सरदारशहर मंडी में व्यापारी और किसानों के बीच नोंक-झोंक:मंडी प्रशासन के खिलाफ दे रहे थे धरना, बाहर से हो रही खरीद को बंद कराने की मांग
सरदारशहर मंडी में व्यापारी और किसानों के बीच नोंक-झोंक:मंडी प्रशासन के खिलाफ दे रहे थे धरना, बाहर से हो रही खरीद को बंद कराने की मांग

सरदारशहर : मंडी व्यापार संघ ने सोमवार को कृषि उपज मंडी कार्यालय के सामने सोमवार को धरना देकर मंडी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान व्यापारियों ने मंडी के बाहर अवैध रूप मूंगफली की मिल और कुछ बाहर के व्यापारियों द्वारा अनाजों की हो रही खरीद पर अंकुश लगाने की मांग की।
मंडी व्यापार मंडल के अध्यक्ष शिवरत्न सर्राफ ने कहा कि जो भी व्यापारियों का निर्णय होगा। इसको एक साथ लेकर चलेगें। इसी प्रकार पूर्व मंडी अध्यक्ष इंद्राज सारण व भागिरथ डूडी ने कहा कि मंडी परिषर से बाहर हो रही खरीद पर अंकुश लगाने के लिए मंडी प्रशासन को कई बार बोला गया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर मजबूर होकर धरना लगाना पड़ा है। अब अगर समाधान नहीं किया गया तो मजबूर होकर बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
लक्ष्मीपति रातुसरिया और श्यामलाल तावनिया ने कहा कि मंडी प्रशासन इस समस्या का समाधान करे तो सरकार को राजस्व आय बढ़ेगी।

किसान और अनाज व्यापारियों के बीच नोंक-झोंक
कृषि उपज मंडी में धरने पर बैठे हुए अनाज व्यापारियों से कुछ किसानो ने कहा कि बीकानेर, लूणकरनसर मंडी में किसानों को बेचे हुए अनाज का तुरंत भुगतान किया जाता है। जबकि यहां पर किसान को पैसे लेने के लिए यहां के अनाज व्यापारी से पैसे लेने के लिए दस दिन बाद दिया जाता है और बोली के दौरान मंडी में मनर्जी के बोली लगाते हैं। जबकि बाहर नगदी पैसे में अच्छे भाव देते हैं। इसलिए हम मंडी के अंदर बेचना पसंद नहीं करते हैं। इसके बाद किसान और अनाज व्यापारियों के बीच नोंक झोंक हो गई। इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों ने मामले को शांत किया।
इस दौरान सूचना पर पहुंची एसडीएम दिव्या चौधरी और मंडी सचिव सलीम मोहम्मद कादरी ने मंडी व्यापारियों से वार्ता करते हुए कहा कि अब मिल वाले भी मंडी से मूंगफली खरीद करेंगे। जबकि मंडी सचिव सलीम मोहम्मद ने कहा कि जो मूंगफली मिल है उनके पास सीधी खरीद करने का पॉवर होता है, हम उसको बाध्य नहीं कर सकते हैं फिर भी मूंगफली मील संचालकों व मंडी के अनाज व्यापारियों को एक जगह बैठाकर इनकी वार्ता करवाने का प्रयास कर रहे हैं।
इस मौके पर प्रभुराम पूनिया, प्रहलादराम पांडिया, किशननाथ सिद्ध, हनुमानराम डेलाना, राकेश सारण, भंवरलाल हुड्डा, पुष्पेंद्र खीचड़ और महावीर जाखड़ सहित बड़ी संख्या में अनाज व्यापारी उपस्थित थे।