहा हूं। आपने किसी लड़की के साथ गलत काम किया है, आपके खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है। अगर आप मामले को रफा-दफा कराने चाहते हो तो एक लाख 20 हजार रुपए देने होंगे। इस पर पीड़ित हैड कांस्टेबल ने जयपुर के सांगानेर थाने में फोन कर पूछा तो थाने वालों ने मना किया कि आपके खिलाफ कोई एफआइआर दर्ज नहीं है। इसके बाद उसने पैसा देने से मना कर दिया। लेकिन फिर कॉल करने वाला बार-बार कॉल कर परेशान करने लगा। कभी किसी संगीन मामले में फंसाने तो कभी नौकरी से हटाने समेत अन्य प्रकार की अनर्गल धमकियां देने लगा। इससे पीड़ित डर गया और उसने बैंक मित्र पर जाकर अलग-अलग समय पर कॉल करने वाले को 65 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। बावजूद इसके अब भी साइबर ठग हैड कांस्टेबल को लगातार कॉल कर पैसे की मांग कर रहा है। इसकी शिकायत करने पीड़ित चनाना चौकी में पहुंचा। जहां पर पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे सुलताना थाने में रिपोर्ट देने की बात कही।

तेजी से बढ़ रहे साइबर ठगी के मामले

जिले में साइबर ठगी के मामलों में इजाफा हो रहा है। डिजिटल अरेस्ट समेत साइबर फ्रॉड की बीते साल करीब 3500 से करीब शिकायतें हो चुकी हैं। सबसे बड़ी गौर करने वाली बात तो यह है कि ठगो के चंगुल में पढ़े-लिखे लोग आ रहे हैं। इसमें चिकित्सक, वकील, स्कूल संचालक, इंजीनियर, चिकित्सक तक भी शामिल हैं। जिले में बीते एक साल के दौरान तीन-चार जने डिजिटल अरेस्ट हो चुके हैं।

पीड़ित नंबर ब्लॉक करता तो दूसरे नंबर से करता कॉल

शुरुआत में ठग का कॉल आया उस समय पीड़ित के पास की-पैड वाला मोबाइल था। लेकिन बाद में उसने एंड्रायड मोबाइल ले लिया। ठग अलग-अलग महीने में पीड़ित को कॉल कर डराने-धमकाने लगा और फिर वाट्सएप पर चैट के माध्यम से रुपए की डिमांड करने लगा। पीड़ित के कई बार पैसा भेजने के बावजूद भी पीछा नहीं छोड़ा। पीड़ित की ओर से बार-बार नंबर ब्लॉक कर दिए तो ठग अलग-अलग मोबाइल नंबरों से चैट और फोन करने शुरू कर दिए।

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