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88 भामाशाहों और 30 प्रेरकों को किया गया सम्मानित:कलेक्टर बोले, भामाशाहों के सहयोग से शिक्षा में आया सुधार


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88 भामाशाहों और 30 प्रेरकों को किया गया सम्मानित:कलेक्टर बोले, भामाशाहों के सहयोग से शिक्षा में आया सुधार

88 भामाशाहों और 30 प्रेरकों को किया गया सम्मानित:कलेक्टर बोले, भामाशाहों के सहयोग से शिक्षा में आया सुधार

झुंझुनूं : शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान देने वाले भामाशाहों और प्रेरकों को सम्मानित किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा जिला स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह में जिलेभर के 88 भामाशाहों और 30 प्रेरकों को प्रशस्ति पत्र और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। इन भामाशाहों ने 2024-25 वित्तीय वर्ष के दौरान जिले की विभिन्न सरकारी स्कूलों में एक लाख से लेकर 15 लाख रुपये तक का आर्थिक सहयोग दिया, जिससे कुल मिलाकर लगभग 7 करोड़ रुपये की राशि से विभिन्न विकास कार्य करवाए गए।

भामाशाहों के योगदान से बदली सरकारी स्कूलों की तस्वीर सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में झुंझुनूं के जिला कलेक्टर रामावतार मीणा उपस्थित रहे। उनके साथ पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद थे। इस अवसर पर कलेक्टर मीणा ने भामाशाहों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनके सहयोग से सरकारी स्कूलों में संसाधनों का विस्तार हुआ है, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिल रहा है।

उन्होंने बताया कि भामाशाहों द्वारा किए गए आर्थिक सहयोग से स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशालाएं, खेल के मैदान, पेयजल सुविधाएं, शौचालयों का निर्माण और विद्यालयों के अन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है। इससे विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए अधिक सुविधाजनक और आधुनिक वातावरण प्राप्त हुआ है। कलेक्टर रामावतार मीणा ने इस अवसर पर कहा हमारा लक्ष्य यह है कि सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाया जाए ताकि वे निजी स्कूलों से भी आगे निकल सकें। इसके लिए समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा और भामाशाहों की यह पहल निश्चित रूप से अन्य लोगों को भी प्रेरित करेगी।

शिक्षा को बेहतर बनाने की दिशा में प्रेरकों की अहम भूमिका

सम्मान समारोह में 30 प्रेरकों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षा को बढ़ावा देने और बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इन प्रेरकों ने न केवल बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने में सहायता की, बल्कि उनके माता-पिता को भी जागरूक किया, जिससे जिले में विद्यालयों में नामांकन दर बढ़ाने में मदद मिली। पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी ने भी इस अवसर पर भामाशाहों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका योगदान समाज के लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि यदि समाज के सभी सक्षम लोग शिक्षा के उत्थान में अपना योगदान दें, तो आने वाली पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी और समाज समग्र रूप से उन्नति करेगा।

भामाशाहों ने शिक्षा के लिए और योगदान देने का लिया संकल्प

सम्मान समारोह के दौरान भामाशाहों ने भी शिक्षा के क्षेत्र में अपने योगदान को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि वे भविष्य में भी सरकारी विद्यालयों की स्थिति को सुधारने के लिए हर संभव सहायता देंगे। कई भामाशाहों ने विद्यालयों को डिजिटल उपकरण, स्मार्ट क्लास और पुस्तकालय की सुविधाएं उपलब्ध कराने की भी घोषणा की।

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