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किसानों की मांग, सहकारी समितियों को स्थाई खरीद केंद्र बनाएं:पाटन तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन, फसल बीमा राशि और आपदा सहायता की मांग


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किसानों की मांग, सहकारी समितियों को स्थाई खरीद केंद्र बनाएं:पाटन तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन, फसल बीमा राशि और आपदा सहायता की मांग

किसानों की मांग, सहकारी समितियों को स्थाई खरीद केंद्र बनाएं:पाटन तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन, फसल बीमा राशि और आपदा सहायता की मांग

पाटन : पाटन तहसील कार्यालय में किसान महापंचायत के प्रतिनिधियों ने बुधवार को तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। किसानों ने 2019 के समझौते के अनुसार सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों को स्थायी खरीद केंद्र बनाने की मांग की। किसानों ने प्राकृतिक आपदा से नष्ट हुई फसलों की क्षतिपूर्ति की मांग की। साथ ही पिछले वर्षों की स्वीकृत राशि का भुगतान जल्द करने को कहा। जंगली जानवरों और आवारा पशुओं से फसलों और मानव जीवन की सुरक्षा के लिए उचित प्रबंध की मांग की गई।

इस दौरान बड़ी संख्या में क्षेत्र के किसान मौजूद रहे। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत स्वीकृत राशि का तत्काल भुगतान करने की मांग रखी गई। वर्ष 2023-24 में प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसलों का क्लेम स्वीकृत करने को कहा गया। सिंचाई परियोजनाओं को जल्द पूरा करने और सीकर, चूरू, झुंझुनूं जिलों में यमुना जल समझौते को लागू करने की मांग की गई।

किसानों ने सरसों और चने की खरीद तुरंत शुरू करने की मांग की। एक दिन में एक किसान से 25 क्विंटल की सीमा को बढ़ाकर 40 क्विंटल करने और खरीद अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन करने की मांग की। किसानों ने कहा कि भंडारण सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें अपनी उपज कम दामों पर बेचनी पड़ती है। राजस्थान में 2022-23 में शुरू की गई सहकार किसान कल्याण योजना के बावजूद किसानों ने सरसों 6000 रुपए प्रति क्विंटल से कम पर न बेचने का निर्णय लिया है।

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