चेतना रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कोटपूतली में पुलिस द्वारा मीडियाकर्मियों के साथ किये गए दुर्व्यवहार के लिए चिड़ावा में पत्रकारों ने ज्ञापन दिया
चेतना रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कोटपूतली में पुलिस द्वारा मीडियाकर्मियों के साथ किये गए दुर्व्यवहार के लिए चिड़ावा में पत्रकारों ने ज्ञापन दिया
चिड़ावा : चिड़ावा में प्रेस क्लब के सदस्यों ने आज तहसीलदार को ज्ञापन दिया है। कोटपूतली में बोरवेल में गिरी 3 वर्ष की अबोध बच्ची चेतना के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा मीडियाकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किये जाने को लेकर तहसीलदार कमलदीप पूनिया को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में दुर्व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों को निलम्बित किए जाने की मांग की गई है। आपको बता दें कि कोटपूतली में 10 दिन पहले खुले पड़े बोरवेल में 3 साल की चेतना खेलते हुए गिर गई थी। बच्ची को बाहर निकालने के लिए प्रशासन द्वारा एक मुश्किल रेस्क्यू ऑपरेशन लॉन्च किया था जिसके बाद बुधवार को उसे बाहर निकाल लिया गया था। हालांकि चेतना को बचाया नहीं जा सका था। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ऐसे कई मौके आए जब मौके से कवरेज कर रहे मीडियाकर्मियों का वहां मौजूद पुलिसकर्मियों के साथ तीखी बहस हुई थी। बच्ची को बाहर निकालने के बाद बीडीएम हॉस्पिटल में पुलिसकर्मियों ने मीडियाकर्मियों के साथ हाथापाई भी की, जिसके वीडियो भी वायरल हुए हैं।
पुलिसकर्मियों और प्रशासन के लोगों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार को लेकर आक्रोशित पत्रकारों ने चिड़ावा में तहसीलदार कमलदीप पूनिया को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में बताया गया है कि बीते कुछ समय से किसी भी अभियान घटनाक्रम ऑपरेशन की कवरेज के दौरान मीडिया से जुड़े हुए रिपोर्टर/फोटोग्राफर के साथ पुलिस व प्रशासन द्वारा किए जाने वाले अभद्र व्यवहार की घटनाएं बढ़ती जा रही है। लोकतंत्र में मीडिया को महत्वपूर्ण मानते हुए चौथे स्तम्भ की संज्ञा दी गई है। ऐसे में मीडियाकर्मियों के साथ होने वाली इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में इस ज्ञापन के माध्यम से आपसे यह मांग की जाती है कि कोटपूतली में जिन पुलिसकर्मियों ने फर्स्ट इंडिया न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर के साथ हाथापाई की है, उन्हें तुरन्त प्रभाव से निलम्बित किया जाए। ताकि लगातार इस तरह का आचरण करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों पर अंकुश लग सके। ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि अगर सम्बन्धित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की अनदेखी की जाती है, और कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो मजबूरन इसके लिए प्रदेशव्यापी आन्दोलन की रणनीति बनानी होगी तथा तमाम सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करना पड़ेगा। तहसीलदार कमदलदीप पूनिया को ज्ञापन देने वालों में विनोद शर्मा, विपिन कुमार महमिया, रजनीकांत मिश्रा, विशाल महमिया, वेदान्त तिवाड़ी, अमित शर्मा, राहुल तोदी, मनीष शर्मा, राजेंद्र, अनूप हर्षवाल सहित अन्य पत्रकार शामिल थे।