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लोग बोले- प्रशासन ने हमारे घर उजाड़ दिए:सीकर में नवलगढ़ पुलिया फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए तोड़े अतिक्रमण, कलेक्ट्रेट के बाहर धरना


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लोग बोले- प्रशासन ने हमारे घर उजाड़ दिए:सीकर में नवलगढ़ पुलिया फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए तोड़े अतिक्रमण, कलेक्ट्रेट के बाहर धरना

लोग बोले- प्रशासन ने हमारे घर उजाड़ दिए:सीकर में नवलगढ़ पुलिया फोरलेन प्रोजेक्ट के लिए तोड़े अतिक्रमण, कलेक्ट्रेट के बाहर धरना

सीकर : सीकर में नवलगढ़ पुलिया फोरलेन प्रोजेक्ट का काम जल्द शुरू होने वाला है। आज सुबह से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इधर, विरोध में कुछ दुकानदार व स्थानीय लोग कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठ गए हैं।

महिला विमला ढ़ाका का कहना है- उनका पूरा परिवार शादी में गया हुआ था। इस दौरान प्रशासन ने पीछे से बिना उन्हें सूचना दिए उनका मकान तोड़ दिया और सामान को उठाकर बाहर फेंक दिया। मकान तोड़ने की सूचना पर जब हम अपने घर पहुंचे तो प्रशासन ने उन्हें अंदर घुसने नहीं दिया। उनका सामान सड़क पर बिखरा हुआ है।

कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे लोग।
कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे लोग।

गौतम सिंह ने बताया- पुलिया के पास उनका मकान है। प्रशासन ने हमारा पट्टेसुधा मकान तोड़ दिया है। अगर किसी के पास पट्टेसुधा मकान होता है तो क्या वह अतिकर्मी हो जाता है। क्या पट्टा लीगल डॉक्यूमेंट नहीं है। नगर परिषद ने उन्हें मकान का पट्टा दिया था और निर्माण स्वीकृति दी। इसके बाद उसने बैंक से लोन लेकर मकान बनाया। अब प्रशासन कह रहा है कि यह मकान मार्केट एरिया में है।

उन्होंने कहा- प्रशासन ने हमारा घर उजाड़ दिया और हमें मुआवजा भी नहीं मिला। यहां लोग 1960 से रह रहे हैं। सभी अतिक्रमी कैसे हो गए। अगर यह अतिक्रमण वाली जमीन थी तो पीडब्ल्यूडी ने जमीन दी ही क्यों और 65 साल बाद अब क्यों आई। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि उन्हें मुआवजा दिया।

अतिक्रमण किए हुए घर व दुकानें तोड़ी गई।
अतिक्रमण किए हुए घर व दुकानें तोड़ी गई।

आपको बता दें कि नवलगढ़ पुलिया फोरलेन और प्रोजेक्ट के लिए जिला प्रशासन द्वारा 27 दुकानों और 6 मकान को अतिक्रमण मानते हुए उन्हें नोटिस जारी करके 19 नवंबर शाम 4 बजे तक अतिक्रमित जगह से अपना सामान हटाने के लिए नोटिस जारी किया गया था। जिसके बाद आज अलसुबह से ही अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई की जा रही है।

नवलगढ़ पुलिया फोरलेन प्रोजेक्ट के राज्य सरकार के द्वारा 83.01 करोड रुपए की स्वीकृति जारी की गई थी। इस प्रोजेक्ट का काम हरियाणा की धारीवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी करेगी। करीब 2 साल में पुलिया फोरलेन का काम पूरा हो जाएगा।

फोरलेन पुलिया बनाने के लिए तोड़े गए अतिक्रमण।
फोरलेन पुलिया बनाने के लिए तोड़े गए अतिक्रमण।

पुलिया फोरलेन होने के साथ ही दोनों तरफ फुटपाथ भी होगा। दोनों साइड से सीढ़ियां नीचे की तरफ जाएगी। जिससे कि लोगों को पैदल चलने के दौरान पुलिया पार करने के लिए पूरा रास्ता न तय करना पड़े। आपको बता दें कि नवलगढ़ पुलिया से रोजाना हजारों वाहन गुजरते हैं। सीकर शहर को यह रास्ता झुंझुनू और दिल्ली से जोड़ता है। इसके साथ ही शहर में सबसे ज्यादा कोचिंग और स्कूल भी नवलगढ़ और पिपराली रोड पर संचालित होती है। इसलिए हजारों लोगों का आवागमन पुलिया से होता है। पुलिया के फोरलेन होने के दौरान पुरानी पुलिया पर ट्रैफिक जारी रहेगा।

हालांकि, आज से अतिक्रमण तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी गई हो लेकिन लोगों में अभी भी संशय बना हुआ है। क्योंकि अतिक्रमण की जगह जिनके दुकान और मकान से उनका कहना है कि उन्हें किसी भी तरह का कोई मुआवजा नहीं मिला है। ऐसे में अब उनके सामने बड़ा संकट खड़ा हो चुका है।

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