न्यायालय के आदेश पर 36 साल बाद ट्रस्ट की सम्पति को करवाया अतिक्रमण मुक्त
तीन दुकानों एवं छतरी की भूमि को करवाया अतिक्रमण मुक्त

रतनगढ़ : रतनगढ़ के अशोक स्तम्भ के पास बनी छतरी और उसके आगे दुकान बिक्री करने के मामले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने तीन दुकानों और छतरी की भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाया है। इसका कब्जा ट्रस्ट के प्रतिनिधि को सुपुर्द किया गया है। ट्रस्ट के एडवोकेट घनश्यामचंद्र सोनी और मुरलीधर सोनी ने बताया कि 1988 में जुगलदास गनेड़ीवाल चैरिटेबल ट्रस्ट ने एक वाद कोर्ट में दायर किया था। वाद में यह उल्लेख किया गया था कि अशोक स्तम्भ के पास स्थित गनेड़िया छतरी की सार संभाल श्रीरामग्रंथाकर समिति को सौंपी थी, लेकिन समिति ने उक्त छतरी के आगे की भूमि, जो शहर के स्टेशन व अशोक स्तंभ रोड से जुड़ी हुई थी। उस पर 21 दुकानों की बिक्री कर दी थी। मामला निचली अदालतों से होता हुआ हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां पर कोर्ट ने चैरिटेबल ट्रस्ट के पक्ष में फैसला सुनाया। 2015 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद दिसंबर 2024 को विशिष्ट सिविल कोर्ट के आदेश जारी कर पुलिस प्रशासन को उक्त स्थान से तीन दुकान और छतरी की भूमि को खाली करवाकर ट्रस्ट के सुपुर्द करने के आदेश दिए थे। रतनगढ थाना के एसआई देवी सहाय के निर्देशन और कोर्ट कर्मचारियों की मौजूदगी में भारी पुलिस जाब्ता मौके पर पहुंचा। तीन दुकानों और भूमि को खाली करवाकर ट्रस्ट के प्रतिनिधि को सुपुर्द की है।