7 वंडर पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई,CS रखेंगे पक्ष:प्रोजेक्ट से पहले और कार्रवाई के फोटोग्राफ किए थे पेश, याचिकाकर्ता ने दिया था 65 पेज का काउंटर एफिडेविट
7 वंडर पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई,CS रखेंगे पक्ष:प्रोजेक्ट से पहले और कार्रवाई के फोटोग्राफ किए थे पेश, याचिकाकर्ता ने दिया था 65 पेज का काउंटर एफिडेविट

अजमेर : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों की पालना में अजमेर में 7 वंडर पर अब तक की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। इससे पहले सरकार ने 49 पेज का हलफनामा पेश किया था, जिसमें आगे की जाने वाली कार्रवाई का ब्यौरा और प्रोजेक्ट से पहले व वर्तमान फोटोग्राफ किए थे।
सरकार की तरफ से मुख्य सचिव सेवन वंडर सहित अन्य प्रोजेक्टों के लिए 2 से 6 महीने का समय सुप्रीम कोर्ट से मांग सकते है। वहीं याचिकाकर्ता अशोक मलिक (पूर्व पार्षद, बीजेपी) ने भी सरकार के एफिडेविट पर 65 पेज का काउंटर एफिडेविट पेश कर दिया है। एफिडेविट में सुप्रीम कोर्ट के उन फैसलों का हवाला दिया है, जो इस तरह के मामले थे। मलिक ने बताया-यह निर्माण पूरी तरह से अवैध और गलत है, इनको तोड़ा जाना चाहिए। इस मामले में वे अपना पक्ष खुद रखेंगे।
तोड़ने और शिफ्ट करने में होंगे करोड़ों खर्च
सरकार नेशनल एनवायरनमेंट इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) और एमएनआईटी के एक्सपर्ट्स से भी राय लेगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद स्मार्ट सिटी के तहत करीब 40 करोड़ खर्च कर बनाए गए पाथ-वे, 11.12 करोड़ के सेवन वंडर, 7.29 करोड़ के लवकुश उद्यान में बनाए गए फूड कोर्ट, करीब 11 करोड़ के गांधी स्मृति उद्यान, 15.12 करोड़ के आजाद पार्क कॉम्पलेक्स का भविष्य तय होगा। ये प्रोजेक्ट करीब 100 करोड़ रुपए खर्च कर बनाए गए हैं, अब इन्हें तोड़ने और शिफ्ट करने पर भी करोड़ों रुपए खर्च होंगे।
निर्माण से अब तक के हालात….
1. करोड़ों के कार्य करवाए
- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत आनासागर झील के आसपास व ग्रीनबैल्ट एरिए में स्मार्ट सिटी के तहत करोड़ों के विकास कार्य कराए गए।
2. पूर्व पार्षद ने एनजीटी में रिट दायर की
- बीजेपी के पूर्व पार्षद अशोक मलिक ने 11 मार्च 2023 को एनजीटी में रिट दायर की। उन्होंने आनासागर के आस-पास वेटलैंड को नष्ट करने और मास्टर प्लान की अवहेलना का मुद्दा उठाया। इसके बाद 11 अगस्त 2023 को एनजीटी की भोपाल बेंच ने निर्माणों को ध्वस्त करने का आदेश दिया।
3. सुप्रीम कोर्ट का फैसला
- सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी 2025 को अधिकारियों की याचिका खारिज कर दी और एनजीटी के आदेश की पालना के निर्देश दिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भले ही निर्माण सुंदर हो, लेकिन नियमों का उल्लंघन होने पर उसे तोड़ना अनिवार्य है।
4. जिला प्रशासन ने ये की कार्रवाई
- सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की कार्रवाई से बचने के लिए अब तक केवल फूड कोर्ट का कुछ हिस्सा तोड़ा गया है। सेवन वंडर से एक स्टैच्यू हटाया गया है। कैंटीन हटाई गई है। कुछ फर्श भी तोड़ा गया है। गांधी स्मृति उद्यान में पाथ-वे तोड़ा गया है। पाथ-वे और आजाद पार्क कॉम्पलेक्स पर कार्रवाई नहीं की गई है।
विवादित निर्माण-लागत
- 11.12 करोड़ सेवन वंडर
- 7.29 करोड़ फूडकोर्ट
- 15.12 करोड़ पटेल मैदान कॉम्पलेक्स
- 7.8 करोड़ गांधी स्मारक उद्यान
- 39.83 करोड़ पाथ वे (चौपाटी)