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सिंघानिया विश्वविद्यालय में नवनियुक्त कुल सचिव डॉ मनोज कुमार रिटायर्ड आईएएस से की गई वार्तालाप के अंश की


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सिंघानिया विश्वविद्यालय में नवनियुक्त कुल सचिव डॉ मनोज कुमार रिटायर्ड आईएएस से की गई वार्तालाप के अंश की

सिंघानिया विश्वविद्यालय में नवनियुक्त कुल सचिव डॉ मनोज कुमार रिटायर्ड आईएएस से की गई वार्तालाप के अंश की

पचेरी कलां : सिंघानिया विश्वविद्यालय में अध्यक्ष पद पर सौ भाय मान डॉ. मनोज कुमार( रिटायर्ड आईएएस) सिंघानिया विश्वविद्यालय के अध्यक्ष के रूप में अपने ज्ञान और प्रशासनिक कौशल से संस्थान को नए आयामों तक पहुंचाने में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। उनकी शैक्षणिक और प्रशासनिक पृष्ठभूमि बेहद सशक्त है, और उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर रहते हुए जटिल प्रणालियों को प्रभावी रूप से संभाला है। उनका नेतृत्व विश्वविद्यालय को उच्च शिक्षा, नवाचार, और सामाजिक परिवर्तन के क्षेत्र में एक वैश्विक विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश:

प्रश्न: विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद आपकी प्राथमिकताएं क्या है?
उत्तर: मेरी प्राथमिकता विश्वविद्यालय को शैक्षिक उत्कृष्टता और नैतिक मूल्यों का केंद्र बनाना है। हम छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अनुसंधान के नए अवसर और समग्र विकास के लिए एक सकारात्मक माहौल सुनिश्चित करेंगे। साथ ही, विश्वविद्यालय की प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पारदर्शी और कुशल बनाना हमारी प्राथमिकता रहेगी।

प्रश्न: विश्वविद्यालय के विकास के लिए आपकी दृष्टि क्या है?
उत्तर: मेरी दृष्टि है कि यह विश्वविद्यालय न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाए। हम शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार में नई ऊंचाइयों को छूना चाहते हैं। हमारे छात्र और शिक्षक वैश्विक मंच पर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करें, इसके लिए आवश्यक संसाधन और समर्थन उपलब्ध कराना हमारा उद्देश्य है।

प्रश्न: छात्रों और शिक्षकों को आप किस तरह प्रोत्साहित करेंगे?
उत्तर: छात्रों और शिक्षकों को प्रेरित करने के लिए हमने ऐसी नीतियां बनाई हैं जो उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर प्रगति को बढ़ावा दें। छात्रों के लिए कौशल विकास कार्यक्रम, इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के अवसर उपलब्ध करवायें जा रहे है। शिक्षकों के लिए शोध और शिक्षण में नवाचार को प्रोत्साहित किया जा रहा है। हम यह सुनिश्चित करने में लगे हुए है कि विश्वविद्यालय में एक सकारात्मक और सहयोगात्मक वातावरण हो।

प्रश्न: विश्वविद्यालय में जिन मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें आप कैसे हल करेंगे?
उत्तर: विश्वविद्यालय के सामने आने वाली चुनौतियों को हम प्राथमिकता के आधार पर हल करेंगे। चाहे वह शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हो, प्रशासनिक दक्षता हो, या बुनियादी ढांचे की जरूरतें हों, हम हर समस्या का स्थायी समाधान तलाशने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सभी हितधारकों से संवाद स्थापित करके और उनकी सलाह को ध्यान में रखकर समाधान की दिशा में काम करेंगे।

प्रश्न: आपने शैक्षणिक सुधार के लिए क्या कदम उठाए हैं?
उत्तर: हमने पाठ्यक्रम को रोजगार-उन्मुख बनाने के लिए अपडेट किया है और इसे आधुनिक तकनीकों और औद्योगिक जरूरतों के साथ जोड़ा है। संस्था ने अपनी कैंपस प्लेसमेंट पॉलिसी के तहत डाइकिन इंडिया जैसी अंतराष्ट्रीय औद्योगिक संगठनों को अपने साथ जोड़ा हैं, ताकि शिक्षा पूरी करने पर छात्रों को रोज़गार उपल्बध करवाया जा सके इसके अलावा, हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को को भी पूरी तरह से लागू किया हैं और छात्रों के लिए विशेष कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए हैं। अभी हाल ही के समय में संस्था ने भारतीय उद्योग परिसंघ, फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स ऐंड, पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया, वास्तुकला परिषद, राष्ट्रमंडल विश्वविद्यालय संघ, भारतीय विश्वविद्यालय संघ, ब्रिटिश काउंसिल, भारतीय विद्या भवन, स्पिक मैके, भारतीय बार परिषद, जैसे आधुनिक एवं श्रेष्ठ संस्थानों के साथ अनुबंध किया है| झुंझुनूं और महेंद्रगढ़ जिले के सभी विद्यार्थियों के लिए डी सी मैमोरियल मैडल की घोषणा की, जो कि पांच तरह की कैटगरी में दिए जाएगे। इसके अंतर्गत चयनित विद्यार्थियों को 11000/- रूपए तक की नकद राशि प्रदान की जाएगी।

प्रश्न: अभी कुछ समय पहले ही विश्वविद्यालय के एक कोर्स पे हुए विवाद के मुद्दे पर आपका क्या रुख है?
उत्तर: हमने हाल ही में संस्थान का प्रबंधन अपने हाथों में लिया है,और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम यहाँ की शैक्षिक गुणवत्ता और संस्थान की साख को बनाए रखें। यह स्थिति हमारे लिए बेहद संवेदनशील है। हालांकि,अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे सुधारें। हमने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और संबंधित नियामक प्राधिकरणों के साथ मिलकर इस समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए काम कर रहे हैं। हम इसे सुधारने और स्थिति को सही दिशा में ले जाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम संस्थान में सभी सुधारात्मक नीतियों और प्रक्रियाओं को लागू कर रहे है, ताकि भविष्य में इस तरह की कोई स्थिति उत्पन्न न हो। हमारा मुख्य उद्देश्य छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखना और उन्हें किसी भी तरह की असुविधा से बचाना है।

प्रश्न: आप विश्वविद्यालय के छात्रों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
उत्तर: मैं छात्रों से कहना चाहूंगा कि आप हमारे विश्वविद्यालय का भविष्य हैं। आपके सपनों और लक्ष्यों को साकार करना हमारा दायित्व है। अपनी पढ़ाई और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करें, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आपके पास हर संभव संसाधन और अवसर हों।

प्रश्न: अभिभावकों और समाज के लिए आपका क्या संदेश है?
उत्तर: मैं अभिभावकों और समाज को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विश्वविद्यालय आपके विश्वास और अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा। विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) से पूरी तरह से मान्यता प्राप्त है। हम न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, बल्कि छात्रों को नैतिकता, अनुशासन और समाज के प्रति जिम्मेदारी का पाठ भी सिखाएंगे।सामाजिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय ने नारी सशक्तिकरण अभियान के तहत नियमित रूप से विभिन्न कार्यक्रम जैसे आत्म रक्षा कार्यशाला निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर, वित्तीय साक्षरता और संस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी करवा रहा हैं, जिस से सभी क्षेत्रों की महिलाएं सशक्त बन सके। समय समय पर हिंदी दिवस समारोह, स्वच्छ भारत चेतना रैली और पौधरोपण जैसे जागरूक अभियान भी चलाये जा रहे हैं। झुंझुनूं जिले तथा महेंद्रगढ़ जिले के तथा नारनौल क्षेत्र के विद्यालयों में अंतर-विद्यालयी क्विज का आयोजन किया जा रहा है। कुछ संस्थानों को विश्वविद्यालय की ओर से आवश्यक सहायता भी प्रदान की जा रही है।

प्रश्न: विश्वविद्यालय को भविष्य में किस दिशा में ले जाने की योजना है?
उत्तर: हमारा उद्देश्य इस विश्वविद्यालय को शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में स्थापित करना है। हम इसे एक ऐसा संस्थान बनाएंगे जहां छात्रों और शिक्षकों को वैश्विक मानकों के अनुरूप अवसर मिलें। हमारा ध्यान न केवल शैक्षणिक प्रगति पर होगा, बल्कि छात्रों के समग्र विकास और समाज के प्रति उनके योगदान को बढ़ावा देने पर भी रहेगा। इसके लिए , मैं आप सभी से विनम्र अनुरोध करता हूँ कि नई प्रबंधक समिति के नेतृत्व में सिंघानिया संस्था से सक्रिय रूप से जुड़ें और इसके सतत विकास व प्रगति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं।

यह साक्षात्कार नई प्रबंधन समिति की नीतियों और उच्च दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ मिलकर विश्वविद्यालय को एक नया अध्याय लिखने की दिशा में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। धन्यवाद डॉक्टर साहब आपने इतना कीमती समय दिया इसके लिए आपका बार-बार आभार

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