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26 नवंबर: संविधान दिवस, लोकतंत्र के मूल्यों का पर्व


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26 नवंबर: संविधान दिवस, लोकतंत्र के मूल्यों का पर्व

26 नवंबर: संविधान दिवस, लोकतंत्र के मूल्यों का पर्व

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद आरिफ चंदेल

झुंझुनूं : भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन 1949 में भारत का संविधान तैयार कर लिया गया था और इसे औपचारिक रूप से स्वीकार किया गया। यह दिवस हमारे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों, नागरिक अधिकारों और कर्तव्यों को समझने और संविधान के महत्व को सम्मान देने का अवसर प्रदान करता है।

संविधान की प्रमुख विशेषताएं

लोकतांत्रिक ढांचा: भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है, जो देश को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में परिभाषित करता है।

मूल अधिकार: यह संविधान प्रत्येक नागरिक को स्वतंत्रता, समानता, और अभिव्यक्ति जैसे अधिकार प्रदान करता है।

मूल कर्तव्य: नागरिकों को उनके कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है।

संविधान दिवस का महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में संविधान दिवस की शुरुआत की थी, जिसे डॉ. भीमराव अंबेडकर को सम्मानित करने और संविधान के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू किया गया। यह दिवस हमें हमारे संविधान की प्रस्तावना और उसमें निहित उद्देश्यों को समझने की प्रेरणा देता है।

देशभर में इस दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक पाठ, संविधान निर्माण प्रक्रिया पर संगोष्ठी और सेमिनार, स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

संविधान दिवस हमें याद दिलाता है कि यह दस्तावेज़ केवल एक कानूनी ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह हमारे देश के हर नागरिक के अधिकारों, कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का मार्गदर्शक है। आइए, इस संविधान दिवस पर हम अपने लोकतांत्रिक मूल्यों को और मजबूत करने का संकल्प लें।

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