थप्पड़कांड के आरोपी नरेश मीणा से जेल में मिले किरोड़ी:समरावता में मंत्रियों को झेलनी पड़ी ग्रामीणों की नाराजगी; बोले- न्याय दिला दो,वरना हम मरेंगे
थप्पड़कांड के आरोपी नरेश मीणा से जेल में मिले किरोड़ी:समरावता में मंत्रियों को झेलनी पड़ी ग्रामीणों की नाराजगी; बोले- न्याय दिला दो,वरना हम मरेंगे
टोंक : कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा बुधवार दोपहर 2 बजे थप्पड़कांड विवाद में टोंक जेल में बंद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा समेत 53 आरोपियों से मिले। किरोड़ीलाल ने कहा कि देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए समरावता गांव के पोलिंग बूथ पर वोटिंग के दौरान अधिकारी से मारपीट नहीं होनी चाहिए थी।
जो कार्रवाई रात के समय पुलिस की ओर से की गई थी, वह भी गलत थी। पास में तालाब था। बड़ी जनहानि हो सकती थी। सरकार इस मामले को लेकर गंभीर है। निर्दोष लोगों के साथ न्याय होगा। हम बंद लोगों की जमानत के प्रयास करेंगे। ग्रामीण चाहेंगे तो इस मामले की जूडिशियल जांच भी करा देंगे।
इसके बाद किरोड़ी शाम 4 बजे गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम के साथ समरावता गांव पहुंचे। वहां उन्हें ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। एक ग्रामीण ने कहा कि दोषी घूम रहे और निर्दोष जेल में हैं। हमें न्याय दिला दो, वरना हम सरकार के खिलाफ मरेंगे। यह सुनते ही किरोड़ी बेढ़म को लेकर भीड़ में से बाहर आ गए और जयपुर के लिए रवाना हो गए।
किरोड़ी बोले- समरावता ही नहीं, 28 गांव उनियारा में शामिल होंगे
मीडिया से बातचीत में किरोड़ी ने कहा- जेल में बंद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा समेत अन्य बंदियों से बातचीत हुई है। उन्होंने पुलिस कस्टडी में लड़कों से मारपीट की शिकायत की है। मैं इसको लेकर मुख्यमंत्री से मिलूंगा। गिरफ्तार लोगों से पुलिस कस्टडी में मारपीट से चोटें आने की बात सामने आई है। मुख्यमंत्री से शिकायत की जाएगी।
किरोड़ीलाल ने कहा- गांव में नुकसान की भरपाई की जाएगी। अब समरावता ही नहीं, उस क्षेत्र के 28 गांव उनियारा में शामिल होंगे। इस मामले में अब तक मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नहीं बोलने पर किरोड़ी ने कहा- मैं बोल रहा हूं ना। मैं बोल रहा हूं, वही सरकार बोल रही है।
‘कांग्रेस सरकार में कितने मामलों की न्यायिक जांच हुई’
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट सहित अन्य नेताओं की ओर से इस मामले की न्यायिक जांच की मांग पर किरोड़ी ने कहा- कांग्रेस नेता बैठ-बैठे बयान दे रहे हैं। उनको सड़क पर उतरना चाहिए। मेरी तरह यहां आते। उनकी कांग्रेस सरकार में कितने मामलों की न्यायिक जांच हुई है। सरकार समरावता के मामले में जो कर रही है, उसमें किसी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी।
समरावता गांव में झेलनी पड़ी ग्रामीणों की नाराजगी
जयपुर से किरोड़ीलाल के साथ टोंक आए गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम जेल में बंदियों से मिलने नहीं गए। वे टोंक में नेशनल हाईवे 52 पर एक जगह रुक गए थे। बाद में दोपहर सवा तीन बजे दोनों मंत्री एक साथ आगे-पीछे समरावता रवाना हुए।
किरोड़ीलाल और बेढम शाम करीब 4 बजे समरावता पहुंचे, जहां उन्हें ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों पर लाठियां बरसाने वाली पुलिस और SDM अमित चौधरी पर अब तक कार्रवाई नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने किरोड़ीलाल से कहा कि पहले इन दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज करो।
एक ग्रामीण ने खड़े होकर कहा कि SDM कलेक्टर को बुला लेते तो ये कांड नहीं होता। अभी तक दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीण ने किरोड़ीलाल से कहा कि आप पर दबाव किसका है। इस पर किरोड़ी बोले कि जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी। ग्रामीण ने कहा कि दोषी घूम रहे और निर्दोष जेल में हैं। हमें न्याय दिला दो, वरना हम सरकार के खिलाफ मरेंगे।
यह कहते ही किरोड़ीलाल ने बेढम को हाथ पकड़ कर कुर्सी से उठाया और भीड़ में से लेकर बाहर आ गए। फिर वे जयपुर के लिए रवाना हो गए। इस दौरान लोगों ने नरेश मीणा जिंदाबाद के जमकर नारे लगाए। मंत्री करीब आधा घंटा रुके।
SDM को जड़ दिया था थप्पड़
दरअसल, देवली-उनियारा विधानसभा के समरावता (टोंक) गांव में उपचुनाव में वोटिंग (13 नवंबर) का बहिष्कार किया गया था। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ग्रामीणों के साथ धरने पर बैठे थे।
इसी दौरान नरेश मीणा ने अधिकारियों पर जबरन मतदान करवाने का आरोप लगाया था। उन्होंने पोलिंग बूथ में घुसने की कोशिश। इसके बाद बाहर आकर SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था।
वोटिंग का टाइम खत्म होने के बाद पोलिंग पार्टियों रवाना हो गईं। इसके बाद मौके पर हंगामा हो गया। पुलिस की गाड़ी और जीप तोड़ दी गई थी। इस बीच पुलिस ने रात करीब 9:30 बजे नरेश मीणा को हिरासत में ले लिया था। मीणा के समर्थकों को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, वे और भड़क गए थे।
सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण ने पुलिस को घेर लिया और मीणा को छुड़ाकर ले गए थे। पुलिस के लाठीचार्ज करने पर नरेश मीणा के समर्थक भड़क गए और पथराव-आगजनी कर दी थी।
बवाल में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इनमें 10 पुलिसवाले भी शामिल थे। वहीं, 14 नवंबर सुबह करीब 9.30 बजे नरेश मीणा अचानक समरावता गांव पहुंचे थे और पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया था। दोपहर करीब 12 बजे नरेश मीणा को गिरफ्तार किया गया था।