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शिक्षकों की सीएल-पीएल कटौती पर विवाद


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शिक्षकों की सीएल-पीएल कटौती पर विवाद

शिक्षक बोले, सम्मेलन में नहीं जाएं तो स्कूल में पढ़ाने की मिले अनुमति

जोधपुर : हाल ही में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घोषणा कर कहा, कि यदि शिक्षक सम्मेलनों में उपस्थिति दर्ज नहीं कराते हैं तो उनकी सीएल कैजुअल लीव और पीएल प्रीविलेज लीव काट ली जाएगी। इस आदेश के बाद शिक्षकों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों के बीच बहस छिड़ गई है। कई शिक्षकों का मानना हैं, कि सम्मेलनों में भाग लेना उनकी व्यक्तिगत इच्छा पर निर्भर होना चाहिए और इसे अनिवार्य बनाना तर्कसंगत नहीं है। इतना ही नहीं यदि शैक्षिक सम्मेलन में शिक्षक भाग नहीं लेना चाहे तो उसे स्कूल जाने की अनुमति मिलनी चाहिए। शैक्षिक सम्मेलन पर स्कूल में छुट्टी नहीं की जानी चाहिए। शिक्षकों का कहना हैं, कि कुछ लोग संघों में शामिल नहीं होते और राजनीति से दूर रहना पसंद करते हैं या किसी कारणवश दूसरे शहरों में आयोजित सम्मेलनों में भाग लेने में असमर्थ होते हैं। ऐसे में उनकी उपस्थिति को जबरन अनिवार्य बनाना और अनुपस्थिति पर छुट्टी काटना अनुचित है। शिक्षकों का सुझाव हैं, कि सम्मेलन में भाग नहीं लेने वालों को स्कूल में उपस्थित रहने की अनुमति दी जानी चाहिएए ताकि वे अपनी शैक्षिक जिम्मेदारियां पूरी कर सकें।

फर्जी उपस्थिति और सत्यापन का मुद्दा

इसके अलावा शिक्षक सम्मेलनों में उपस्थिति की जांच को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। शिक्षकों का सुझाव है कि उपस्थिति को मंच के साथ सेल्फी के माध्यम से सत्यापित किया जाना चाहिए ताकि फर्जी सर्टिफिकेट के मामलों पर रोक लगाई जा सके। यह कदम शिक्षक सम्मेलन की पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा और उन शिक्षकों को राहत देगा जो अपनी छुट्टियों पर कोई अनुचित कटौती नहीं चाहते। शिक्षा मंत्रालय को इन मुद्दों पर पुनर्विचार करते हुए शिक्षकों की स्वायत्तता और सम्मान बनाए रखने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।

भाग लेना स्वैच्छिक बनाया जाए

शिक्षक संघ अधिवेशन में भाग लेना भी शिक्षकों के लिए स्वैच्छिक बना दिया जाए। शिक्षक खेलकूद प्रतियोगिताओं की तरह विद्यालय खुले रखे जाएं जो शिक्षक अधिवेशन में भाग ले वह अपनी उपस्थिति फोटो के साथ प्रमाणित करें तभी उन्हें अवकाश का लाभ देय हो। वहीं जो किसी भी अधिवेशन में भाग नहीं लेना चाहते अथवा किसी भी शिक्षक संघ के सदस्य नहीं है उनके लिए विद्यालय जाने की सुविधा उपलब्ध हो ताकि जो अधिवेशन में भाग ले वह छुट्टी ले तथा जो अधिवेशन में भाग नहीं ले वह बच्चों की पढ़ाई को सुचारु रख सकें। – मनीषकुमार आचार्य, संभाग अध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ राधाकृष्णन जोधपुर

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