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461 दिन से किसानों का नहर के लिए धरना:87 साल के बुजुर्ग ने कहा- पहले 500 भेड़-बकरी पालते थे, अब पानी की कमी से भूखमरी की नौबत


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461 दिन से किसानों का नहर के लिए धरना:87 साल के बुजुर्ग ने कहा- पहले 500 भेड़-बकरी पालते थे, अब पानी की कमी से भूखमरी की नौबत

461 दिन से किसानों का नहर के लिए धरना:87 साल के बुजुर्ग ने कहा- पहले 500 भेड़-बकरी पालते थे, अब पानी की कमी से भूखमरी की नौबत

चिड़ावा : चिड़ावा के सिंघाना सड़क मार्ग स्थित लालचौक पर किसानों का यमुना नहर के लिए धरना 461वें दिन भी जारी रहा। किसान सभा के बैनर तले प्रभुराम सैनी की अध्यक्षता में चल रहे धरने में सतपाल चाहर क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। क्षेत्र की स्थिति का दर्द बयां करते हुए किढवाना गांव के 87 वर्षीय गुडदयाल नायक ने कहा कि पहले वे 500 भेड़-बकरी पालते थे। इससे जीवन चलाने में कुछ दिक्कतें आती थीं, लेकिन भूखे नहीं रहते थे। अब पानी की कमी से भूखमरी की स्थिति पैदा हो गई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार में बैठे अधिकारियों को उनकी परेशानी समझ नहीं आ रही है। उन्हें उम्मीद है कि यमुना नहर आने से उनकी जीविका बच जाएगी। शेखावाटी के किसान पानी के लिए बेचैन हैं। धरने में तहसील अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह चाहर, सचिव ताराचंद तानाण, नहर आंदोलन प्रवक्ता विजेन्द्र शास्त्री समेत कई किसान और स्थानीय लोग मौजूद रहे। आंदोलन में महिलाएं भी शामिल हुईं, जिनमें सुनिता और मोनिका प्रमुख हैं।

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