बजट के लिए प्रधान संघ ने पंचायतीराज आयुक्त को सौंपे सुझाव और मांगें
प्रधान संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सुंडा की अगुवाई में आयुक्त जोगाराम से मिले प्रधान

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : रविंद्र पारीक
नवलगढ़ : आगामी बजट में पंचायतराज को और अधिक सशक्त बनाने तथा पंचायतीराज जनप्रतिनिधियों व संस्थाओं में सामने आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए प्रधान संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सुंडा की अगुवाई में कठूमर प्रधान संगम चौधरी, उप प्रधान विश्वेंद्र चौधरी, परबतसर प्रधान ओमप्रकाश मुंडराडिया, नावां प्रधान राजेश गुर्जर तथा राजूराम मंडराडिया ने पंचायतीराज आयुक्त व सचिव सीनियर आईएएस जोगाराम से मुलाकात की। इस दौरान प्रधानों ने आयुक्त जोगाराम को पंचायतीराज को सशक्त बनाने के लिए 65 बिंदुओं का सुझाव पत्र तथा 41 बिंदुओं की मांग के दो अलग-अलग पत्र सौंपे। इस मौके पर जोगाराम के साथ हुई चर्चा में प्रधानों ने कहा कि इससे पहले तत्कालीन आयुक्त रवि जैन के साथ भी उनकी वार्ता हुई थी। काफी बातों पर सहमति बनी थी। लेकिन अब तक वो सहमति भी धरातल पर नहीं आई है। प्रधान संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सुंडा ने बताया कि राजस्थान की 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी गांवों में रहती है। जिन तक सरकारी योजनाओं को पहुंचाना, सुविधाओं को पहुंचाना और उनकी समस्याओं का समाधान कराने में पंचायतीराज संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों का बड़ा योगदान है। इसलिए आने वाले बजट में सुझावों और मांगों के अनुसार बजट प्रावधान करवाने से पंचायतराज सशक्त होगा और पंचायतराज सशक्त होगा तो गांव सशक्त होगा और गांव सशक्त होंगे तो राजस्थान सशक्त होगा।
प्रमोशन भी होंगे, रिक्त पद भी भरे जाएंगे
इस मौके पर प्रधान संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने आयुक्त जोगाराम को कहा कि पंचायतीराज विभाग में अधिकारियों की कमी है। एक अधिकारी को कई पंचायत समितियों के चार्ज दिए जाते है। जिस पर प्रधान संघ प्रदेश अध्यक्ष सुंडा ने सुझाव दिया कि पंचायतराज विभाग में इंजीनियरों व अन्य कार्मिकों-अधिकारियों के प्रमोशन किए जाए।
इन बिंदूओं को भी शामिल किया मांगों में
प्रधान संघ प्रदेश अध्यक्ष दिनेश सुंडा ने बताया कि आयुक्त जोगाराम को दिए गए मांग पत्र में पंचायत समिति को निजी आय से 10 लाख रूपए तक की निर्माण स्वीकृति जारी करने के अधिकार प्रदान करने, राजस्थान में नव सृजित पंचायत समितियां के भवन निर्माण के लिए बजट का प्रावधान अविलंब करने ताकि निर्माण कार्य पूरा हो सके पर चर्चा की गई। इसके अलावा सभी पंचायत समितियां में रिक्त पदों पर सहायक विकास अधिकारी, अतिरिक्त विकास अधिकारी, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, जेटीए आदि के पदों पर कार्मिको का पदस्थापन का कार्य पूर्ण करने, राजस्थान की समस्त पंचायत समितियों में सरकारी गाड़ी उपलब्ध करवाने, प्रधानों को राजस्थान प्रदेश में डाक बंगलों व सरकारी गेस्ट हाउस में रूकने की न्यूनतम शुल्क पर सुविधा उपलब्ध करवाने, पंचायत समिति में लगने वाले स्टाफ-कर्मचारी व अधिकारियों के पदस्थापन में प्रधान को सीधा पंचायतीराज मंत्री से मिलकर स्टाफ के लिए अनुशंसा करने तथा इन कामों में क्षेत्रीय विधायकों का हस्तक्षेप हटाने, सभी पंचायत समिति सदस्यों को भी आवश्यक रूप से मासिक मानदेय सरकार द्वारा देने, जिला परिषद एवं पंचायत समितियों में नगरपालिकाओं के तर्ज पर सहवृत्त सदस्य नियुक्त किया जाकर वोटिंग का अधिकार देने, जिला स्तरीय समस्त कमेटियों में प्रधान को सदस्य बनाने, आकस्मिक निधि की राशि में वृद्धि करते हुए एसएफसी व सीएफसी से भी दिए जाने की अनुमति प्रदान करने, पंचायत राज के अधीनस्थ पांचों विभागों में विभिन्न कार्य योजनाओं में प्रधान की भूमिका को सुदृढ़ करने के लिए अनुमति-सहमति अनिवार्य करने, प्रधान की अनुशंषा पर ही विकास अधिकारी का स्थानान्तरण अथवा पदस्थापन करने एवं पद रिक्त की स्थिति में पंचायत समिति के कार्मिकों को ही विकास अधिकारी का अतिरिक्त चार्ज देने ना कि एसडीएम-तहसीलदार व अन्य विभागों के कार्मिकों को देने की बात कही गई। चर्चा के दौरान शेड्यूल ऑफ पावर में परिवर्तन करते हुए समस्त स्वीकृतियों पंचायत समिति, नरेगा, एसबीएम इत्यादि में प्रधान की अनुमति लेने, प्रधान को अलग से पूरे महीने वाहन व ड्राइवर उपलब्ध करवाने, निजी सचिव नियुक्त करने का अधिकार देने, प्रधान का मानदेय 50 हजार किया करने, विधायक एवं सांसद की तरह भत्ते एवं पेंशन देने, उपखंड स्तरीय समस्त कमेटियों में प्रधान को अध्यक्ष मनोनीत करने, मनरेगा योजना में प्रधान का पूर्णरूप से प्रशासनिक एवं वित्तीय नियंत्रण स्थापित करते हुए भागीदारी सुनिश्चित करने, जिला स्तरीय डीएमएफटी की कमेटी में प्रधान को सदस्य नियुक्त करने एवं उनकी अनुशंषा से ही ग्रामीण इलाकों को आवश्यक कार्य स्वीकृत करने, प्रधान को पंचायत समिति का कार्यालय अध्यक्ष नियुक्त करने, ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में प्रधान की भूमिका सुनिश्चित करने, ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार द्वारा आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के लिए पंचायत समिति को अतिरिक्त बजट उपलब्ध करवाने, प्रदेश के समस्त टोल पर प्रधान के वाहन को टोल मुक्त किए जाने के आदेश पारित करने, नई पंचायत समिति और पंचायत भवन के निर्माण, फर्नीचर साज-सज्जा के लिए बजट ग्रामीण विकास की योजनाओं के बजट के अतिरिक्त बजट आवंटित करने, प्रशासन एवं स्थापना स्थायी समिति के प्रस्तावों की पूर्ण रूप से पालना करवाने, ग्राम पंचायत की तरह पंचायत समिति के पीडी खाते को भी बंद करने, पंचायत समिति सदस्यों को मासिक मानदेय दो हजार रूपए करने एवं बैठक भत्ता प्रति बैठक के हिसाब से करने, नगरपालिका की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत समिति को 90ए (भूमि रूपान्तरण) का अधिकार देने, 73वें सविधान संशोधन अधिनियम 1994 के द्वारा भारतीय संविधान की 11वीं अनुसूचि में 29 विषयों को वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार देने, सरकार की जन कल्याणकारी योजना के प्रचार-प्रसार के लिए पंचायत समिति को विज्ञापन देने का अधिकार देने, प्रधान को राजस्थान हाऊस, बीकानेर हाऊस, सर्किट हाऊस सहित राजस्थान के समस्त डाक बंगलों में ठहरने की अनुमति के आदेश जारी करने एवं सरकारी र्क्वाटर उपलब्ध करवाने तथा सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए पंचायत समिति को विज्ञापन देने का अधिकार देने की मांग की गई।