अजमेर : ख्वाजा साहब के 813वें उर्स में शामिल होने आए 89 पाक जायरीन का जत्था शुक्रवार को अजमेर रेलवे स्टेशन से स्पेशल ट्रैन से रवाना हुआ। स्टेशन पर इसके लिए विशेष बंदोबस्त किए गए। जीआरपी और स्थानीय पुलिस सभी के द्वारा कोच में जायरीनों को बैठाने से पहले उसकी जांच की गई। सभी जायरीनों को पुरानी मंडी स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से रेलवे स्टेशन तक बसों में लाया गया। जिससे कि इनके साथ इनका लगेज भी सुरक्षित एवं व्यवस्थित तरीके से ट्रेन तक पहुंचे, इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए।
स्टेशन पर रहे सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त
पाकिस्तानी जायरीन स्पेशल ट्रेन के जरिए पाकिस्तान की ओर रवाना हुए। इस दौरान अजमेर रेलवे स्टेशन पर जिला पुलिस, जीआरपी, आरपीएफ सहित सुरक्षा एजेंसी अलर्ट मोड पर रही। जायरीनों की चेकिंग के बाद ही उन्हें स्टेशन पर प्रवेश दिया गया। चेकिंग के बाद उन्हें ट्रेन में बैठाया गया।
पाकिस्तान सरकार की दरगाह में चढ़ाई थी चादर
पाक जायरीनों के द्वारा 6 जनवरी को ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 813 वें उर्स में पाकिस्तान सरकार व खुद की तरफ से दरगाह में चादर चढ़ाई थी। नया बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से कड़ी सुरक्षा के बीच जुलूस के रूप में दरगाह पहुंचे थे। दरगाह कमेटी की ओर से चादर चढ़ाने के बाद सभी की दस्तारबंदी कर तबरुक भेंट किया गया था।
परिवार के लिए की गई खरीदारी
पाकिस्तान लौटे जायरीनों ने अपने परिवार और जरूरत के सामान की खरीदारी की है। जायरीनों ने हेलमेट, ज्वेलरी, कपड़े, आयोडेक्स, साड़ियां, बिस्किट, सोन पापड़ी और सोन हलवा, बीकाजी नमकीन सहित कई सामान खरीदा है। उन्होंने बताया कि वह अपने परिवार की जरूरतों और पसन्द के अनुसार यहां से कुछ तोहफा लेजाना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने यहां से जितनी उन्हें इजाजत दी गई उन्हें बाजारों में घूम अपने परिवार के लिए अलग-अलग चीजें खरीदी है।
40 लाख की खरीदारी की गई
पाक कोऑर्डिनेटर सुरेश सिंधी ने बताया कि 89 जायरीन और 2 पाक एंबेसी के अधिकारी सहित कुल 91 लोग आज वापस ट्रेन से पाकिस्तान के लिए रवाना हो गए हैं। चार दिन तक उर्स का सभी ने आनंद लिया है। सभी जायरीन काफी खुश थे।
सिंधी ने बताया कि सिर्फ एक दिन के लिए सभी को खरीदारी की अनुमति दी गई थी। जिसमें उन्होंने प्रेशर कुकर, सोन पापड़ी, नमकीन, चाय साड़ी, सलवार सूट सहित बहुत सारी चीज खरीदी है। 40 लाख रुपए की खरीदारी की है। उन्होंने बताया कि भारत के मुकाबले पाकिस्तान में यह सारा सामान बहुत महंगा मिलता है, इसलिए यहां से खरीदारी करते हैं।
भारत-पाकिस्तान के लिए मांगी दुआ
उर्स में हम खाली झोली लेकर आए थे। लेकिन यहां से भरी हुई झोली लेकर जा रहे हैं। यहां से काफी कुछ खरीदा है। अजमेर का मशहूर सोन हलवा सहित अन्य मिठाइयां और कई सामान खरीदा है।
एक जायरीन ने बताया कि भारत-पाकिस्तान दोनों मुल्कों के बीच भाईचारा बना रहे और दोनों देश इसी तरह धार्मिक यात्रा निभाते रहे इसे लेकर दरगाह में दुआ की है।
पिछले साल से कम खरीदारी
पिछले साल 812वें उर्स में 200 से ज्यादा जायरीन पाकिस्तान से अजमेर आए थे। करीब 6 दिन की यात्रा के दौरान उन्होंने 2 करोड रुपए की खरीदारी की थी।
लेकिन इस साल एंबेसी के द्वारा करीब 89 जायरीनों को ही परमिशन दी गई। इस दौरान एक दिन खरीदारी का उन्हें मौका मिला था। इस लिए कुल 40 लाख की खरीदारी की गई।
जायरीन ने कहा कि पाकिस्तान में भारत से 5 गुना मंहगाई है। इसलिए वह हर बार यहां से हेलमेट और अन्य सामान खरीदते हैं। दोनों देशों के समान में क्वालिटी में भी काफी फर्क है।