गुढ़ागौड़जी थाने के सामने धरना प्रदर्शन:कैलाश डूडी की गिरफ्तारी का विरोध, 5 मार्च की रात हुई थी घटना, CCTV भी आया था सामने
गुढ़ागौड़जी थाने के सामने धरना प्रदर्शन:कैलाश डूडी की गिरफ्तारी का विरोध, 5 मार्च की रात हुई थी घटना, CCTV भी आया था सामने

गुढ़ागौड़जी : गुढ़ागौड़जी थाने के सामने रविवार को सर्व समाज के लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। धरने में सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। धरनार्थियों का कहना है कि भोड़की निवासी कैलाश डूडी को झूठे मामले में फंसाकर जेल भेजा गया है, जबकि असली आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है।
धरने में शामिल लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि आपसी लड़ाई को प्रशासन ने ज़मीन विवाद का रूप देकर निर्दोष लोगों को फंसा दिया। धरनार्थियों ने कैलाश डूडी की गिरफ्तारी को गलत बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही। गुढ़ागौड़जी थाने के सामने प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि प्रशासन ने जानबूझकर कैलाश डूडी को झूठे आरोपों में फंसाया है। धरनार्थियों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले को निष्पक्ष तरीके से नहीं देखा और सिर्फ एक पक्ष की सुनवाई कर रही है।
धरने में शामिल लोगों ने मांग की कि कैलाश डूडी को तुरंत रिहा किया जाए और असली आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए। गुढ़ागौड़जी थानाधिकारी राममनोहर ठोलिया कहना है कि मामले की जांच जारी है और जल्द ही अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक प्रशासन निष्पक्ष जांच का भरोसा नहीं देता, तब तक धरना जारी रहेगा।
क्या है पूरा मामला
गुढ़ागौड़जी के भोड़की रोड पर 5 मार्च की रात को एक घटना सामने आई थी, जिसमें कुछ बदमाशों ने एक घर में घुसकर हमला किया था। यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। पीड़ित रोशन मेघवाल ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसके घर और मोटर गैरेज पर करीब 40-50 लोगों ने हमला किया, तोड़फोड़ की और जातिसूचक गालियां दीं।
रोशन मेघवाल की शिकायत के अनुसार, हमलावर 7-8 कैंपर गाड़ियों में सवार होकर आए थे और उन्होंने पहले बाड़े के गेट को टक्कर मारकर तोड़ा। इसके बाद एक जेसीबी मशीन से उनके रहवासी टिनशेड को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। गैरेज में खड़ी तीन कारें – मारुति 800, मारुति जेन, बोलेरो और एक कमांडर जीप को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। घटना के दौरान जब रोशन मेघवाल की बहन माया देवी ने बदमाशों को रोकने की कोशिश की, तो उन पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया गया। किसी तरह वह अपनी जान बचाकर वहां से भागने में सफल रहे।