प्रजापति समाज का नव वर्ष स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित हुआ
प्रजापति समाज का नव वर्ष स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित हुआ
जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान
चुरु : जिला मुख्यालय पर नेहरू युवा केन्द्र के निकटवर्ती दक्ष प्रजापति भवन में प्रजापति समाज का नव वर्ष स्नेह मिलन का आयोजन किया । मुख्य वक्ता एडवोकेट रामेश्वर प्रजापति ने बच्चों को संस्कारित शिक्षा के साथ पढ़ाई के लिए मार्ग दर्शन की आवश्यकता पुर्ति पर विचार व्यक्त किए उन्होंने कहा कि सुस्वास्थ्य शैक्षणिक विकास की प्रथम सिढी है बच्चों को शुद्ध खान पान के साथ अंकुरित अनाज भोजन में शामिल करते हुए प्रातः जल्दी उठने की प्रेरणा दे , बच्चों को महापुरुषों की जीवनी अध्यन के लिए जिला पुस्तकालय में पढ़ने की प्रेरणा देवें , उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने कहा था कि शिक्षा शेरनी का दुध है जो पियेगा वहीं दहाड़ेगा तो हमें बचपन से ही बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए जागरूक होना समय की महती आवश्यकता है प्रजापति ने बारहवीं बाद बच्चों को कोनसी दिशा में जाना है मार्गदर्शन की आवश्यकता है उन्होंने कहा कि हमें इस बात का अफसोस है कि हमारे समय में मार्गदर्शन के अभाव में बहुत सी प्रतिभाये पसीने में ही रह गई यदि कोई भामाशाह समाज सेवी शीक्षाविद्ध उस वक्त मार्गदर्शक होता तो आज वो प्रतिभाऐ आई ए एस,आई पी एस जैसै उच्च पदों पर आसीन होते । कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि एडवोकेट भंवर लाल पेंसीया ने समाज की कुरितियां निवारण पर जोर दिया उन्होंने कहा कि दिखावा में अनावश्यक खर्च को कम करना चाहिए और वो खर्च शिक्षा पर करना चाहिए, कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भामाशाह नोरतमल कीरोड़ीवाल ने समाजसेवा में अग्रणी भूमिका निभाने वाले कार्यकर्ताओं को अपने सम्बोधन की शुरुआत समाज के सभी सदा सुखी रहो के सम्बोधन से की । उन्होंने कहा कि बालिका शिक्षा पर हमें चिंतन करना चाहिए देहाती बालिकाओं के छात्रावास का अभाव होने के कारण उच्च शिक्षा नहीं ग्रहण कर पाती है उनके लिए छात्रावास की व्यवस्था होनी चाहिए। कार्यक्रम का लेखा-जोखा पार्षद लिखमी चन्द टांक ने पेश किया। कार्यक्रम में दक्ष प्रजापति भवन के अध्यक्ष गोपाल राम बेरवाल, नारायण किरोड़ी वाल चिरंजीलाल घन्टेलवाल, लिखमाराम कुदाल, मनीष कुमावत, हुणता राम सीरसवा ने विचार व्यक्त किए, कार्यक्रम में नारायण डाबला, सोहनलाल किरोड़ी वाल, मनफुल भाटीवाल, पुर्ण मल घोड़ेला, किशन किरोड़ी वाल, ओमप्रकाश मारवाल, लेखुराम निमीवाल, सनील डाल, धड़सीराम सींमार, शंकर कुदाल, ताराचंद पेंसिंया, मनीराम सींमार आदि ने सहभागिता दी कार्यक्रम का संचालन दयाचंद प्रजापत ने किया।