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इच्छामति बटालियन 12 दि राजपुताना राइफल्स: 15 दिसंबर 1971 की ऐतिहासिक लड़ाई और शहीदों को श्रद्धांजलि


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इच्छामति बटालियन 12 दि राजपुताना राइफल्स: 15 दिसंबर 1971 की ऐतिहासिक लड़ाई और शहीदों को श्रद्धांजलि

इच्छामति बटालियन 12 दि राजपुताना राइफल्स: 15 दिसंबर 1971 की ऐतिहासिक लड़ाई और शहीदों को श्रद्धांजलि

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : चंद्रकांत बंका

झुंझुनूं : झुंझुनूं के शहीद स्मारक पार्क में 12 राजपुताना राइफल्स (इच्छामति बटालियन) के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी, जेसीओ और जवानों ने 15 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के खिलाफ लड़ा गया युद्ध में वीरगति को प्राप्त शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर वीरांगनाओं का सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मेजर जनरल प्रभु सिंह राठौड़, लेफ्टिनेंट अमित सिंह बारहराजरिफ रहे। इस कार्यक्रम में अतिविशिष्ट अतिथि मेजर सुभाषचंद्र, ज्ञानचंद, विनोद काजला, शीशराम, हवलदार अनिल, भुपेंद्र,केशरी, सुबेदार नेमीचंद, श्याम सिंह, सुबेदार राधेश्याम अतिविशिष्ट अतिथि के रुप में मंचस्थ रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुबेदार मेजर रणजीत सिंह ने की ।

श्रद्धांजलि सभा में जनरल प्रभु सिंह राठौर (सेवानिवृत्त) ने बटालियन के ऐतिहासिक योगदान पर प्रकाश डाला और बताया कि 15 जनवरी 1968 को बटालियन को 31वीं बटालियन राजपुताना राइफल्स के रूप में पुनर्गठित किया गया था। इसके बाद से बटालियन ने कई महत्वपूर्ण मिशनों में भाग लिया, जिनमें 1971 का भारत-पाक युद्ध प्रमुख था।

15 दिसंबर 1971 की ऐतिहासिक लड़ाई
इच्छामति और खड़खड़िया नदियों के पास, 12 राजपुताना राइफल्स ने पाकिस्तान की 48 पंजाब बटालियन के खिलाफ शानदार विजय प्राप्त की। बटालियन ने पाकिस्तान के तीन प्रमुख ट्रेनिंग सेंटरों (शेदपुर, रंगपुर और विनाजपुर) पर कब्जा किया और शत्रु के हथियारों, गोला-बारूद और सैन्य सामग्री को जब्त किया। इस संघर्ष के दौरान बटालियन के कई वीर सैनिकों ने अद्वितीय साहस का परिचय दिया।

राइफलमैन प्रेम सिंह और राइफलमैन छगन सिंह को मरणोपरांत “वीर चक्र” से सम्मानित किया गया, जबकि सुबेदार अभय राम को “सेना मेडल”, और लांस नायक सांवत सिंह तथा लांस नायक देवा सिंह को “मेंशन इन डिस्पैचेस” सम्मान प्राप्त हुआ।

वीरांगनाओं का सम्मान
इस कार्यक्रम में बटालियन के वीर सैनिकों की वीरांगनाओं को सम्मानित किया गया, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • रजनी देवी (पत्नी हवलदार आनंद)
  • कमलेश (पत्नी हवलदार बलवीर सिंह)
  • मनोज देवी (पत्नी सुबेदार रामचंद्र)
  • कंचन देवी (पत्नी राइफलमैन राजेश)
  • अंजू (पुत्री राइफलमैन मानसिंह)
  • मंजू देवी (पत्नी हवलदार कैलाशचंद्र)
  • भारती देवी (पत्नी सुबेदार धर्मेश सांगवान)
  • अनिता देवी (पत्नी राइफलमैन पवन कुमार)
  • गुलाब कंवर (पत्नी राइफलमैन छगनसिंह)
  • सम्पत्ति देवी (पत्नी सुबेदार करणसिंह)
  • कमला देवी (पत्नी नायक हनुमान सिंह)

कार्यक्रम में बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर जयसिंह शेखावत, लेफ्टिनेंट अमित सिंह, सुबेदार गोपीचंद, सुबेदार रामकरण, सुबेदार गोपालसिंह और 15 अन्य जवानों ने भाग लिया। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों और वीरांगनाओं की समस्याओं को सुना और उन्हें बटालियन से संपर्क करने की सलाह दी। इस अवसर पर कलेक्टर रामावतार मीणा ने भी संवाद किया और किसी भी समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।

कार्यक्रम संयोजक
कार्यक्रम का संयोजन हवलदार केशर सिंह द्वारा किया गया, जिन्होंने इस कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम का खुबसूरत मंच संचालन सुबेदार मेजर सुभाष एवं सुबेदार विजयपाल काजला ने किया। 12 राजपुताना राइफल्स की वीरता और बलिदान को नमन करते हुए, आज हम उनके अद्वितीय साहस और बलिदान को याद करते हैं। उनका योगदान भारतीय सैन्य इतिहास में सदैव अमिट रहेगा।

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