जनमानस शेखावाटी संवाददाता : सुभाष चन्द्र चौबदार
नवलगढ़ : संत कृष्णानंद सरस्वती महाराज के निर्वाण दिवस के अवसर दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत बावड़ी गेट स्थित श्री कृष्ण कुटीर में गीता जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए महेश मिश्र ने बताया कि मुख्य वक्ता के रूप में ठा.आनन्दसिंह थे, अध्यक्षता मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी अशोक शर्मा ने की, विशिष्ट अतिथि के रूप में डूंडलोद पालिका चेयरमैन हरफूल पूनिया, डॉ.दयाशंकर जांगिड़, शिक्षाविद डा.वीरपाल सिंह शेखावत, वैध रामकृष्ण शौनक, रामकुमार सिंह राठौड़ रहे। सबसे पहले मंचस्थ अतिथियों ने गीता की पूजा की उसके बाद आदर्श विद्या मंदिर की छात्राओं ने सामूहिक गीता पाठ किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ वीरपाल सिंह ने कहा कि गीता मात्र एक ग्रन्थ नहीं है अपितु यह सनातन हिन्दू धर्म की नींव है जिसके माध्यम से आज भी हजारों वर्ष पुराना हमारा सनातन धर्म अडिगता से खड़ा है। वैध रामकृष्ण ने अपने उद्बोधन में कहा कि गीता हमे जीवन को किस प्रकार से जीना चाहिए इसकी प्रेरणा देती है और आगे किस प्रकार सकारात्मक रह कर अपने कर्तव्य पथ पर चलना है यह सिखाती है।
डॉ दयाशंकर जांगिड़ ने कहा युवाओं को गीता से प्रेरणा लेनी चाहिए और आज जिस प्रकार युवा अवसाद में आ जाता है उस से आगे निकलकर यह सीखना चाहिए गीता के माध्यम जीवन की सारी समस्याओं के हल संभव है। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए ठा.आनन्दसिंह ने कहा गीता एक तरह से संपूर्ण मानव जीवन का दर्शन है यदि आज दौड़ भाग के जीवन में हमें सफलता के रहस्य को जानना है तो गीता का अध्ययन सबसे अच्छा माध्यम है यह हमारी सनातन संस्कृति का वह आधार है जिसके माध्यम से हम प्रत्येक समस्या का समाधान तो खोज ही सकते है साथ ही हमारी संस्कृति किस किस रूप में वर्षों से फलीभूत हुई है यह भी जान सकते है इसलिए हमें संकल्प लेना चाहिए हर घर में रोज गीता पाठ अवश्य हो। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य शिक्षा ब्लॉक अधिकारी अशोक शर्मा ने कहा आज के युवाओं में गीता के प्रति पुनः जागृति आई है इसलिए हम सभी को मिलकर सामूहिक प्रयास करने चाहिए जिस से गीता का प्रचार प्रसार अधिक से अधिक हो ओर सभी इसका लाभ ले सके। कार्यक्रम के अंत में रामकुमार सिंह राठौड़ ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में मोहनलाल चूड़ीवाल, दीपचंद पवार, त्रयंबकेश्वर मणि त्रिपाठी, ख्याली राम गुर्जर, विनोद कुमार सैनी, कमल किशोर पंवार, पंडित शंकर शर्मा, नेमीचंद शर्मा, किशन लाल गुर्जर, रणवीर सिंह गुर्जर, हीरालाल मिश्रा, रमाकांत सामरा,योगेंद्र मिश्रा, भानु प्रकाश छापोला, मुरारी लाल इंदौरिया, राजेंद्र कुमार शर्मा,मुरली मनोहर चौबदार, प्रोफेसर गिरधारी लाल, रामस्वरूप घुघरवाल, देवी प्रसाद मिश्र, विनोद कुमार, रमेश वर्मा, सीताराम वर्मा, कमलकिशोर पंवार, लक्ष्मीकांत डीडवानिया, रवि प्रकाश ढंड, अर्जुन लाल सैनी, कालूराम झाझरिया, फूलचंद सैनी, मनीष बगड़िया, रतनलाल नारनौलिया, सज्जन कुमार जोशी, विमल कुमावत, रमाकांत शर्मा, महेश कुमार दाधीच, वी.डी.रस्तोगी, राम मोहन सेकसरिया, सुरेश कुमावत सहित मातृशक्ति उपस्थित रही।