ताले से बाहर नहीं निकल रही ब्लड सेपेरेशन मशीन:2 साल बाद भी नहीं मिली अनुमति, मरीजों को नहीं मिल रहा फायदा
ताले से बाहर नहीं निकल रही ब्लड सेपेरेशन मशीन:2 साल बाद भी नहीं मिली अनुमति, मरीजों को नहीं मिल रहा फायदा

झुंझुनूं : झुंझुनूं जिले के सबसे बडे़ राजकीय बीडीके अस्पताल में ब्लड सेपरेशन मशीन लंबे समय से धूल फांक रही है। यहां आने वाले मरीजों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। इसके पीछे का कारण संचालन के लिए लाइसेंस नहीं मिलना है। इसको लेकर जिम्मेदार भी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
करीब दो साल पहले बीडीके अस्पताल में ब्लड सेपरेशन मशीन आ गई थी। लेकिन लाइसेंस आज तक नहीं मिला है। दो साल से मशीन ताले में ही बंद है। ब्लड सेपरेशन यूनिट शुरू नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी थैलेसीमिया के मरीजों को हो रही है। उन्हें पीआरबीसी (पैक्ड लाल रक्त कणिकाओं) के बजाय सीधा खून ही चढ़ाया जा रहा है।
जबकि डॉक्टरों की माने तो इन रोगियों को पीआरबीसी चढ़ाया जाए तो ज्यादा अच्छा रहता है। इसके बावजूद इस तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा। मशीन शुरू हो जाए तो केवल थैलेसीमिया के मरीजों को ही नहीं बल्कि डेंगू सहित अन्य बीमारियों के मरीजों को भी राहत मिल सकती है। क्योंकि थैलेसीमिया के रोगियों को पीआरबीसी, डेंगू के मरीजों को प्लेटलेट्स, बर्न के मरीजों को प्लाज्मा व एफएफपी व एड्स के मरीजों को डब्ल्यूबीसी की जरूरत पड़ती रहती है।
पीएमओ राजवीर राव ने बताया कि लाइसेंस के लिए अप्लाई किया हुआ है। जल्द ही अनुमति मिल जाएगी। लाइसेंस मिलते ही इसे शुरू कर दिया जाएगा।
80 से ज्यादा थैलेसीमिया के रोगी ले रहे इलाज
फिलहाल बीडीके अस्पताल में वर्तमान में थैलेसीमिया के काफी मरीज इलाज ले रहे हैं। अस्पताल में जरूरत के हिसाब से 82 मरीज हैं, जिन्हें पीआरबीसी की जरूरत पड़ती है। लेकिन मशीन का संचालन नहीं होने से इन्हें सीधा ही खून चढ़ाया जाता है।
इसलिए जरूरी है सुविधा
कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट में ब्लड में से उसके प्लाज्मा, आरबीसी, प्लेटलेट्स को अगल कर जरूरतमंद मरीजों को दिया जा सकता है। इससे एक यूनिट ब्लड तीन लोगों दिया जा सकता है। फिलहाल यह यूनिट नहीं होने से एक यूनिट ब्लड एक ही मरीज को दे रहे हैं।
अगर जिला अस्पताल में यह यूनिट शुरू होती है तो इसका सीधे तौर पर थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी के मरीजों को मिलेगा। इससे काफी हद तक उन्हें राहत मिलेगी।
लाइसेंस नहीं मिला
राजकीय भगवानदास खेतान अस्पताल में दिसंबर 2022 में ब्लड सेपरेशन मशीन आ गई थी। लेकिन अभी तक इसके संचालन के लिए लाइसेंस नहीं मिला है। जिम्मेदारों का कहना है कि लाइसेंस के लिए फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग (एफडीए) से अनुमति लेनी पड़ती है।
एफडीए लाइसेंस जारी करता है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से संबंधित विभाग को लाइसेंस के लिए अप्लाई किया जा चुका है। यूनिट के संचालन के लिए दो टेक्निकल सुपरवाइजर लगाए जा चुके हैं।