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जयपुर में लव मैरिज करने वाली युवती की हत्या:भाई को कॉल कर कहा था- भैया… पति-ससुराल वाले मुझे मार देंगे, इनको पैसे दे दो


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जयपुर में लव मैरिज करने वाली युवती की हत्या:भाई को कॉल कर कहा था- भैया… पति-ससुराल वाले मुझे मार देंगे, इनको पैसे दे दो

जयपुर में लव मैरिज करने वाली युवती की हत्या:भाई को कॉल कर कहा था- भैया... पति-ससुराल वाले मुझे मार देंगे, इनको पैसे दे दो

जयपुर : जयपुर में युवती की हत्या कर दी गई। आरोप है कि दहेज के लिए पति और ससुराल वालों ने उसे मारकर घर के एक कमरे में फंदे पर लटका दिया। उसकी बॉडी पर चोट के निशान थे। युवती के पिता ने दावा किया कि घटना से कुछ देर पहले ही बेटी (युवती) ने अपने चचेरे भाई को कॉल कर कहा था- भैया… पति-ससुराल वाले मुझे मार देंगे, इनको पैसे दे दो। करीब पांच महीने पहले ही युवती ने लव मैरिज की थी। पूरा मामला रामनगरिया थाना इलाके का है।

घर से भागकर की थी शादी

युवती के पिता अशोक तंवर ने बताया- मैं नंदपुरी इलाके में रहता हूं। मेरा ​सब्जियों का बिजनेस है। जुलाई-2024 में बेटी हर्षिता तंवर (26) घर पर बिना बताए चली गई थी। बेटी के लापता होने पर महेश नगर थाने में गुमशुदगी दर्ज करवाई थी। करीब एक महीने तक लापता बेटी को ढूंढने के प्रयास करने पर भी पता नहीं चला। एक महीने बाद हर्षिता ने कॉल कर बताया- मेरी मोबाइल पर पंकज मोदी से बातचीत हुई थी। पंकज के साथ मैं भागकर आई हूं। जुलाई के पहले सप्ताह में ही गाजियाबाद नोएडा में आर्य समाज मंदिर में शादी भी कर ली है। लव-मैरिज करने के बाद 15 दिन वहां रहने के बाद जयपुर स्थित पंकज मोदी के घर पर ही रह रही हूं। अशोक तंवर ने बताया कि हमने बेटी की इस शादी को स्वीकार कर लिया था। दशहरा के समय दोनों (बेटी-दामाद) आए घर भी आए थे।

दहेज लिए करने लगे टॉर्चर

अशोक तंवर (मृतक के पिता) ने बताया- बेटी की लव मैरिज को स्वीकार करने के बाद वह पति के साथ हमारे घर आने-जाने लगी थी। इस बीच पंकज (दामाद) और उसके घरवालों ने हर्षिता को दहेज के लिए टॉर्चर करना शुरू कर दिया था। काफी समय तक बेटी हर्षिता दहेज की मांग को लेकर मारपीट की बात भी परिजनों से छिपाती रही। पति आए दिन शराब पीकर मारपीट करता था। दहेज लाने के लिए धमकाता था। यहां तक धमकी देता था कि दहेज नहीं लाई तो तुझे छोड़ दूंगा। पंकज के घरवाले भी दहेज के लिए टॉर्चर कर तलाक लेने का दबाव बनाने लगे थे।

चोट के निशान दिखाए थे

अक्टूबर-2024 में बेटी हर्षिता अपने घर (पीहर) आई थी। वो उदास थी। कारण पूछने पर उसने कलाई पर चोट के निशान दिखाए थे। हर्षिता ने बताया था कि पंकज ने शराब के नशे में चाकू से काटकर उसे जान से मारने की कोशिश की थी। उसने 5 लाख रुपए मांगे हैं। हर्षिता की खुशी के चलते पंकज को समझाया गया था और 5 लाख रुपए देकर उसे ससुराल भेज दिया था।

15 दिसंबर को कमरे में लटकी मिली थी लाश

हर्षिता का शव रामनगरिया थान इलाके के प्रताप नगर स्थित सीबीआई कॉलोनी में रात 8 बजे फंदे से लटकता हुआ मिला था। इसके बाद पति पंकज उसे जयपुरिया हॉस्पिटल लेकर पहुंचा था, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया था। हॉस्पिटल स्टाफ ने हर्षिता के ताऊ को कॉल कर मौत की सूचना दी थी।

जांच अधिकारी एसीपी सांगानेर विनोद कुमार शर्मा ने बताया- इस घटना के बाद पिता अशोक तंवर की ओर से रामनगरिया थाने में पंकज समेत उसके परिवार के खिलाफ दहेज के लिए हत्या करने का मामला दर्ज करवाया गया था। मामला दर्ज होने के बाद 17 दिसंबर को एफएसएल टीम सीबीआई कॉलोनी पहुंची और सबूत जुटाए।

दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद FSL की टीम 17 दिसंबर को CBI कॉलोनी पहुंची थी और सबूत जुटाए थे।
दहेज हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद FSL की टीम 17 दिसंबर को CBI कॉलोनी पहुंची थी और सबूत जुटाए थे।

मरने से पहले चचेरे भाई को किया था कॉल

जांच अधिकारी एसीपी सांगानेर विनोद कुमार शर्मा ने बताया- हर्षिता ने मरने वाले दिन अपने ताऊ के बेटे लोकेश को कॉल किया था। वह अपने चचेरे भाई लोकेश को कॉल कर अपने दुख-दर्द की बात करती रहती थी। 15 दिसंबर को दोपहर डेढ़ बजे उसने कॉल कर लोकेश को कहा था- भैया… पंकज और ससुराल वाले मुझे मार देंगे। इनको पैसे दे दो। आप पापा से बोल दो मैं आपके पास आना चाहती हूं।

पढ़िए बातचीत के प्रमुख अशं…

बहन (हर्षिता) – हां भईया।

भाई (लोकेश) – क्या कर रहा है बेटा?

बहन – कुछ नहीं। बैठी थी अभी तो।

भाई – अच्छा। मैं ऐसे कह रहा हूं शाम को आएंगे हम और भईया तेरे पास।

बहन – हां। भाई – और बेटा एक चीज का ध्यान रखना। तुम लोगों ने जब एक्शन लिया था, उस समय थाने में हम लोगों का नाम लिखवाया था। फिर हमारे पहुंचने पर किसी भी प्रकार की दिक्कत-परेशानी हुई। तो तेरे स्टेटमेंट आने चाहिए कि मैंने बुलाया था भाईया और लोगों को।

बहन – हां, मैं बोल दूंगी, मैंने बुलाया था। इसने (पति पंकज) दोस्तों के साथ दारू पीकर मारपीट की है मेरे साथ।

भाई – क्या? बहन – हां, अपने दोस्तों के साथ गया था। दारू पीकर आया है और मारपीट की है कल इसने।

भाई – कुछ गलत थोड़ी किया? और वैसे कुछ भी।

बहन – नहीं, भाई – ठीक है शाम को आ रहे हैं हम लोग

बहन – और ये खुद को इतना बोलता है कि मैंने कुछ नहीं किया बस। अपने मम्मी-पापा के सामने सब बोलेगा, हां किया है। जब मैं बोलती हूं ना वीडियो बना रही हूं। तब बोलता है मैंने कुछ नहीं किया, तुम झूठे इल्जाम लगा रही हो। तुम मेरे साथ कर रही हो। तुमने ये किया है वो किया है। मेरे पर सारा आरोप डाल देता है।

भाई – तुम एक ही जगह पर रहते हो ना। दोनों मम्मी-पापा के साथ ही रहते हो ना।

बहन – हां। भाई – तो इसके मम्मी-पापा को पता नहीं चलता कि ये ऐसी हरकत करता है।

बहन – मैं चिल्लाती हूं तो इसके मम्मी-पापा ऊपर तक नहीं आते। कोई कुछ नहीं करता।

बहन – इसकी मम्मी ने तो बोल दिया कि तुम तलाक ले लो।

भाई – अच्छा, ऐसे तक बोल दिया। बहन – हां, इसलिए ही आजकल ये इतना उड़ रहा है।

भाई – हां। बहन – तब तक ये चुप था कुछ नहीं कर रहा था। अब इसके सबके नाटक बदल रहे हैं।

भाई – अच्छा, तो वे भी एक तरह से सपोर्ट में ही हैं इसके।

बहन – मेरे को फर्स्ट महीने से ही दूर जाना था। लेकिन मेरे बयान नहीं होने दिए। मेरा फोन तक छूने को नहीं दिया।

भाई – अच्छा, तेरे बयान होने से भी इसने ही रोक रखा था तेरे को।

बहन – हां, ये बोलता था कि तू पलट जाएगी। तू वहां पर बोलेगी तो मैं वहां पर नहीं होने दूंगा। नहीं होने दूंगा बयान।

भाई – बेटा, जब तेरे पास हमारे नंबर थे, तो बोलना चाहिए था ना उसी टाइम पर। बहन – नहीं करने दिया। मेरे फोन की सारी रिकॉर्डिंग इसके पास रहती थी। मेरा फोन आधे टाइम इसके पास रहता था।

बहन – चेक करता था मैसेज जब आपके आते थे ना। ये मुझे बोलता था- ये मैसेज करना है।

भाई – अच्छा।

बहन – फिर अब बोलता है कि मैंने कुछ नहीं कहा था। तुम्हारे पास सब कुछ था। तुम्हारे पास ही था तुम्हारा फोन। चली जाती इतना ही था तो।

बहन – मैं एक बार चली भी गई थी यहां से। फिर ये जबरदस्ती लेकर आए। तू नहीं आएगी तो मैं ये करूंगा वो करूंगा। ऐसी धमकियां देकर।

बहन – झूठ जब तो बहुत अच्छा बना गया कि तू जो कहेंगी वो कर लूंगा। बस तू आ जा एक बार।

भाई – बेटा, इतने टाइम से बताना चाहिए था ना। कितने टाइम से बात हो रही है मेरी।

बहन – नहीं करने दी। भाई – नहीं दशहरे से पहले की बात है। दशहरे गए कितना टाइम हो गया। जब अपनी बात हुई थी।

बहन – मैं इतनी गलती कर दी कि मेरा कोई साथ नहीं देगा। फिर मैं नहीं बता पाई। ये हर वक्त बोलता था- तेरे घरवाले तेरे को मारना चाहते हैं। तेरे लिए कुछ नहीं करेंगे ये लोग।

भाई – तो ऐसा होता है क्या? एक बात बता- मारना चाहते हैं मारना चाहते हैं। बैठकर बात होती है। कोई मारपीट होती है क्या? करना होता तो कब का हो जाती ऐसी चीजें।

बहन – ऐसा बोल रखा है कि कोर्ट में आए थे ना तेरे घरवाले तो बोल रहे थे। मेरे को लड़के से मतलब नहीं है, हमको लड़की दे दो। हम उसका देखेंगे क्या करना है?

भाई – तेरे को कौन बोला ये बात। बहन – इन्होंने बोला है, इनके वकील ने बोला है।

भाई – इनके वकील ने बोला है?

बहन – हां। भाई – बेटा ये तो बहुत गलत हुआ ना अब। तू देख कैसे अब मतलब, तूने कैसे एक्शन लिया और बेटा तुझे क्या मिला है।

बहन – मैंने स्टार्टिग में बहुत झूठ बोलकर शादी की। ये सब कुछ झूठ था, जो स्टार्टिंग में बोला था। मेरा फायदा उठाया है बस। मेरी फैमिली मेरे को सपोर्ट नहीं करती। फैमिली में जो हो रहा था ना उस सबका फायदा उठाया इसने। हां, अब बोलता है मैंने तो उठाया है। क्या कर लेगी? जिसको बोलना है बोल दे, कोई कुछ नहीं उखाड़ सकता मेरा। ये दोस्तों के पीछे बोलता है। जब-जब दोस्तों के पास जाता है, इसके यही नाटक होते हैं। रात को एक-एक, दो-दो बजे आता है। और यही सब करता है।

भाई – चल ठीक है अभी आते हैं हम लोग तेरे पास। ठीक है ना। बहन – हां।

भाई – तो बेटा, तू अकेली पड़ गई थी तो पुलिस को भी कर सकती थी ना एक बार कोशिश करके देखती।

बहन – फिर वो था ना घरवालों को लाते थे। इसलिए मैंने नहीं कहा।

भाई – घरवालों का लाते तो ले आते थे। तू इतना परेशान हो रही है, तब घरवालों से बात होती तो समझ में आती कि घरवाले क्या चाहते हैं?

बहन – मैं हद हो गई ना, जब जाकर आई हूं। मैं पांच महीने से यही सोच-सोच कर परेशान हो रही हूं। जब मेरी हद हुई ना, जब जाकर मैंने आपको बताया।

बहन – वरना मैंने आपको भी कुछ नहीं बोला था। मेरे डिसीजन के चलते मैंने सोचा था मेरी ही गलती है। ये जो हो रहा है वो मेरी ही वजह से हो रहा है मेरे साथ।

भाई – चल कोई नहीं बेटा करते हैं। कुछ तो करना ही पड़ेगा। ठीक है आते हैं हम लोग आज।

बहन – हां।

भाई – ठीक।

सास-ससुर बेटे से कहते थे- तलाक दे दो

हर्षिता ने चचेरे भाई लोकेश से कहा था- कुछ दिन पहले पति पंकज शराब पीकर आया था। मारपीट की थी। वह मेरे साथ मारपीट करता है और मैं चिल्लाती हूं तो सास-ससुर भी नहीं आते। वे बार-बार ये ही कहते है कि इसे तलाक दे दे। भाई ने बताया कि इसी बातचीत के दौरान किसी ने हर्षिता के हाथ से मोबाइल फोन ​छीनकर कॉल काट दिया। कुछ देर बाद उसके मौत की सूचना मिली।

पति बोला- मुझसे गलती हो गई

पिता ने बताया कि जयपुरिया हॉस्पिटल से सूचना मिलने पर हम पहुंचे। मॉर्च्युरी के पास ही हर्षिता का पति पंकज अपने दोस्त के साथ खड़ा दिखाई दिया। हर्षिता के शव को देखने पर शरीर पर चोट के निशान थे। देखने पर रस्सी से गला घोंटने के जैसा निशान थे। बाहर आने के दौरान पंकज वहां से भागते दिखाई दिया। हर्षिता के बारे में पूछने के लिए पीछा कर पंकज को पकड़ा। पकड़ने पर बोला- मुझसे गलती हो गई। इसी बीच छुड़ाकर भाग निकला।

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