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एसआई भर्ती परीक्षा-2021 का मामला:नकल कर एसआई बनी, एसओजी ने पुलिस लाइन झुंझुनूं से पकड़ा


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एसआई भर्ती परीक्षा-2021 का मामला:नकल कर एसआई बनी, एसओजी ने पुलिस लाइन झुंझुनूं से पकड़ा

एसआई भर्ती परीक्षा-2021 का मामला:नकल कर एसआई बनी, एसओजी ने पुलिस लाइन झुंझुनूं से पकड़ा

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका

झुंझुनूं : एसआई भर्ती परीक्षा-2021 मामले में एसओजी ने मंगलवार को एक महिला सब इंस्पेक्टर (प्रोबेशनर) को पुलिस लाइन झुंझुनूं से गिरफ्तार किया है। महिला एसआई ने भर्ती परीक्षा के हिन्दी विषय में 200 में से 184 अंक प्राप्त किए थे और 34वीं रैंक हासिल की थी। इसके बावजूद जब पुलिस लाइन झुंझुनूं में अपनी आमद दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया तो उसमें अपना पदनाम तक सही नहीं लिख पाई। एसओजी के अनुसार एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में चयनित उप निरीक्षक पुलिस (प्रोबेशनर) मोनिका (25) पत्नी विकास जाट, निवासी तारपुरा दादिया-सीकर को गिरफ्तार किया है।

मोनिका ने ब्लूटूथ डिवाइस से नकल की थी। इसके लिए नकल गिरोह के सरगना पौरव कालेर को 15 लाख रुपए दिए थे। मोनिका का एसआई भर्ती परीक्षा का सेंटर अजमेर आया था। उसने 15 सितंबर 2021 को परीक्षा दी थी। पौरव कालेर ने ब्लूटूथ से उप निरीक्षक पुलिस की लिखित परीक्षा की दोनों पारियों में पेपर पढ़वाया था। इसके चलते मोनिका ने हिन्दी विषय में 200 में से 184 अंक और सामान्य ज्ञान विषय में 200 में से 161 अंक प्राप्त किए थे। जब मोनिका इंटरव्यू में बैठी तो मात्र 15 अंक प्राप्त हुए, लेकिन लिखित परीक्षा में अच्छे अंक आने से 34वीं रैंक लगी और चयनित हो गई।

एसओजी की मानें तो मोनिका ने भी स्वीकार किया है कि पौरव कालेर को इसके लिए 15 लाख दिए थे। एसओजी द्वारा पौरव कालेर को गिरफ्तार करने पर मोनिका पुलिस अकादमी जयपुर से ट्रेनिंग के दौरान फरार हो गई थी। वह 5 जून 2024 से 2 जुलाई 2024 तक मेडिकल पर रही। इसके बाद कोई रोग प्रमाण पत्र नहीं दे पाई।

20 लाइन की अर्जी, इसमें हिंदी की 13 गलतियां

मोनिका ने पुलिस लाइन झुंझुनूं में आमद करवाने के लिए 11 नवंबर 2024 को हिंदी में प्रार्थना पत्र लिखा था। इसमें मोनिका ने कुल 20 लाइनें लिखी हैं। इसमें मोनिका ने में, निरीक्षक, प्रोबेशनर, डॉक्यूमेंट, झुंझुनूं सहित कुल 13 शब्द अशुद्ध लिखे।

मोनिका ने प्रा​र्थना-पत्र में लिखा कि मैं मेडिकल लीव पर थी। खबरें छपने से मैं डर गई ​थी, इसलिए अकादमी नहीं गई।

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