सादुलपुर : अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश राजगढ़ द्वितीय ने 9 साल पुराने अवैध डोडा पोस्त छिलका तस्करी के मामले में आरोपियों को सात साल की सजा सुनाई है।
अपर लोक अभियोजक सुनील बसेर ने बताया-11 जनवरी 2015 को तत्कालीन सिधमुख थाना अधिकारी बलराज मान ने सिद्धमुख से भादरा पर गौशाला के सामने नाकाबंदी शुरू की तो सिद्धमुख की तरफ से एक स्लेटी रंग की कार आती दिखाई दी। जिसको रुकने का इशारा किया तो कार चालक ने कार को तेज गति से भादरा की तरफ भगाया। जिस पर शक होने पर कार का पीछा किया तो करीब15-16 किलोमिटर आगे जाकर कार अनियंत्रित होकर कार मिटटी की मेड पर चढ़ गई।
थानाधिकारी कार के पास पहुंचा तो कार में ड्राइवर सीट पर एक व्यक्ति बैठा था और दूसरा व्यक्ति गाड़ी से उतर नीचे बैठा था, ड्राइवर को नाम पता पूछा तो ड्राइवर ने अपना नाम विरेन्द्र सिंह (35) पुत्र हनुमान सिंह निवासी वार्ड नं 10 टिब्बी थाना टिब्बी, दूसरे ने अपना नाम मोहम्म्द जुबेर उर्फ काला (40) पुत्र हकनवाज निवासी राठी खेड़ा थाना टिब्बी जिला हनुमानगढ़ होना बताया।
कार को भगाने का कारण पूछा तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, कार की तलाशी ली तो कार की डिग्गी में तीन प्लास्टिक कट्टों में 47 किलो चूरा पोस्त भरा मिला। जिसका उनके पास कोई लाइसेंस और परमिट नहीं होना बताया। अवैध चूरा पोस्त को जब्त कर, आरोपी के खिलाफ थाना पर मामला दर्ज किया गया। जांच अधिकारी ने आरोपी विरेन्द्र सिंह और मोहम्मद जुबेर उर्फ काला के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में न्यायालय में चालान पेश किया। आरोपी विरेन्द्र सिंह और मोहम्मद जुबेर उर्फ काला को दोषी मानते हुए सात-सात साल के कठोर कारावास और 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।