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BCR ने 236 वकीलों की प्रेक्टिस पर लगाई रोक:झुंझुनूं कोर्ट में सूची चस्पा, अधिवक्ताओं में मचा हड़कंप


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BCR ने 236 वकीलों की प्रेक्टिस पर लगाई रोक:झुंझुनूं कोर्ट में सूची चस्पा, अधिवक्ताओं में मचा हड़कंप

BCR ने 236 वकीलों की प्रेक्टिस पर लगाई रोक:झुंझुनूं कोर्ट में सूची चस्पा, अधिवक्ताओं में मचा हड़कंप

झुंझुनूं : बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) के निर्देशानुसार बार काउंसिल ऑफ राजस्थान (BCR) ने झुंझुनूं जिले के 236 अधिवक्ताओं की प्रैक्टिस पर रोक लगा दी है। इन वकीलों को डी-बार कर दिया गया है क्योंकि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अखिल भारतीय बार परीक्षा (AIBE) पास करने में असफल रहे। इस कार्रवाई के बाद जिले के वकीलों में हड़कंप मच गया है, खासकर उन अधिवक्ताओं में जो वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे थे।

झुंझुनूं बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष पूनिया ने बताया कि यह मामला बेहद गंभीर है और वकीलों के भविष्य से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “हमने बार काउंसिल ऑफ राजस्थान को ईमेल के माध्यम से परामर्श मांगा है। वहां से जवाब आने के बाद ही कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा।

कोर्ट परिसर में सूची चस्पा

बार काउंसिल के इस निर्णय के तहत झुंझुनूं कोर्ट परिसर में डी-बार किए गए वकीलों की सूची चस्पा कर दी गई है। सूची में प्रत्येक वकील का नाम, एनरोलमेंट नंबर और एलएलबी पास करने का वर्ष अंकित है। यह सूची सार्वजनिक किए जाने के बाद से प्रभावित अधिवक्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

अभिभाषक संघ, झुंझुनूं के महासचिव पवन कुमार ने बताया कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा यह सूची भेजी गई है, जिसमें उन वकीलों को डी-बार किया गया है जिन्होंने एलएलबी करने के बाद दो वर्षों के भीतर अनिवार्य AIBE परीक्षा उत्तीर्ण नहीं की।

अब ये वकील राजस्थान की किसी भी अदालत में पैरवी नहीं कर सकेंगे। लेकिन इसमें ज्यादातर उन वकीलों की लिस्ट आई है जिन्होंने 2024 या 25 में रजिस्ट्रेशन करवाया है जिनकी अभी तक परीक्षा भी नहीं हुई है जल्द ही इसकी संशोधित लिस्ट आएगी। उसके बाद ही पता चल पाएगा कि कितनों को डिबार किया गया है

15 वर्षों से प्रैक्टिस कर रहे वकीलों के भी नाम

चौंकाने वाली बात यह है कि इस निर्णय की चपेट में वे वकील भी आ गए हैं जो पिछले 10-15 वर्षों से वकालत कर रहे थे। इनमें से कई अधिवक्ता झुंझुनूं बार एसोसिएशन के चुनावों में भी भाग ले चुके हैं और कुछ तो बार कार्यकारिणी के सदस्य भी रह चुके हैं।

एआईबीई परीक्षा पास करना अब अनिवार्य

बार काउंसिल ऑफ इंडिया के नए नियमों के अनुसार जो भी अधिवक्ता एक जुलाई 2010 के बाद एलएलबी कर चुके हैं, उन्हें वकालत के पंजीकरण के दो वर्षों के भीतर AIBE परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। जो वकील इस परीक्षा में असफल रहेंगे, उनका पंजीकरण स्वतः निरस्त हो जाएगा और वे अदालत में वकालत नहीं कर सकेंगे।

वकीलों में असमंजस, आगे की राह मुश्किल

डी-बार किए गए वकीलों के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे दोबारा AIBE परीक्षा देकर अपनी योग्यता साबित करें। हालांकि, कई वकील इस फैसले से असंतुष्ट नजर आ रहे हैं और इसे अन्यायपूर्ण मान रहे हैं। कुछ वरिष्ठ वकीलों का कहना है कि बार काउंसिल को उन अधिवक्ताओं के लिए विशेष छूट देनी चाहिए जो लंबे समय से प्रैक्टिस कर रहे हैं और अब अचानक इस नियम की चपेट में आ गए हैं।

इस फैसले का असर झुंझुनूं ही नहीं, बल्कि पूरे राजस्थान में देखा जा रहा है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया की इस सख्ती के बाद अन्य जिलों में भी ऐसे वकीलों की पहचान की जा रही है जो AIBE परीक्षा पास करने में असफल रहे हैं।

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