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तीन दिवसीय विवेक चिंतन उत्सव का हुआ आगाज:सामूहिक गान और भाषण प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, शिकागो धर्म सम्मेलन को लेकर हुई चर्चा


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तीन दिवसीय विवेक चिंतन उत्सव का हुआ आगाज:सामूहिक गान और भाषण प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, शिकागो धर्म सम्मेलन को लेकर हुई चर्चा

तीन दिवसीय विवेक चिंतन उत्सव का हुआ आगाज:सामूहिक गान और भाषण प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, शिकागो धर्म सम्मेलन को लेकर हुई चर्चा

खेतड़ी : खेतड़ी के रामकृष्ण मिशन संग्रहालय में शुक्रवार को तीन दिवसीय विवेक चिंतन उत्सव का आगाज हुआ। कार्यक्रम में राजकीय स्वामी विवेकानंद महाविद्यालय के प्राचार्य महिपाल कुमावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि मिशन सचिव स्वामी आत्मनिष्ठानंद महाराज ने विशेष आतिथ्य संभाला।

स्वामी रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इस अवसर पर प्राचार्य कुमावत ने एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य को उजागर किया कि स्वामी विवेकानंद का खेतड़ी से विशेष नाता रहा है। उन्होंने अपने जीवन में तीन बार खेतड़ी की यात्रा की और यहां के नरेश राजा अजीत सिंह के साथ उनका गुरु-शिष्य का पवित्र संबंध था।

विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि 1893 के ऐतिहासिक शिकागो धर्म सम्मेलन में स्वामी विवेकानंद की भागीदारी खेतड़ी रियासत के राजा अजीत सिंह के सहयोग से संभव हुई। वहां स्वामी जी ने सनातन धर्म का परचम लहराकर न केवल भारत बल्कि खेतड़ी का नाम भी विश्व पटल पर अंकित कर दिया। शिकागो से वापसी पर राजा अजीत सिंह ने पूरे कस्बे में भव्य उत्सव मनाया था।

कार्यक्रम में स्कूली और कॉलेज के विद्यार्थियों ने सामूहिक गान और भाषण प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया। स्वामी योग युक्तानंद महाराज सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया। मुख्य अतिथि ने युवा पीढ़ी का आह्वान किया कि वे स्वामी विवेकानंद के जीवन से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दें।

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