बीजेपी-सरकार में गुर्जर कैबिनेट मंत्री नहीं होने का मुद्दा गरमाया:हर सरकार में गुर्जर समाज से कैबिनेट मंत्री रहे, इस बार केवल एक राज्य मंत्री
बीजेपी-सरकार में गुर्जर कैबिनेट मंत्री नहीं होने का मुद्दा गरमाया:हर सरकार में गुर्जर समाज से कैबिनेट मंत्री रहे, इस बार केवल एक राज्य मंत्री
जयपुर : बीजेपी सरकार में गुर्जर कैबिनेट मंत्री नहीं होने के मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है। बीजेपी नेता विजय बैंसला ने गुर्जर समाज के कार्यक्रम में समाज का एक भी कैबिनेट मंत्री नहीं होने का बयान देकर विधानसभा के बजट सत्र से पहले नई सियासी बहस छेड़ दी है। सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक हलकों तक इस पर बहस शुरू हो गई है।
भजनलाल सरकार में गुर्जर समाज से छह विधायक हैं। केवल एक मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म हैं, जो राज्य मंत्री हैं। वहीं, पिछली कांग्रेस और बीजेपी सरकारों में गुर्जर समाज से कैबिनेट मंत्री रहे हैं, इसे लेकर तुलना शुरू हो गई है।
गहलोत सरकार में गुर्जर समाज से एक कैबिनेट, एक स्वतंत्र प्रभार मंत्री थे, पायलट डिप्टी सीएम रहे
अशोक गहलोत सरकार के दौरान सचिन पायलट पहले डिप्टी सीएम और अशोक चांदना स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री थे। पायलट को जुलाई 2020 में बर्खास्त करने के बाद नवंबर 2021 में हुए मंत्रिमंडल विस्तार में शकुंतला रावत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। गहलोत सरकार के दूसरे कार्यकाल में डॉ जितेंद्र सिंह कैबिनेट मंत्री थे।
वहीं, वसुंधरा सरकार के पहले कार्यकाल में कालूलाल गुर्जर कैबिनेट मंत्री थे। दूसरे कार्यकाल में सरकार में हेम सिंह भडाना कैबिनेट मंत्री थे, जबकि कालूलाल गुर्जर सरकारी मुख्य सचेतक थे। हेमसिंह भडाना को पहले राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया था। बाद में उन्हें कैबिनेट मंत्री के पद पर प्रमोट किया था।
भजनलाल सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार होना है, उससे पहले गुर्जर समाज ने उठाई सियासी मांग
गुर्जर समाज ने ऐसे वक्त में एक भी कैबिनेट मंत्री नहीं होने का मुद्दा उठाया है, जब भजनलाल सरकार का आगे मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल होना है। गुर्जर समाज के नेता अब बीजेपी पर सियासी दबाव बनाकर मैसेज देने का प्रयास कर रहे हैं। आगे राजनीतिक नियुक्तियां भी होनी है। ऐसे में सियासी रूप से प्रेशर बनाने की इस टाइमिंग को काफी अहम माना जा रहा है।
अभी भजनलाल सरकार में 6 मंत्रियों की जगह खाली
भजनलाल सरकार में अभी सीएम के अलावा 2 डिप्टी सीएम, 12 कैबिनेट मंत्री, 4 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 5 राज्य मंत्री हैं। विधायकों की 15 प्रतिशत संख्या के हिसाब से 30 मंत्री बन सकते हैं। अभी 6 मंत्री और बनाए जा सकते हैं।