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पुण्य स्मरणः- युवाओ के प्रेरणा स्रोत, स्वतन्त्रता सेनानी रामेश्वर चौधरी की 107 वी जयंती पर श्रद्धांजलि


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पुण्य स्मरणः- युवाओ के प्रेरणा स्रोत, स्वतन्त्रता सेनानी रामेश्वर चौधरी की 107 वी जयंती पर श्रद्धांजलि

पुण्य स्मरणः- युवाओ के प्रेरणा स्रोत, स्वतन्त्रता सेनानी रामेश्वर चौधरी की 107 वी जयंती पर श्रद्धांजलि

जनमानस शेखावाटी सवंददाता : रविंद्र पारीक 

नवलगढ़ : जांगिड़ अस्पताल परिसर में स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय रामेश्वर चौधरी की 107वीं जयंती बड़े श्रद्धा भाव से मनाई गई। इस अवसर पर नवलगढ़ की विभिन्न संस्थाओं द्वारा उन्हें पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

कार्यक्रम की शुरुआत में डॉ. दयाशंकर जांगिड़ ने स्व. रामेश्वर चौधरी के जीवन और उनके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि चौधरी साहब युवाओं के आदर्श थे। उनका मधुर स्वभाव, समाजसेवी दृष्टिकोण, नशा विरोधी गतिविधियों में सक्रियता, उत्कृष्ट कृषक कार्य, कट्टर कांग्रेसी दृष्टिकोण और देशभक्ति की भावना हमेशा युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत रही। डॉ. जांगिड़ ने बताया कि चौधरी साहब का देहांत 104 वर्ष की आयु में हुआ था। वे हमेशा संतुलित आहार, सकारात्मक सोच, कड़ी मेहनत को जीवन का आदर्श मानते थे। उनका जीवन सादगीपूर्ण और आदर्शों से ओत-प्रोत था।

बाय सरपंच तारा पूनिया जो स्व. रामेश्वर चौधरी की पुत्रवधु हैं, ने कहा कि वह अपने आप को सौभाग्यशाली महसूस करती हैं कि उन्हें इस महान व्यक्तित्व की सेवा करने का अवसर मिला।

कार्यक्रम में कवि सज्जन जोशी और रमाकांत सोनी ने ‘आओ कर ले उनका वंदन’ कविता के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की। ओमप्रकाश सैन ने मानवता पर आधारित गीत प्रस्तुत कर श्रद्धांजलि दी। स्व. रामेश्वर चौधरी के सुपुत्र विनोद पूनिया ने भी अपने पिता के जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी दी और उनके योगदान को याद किया।

इस कार्यक्रम में अलायंस क्लब, शब्दाक्षर, संजीवनी, भारत स्काउट गाइड के सदस्य भी उपस्थित थे। उन्होंने स्व. रामेश्वर चौधरी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए और सम्मानित अतिथियों के साथ श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम में मुरली मनोहर चोबदार, डॉ. मनीष, डॉ. मीनाक्षी, इंजीनियर हरीराम सैनी, सीतराम वर्मा, सुहित पाडिया, पंकज शाह, महेन्द्र सैनी, विष्णु सैनी, आलोक, अर्जुनलाल सैनी, टी.एम. त्रिपाठी, गंगाधर मील और जांगिड़ अस्पताल का स्टाफ भी उपस्थित था। अंत में धन्यवाद ज्ञापन मुरली मनोहर चोबदार ने किया।

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