जैसलमेर : जैसलमेर के बईया गांव में ओरण बचाओ अभियान के तहत ग्रामीण धरने पर बैठे हैं। शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी शनिवार को धरने में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा- प्रशासन के चंद लोग, जो अपनी वर्दी को गिरवी रखे हुए हैं, वो अशोक स्तंभ हटाकर अडानी की पट्टी लगा लें। उनको कहना चाहता हूं कि राज की नौकरी करो, राज की सेवा करो, गरीब आदमियों को परेशान मत करना।
विधायक ने कहा- मैं सदन के बीच में खड़ा रहकर खाल उतार दूंगा। पता नहीं चलेगा कि उस जगह से कौन आया था। मेरा दोबारा प्रशासन से निवेदन है कि सभी चीजों को सुनकर शांति से ओरण की जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करके उसके बाद काम शुरू करो।
उन्होंने कहा- मैं डेवलपमेंट के खिलाफ नहीं हूं, जबरदस्ती कोई करेगा और हमारे लोगों को परेशान करेंगे तो उनको मुंह तोड़ जवाब देंगे। हमारे हाथ में चूड़ियां नहीं पहनी हुई है। मन में पीड़ा होती है, जब हमारे लोगों को तड़पता देखते हैं, तब लगता है कि आज भी हम सोते रहे तो इनके गुनहगार हम लोग होंगे।
चंद रुपयों में बिकने वाले लोग वर्दी पहनकर खड़े
विधायक भाटी ने कहा- चंद रुपयों में बिकने वाले लोग आज वर्दी पहनकर खड़े हैं। मैंने उनसे कहा भी था कि वो अशोक स्तंभ हटाकर अडानी की पट्टी लगा लें। इन लोगों ने अनैतिक तरीके से कई सारे युवाओं साथियों को डिटेन किया। उन्होंने सोचा- यहां कौन बोलेगा, चार-चार डंडे मारेंगे और अंदर डाल देंगे। दो-तीन दिन अंदर रखेंगे और फिर कोई बोलेगा तो फिर उनको लेकर आ जाएंगे। नेताओं की हिम्मत नहीं पड़ेगी, कंपनी बहुत बड़ी है।
भाटी ने कहा- मैं उस समय पाटौदी के प्रोग्राम में था। उस समय लगा कि कोई घरेलू विवाद है, घर और गांव में बैठकर सुलझा देंगे, लेकिन इस स्तर की दादागिरी देखी, हमारे लोगों को परेशान करोगे। लाठी के जोर से लोगों की आवाज को दबा सको तो आ जाओ अब कबड्डी खेलते हैं। मजाक समझ रखी है।
मेरी गाड़ी में रिवर्स गियर नहीं है
रविंद्र सिंह भाटी ने कहा- मैंने लोकसभा चुनाव में भी कहा था कि मेरी गाड़ी में रिवर्स गियर नहीं है। जितने भी लोग जिला और संभाग पर एसी के कमरों में बैठे हैं। मैं उनको कहना चाहता हूं कि कान खोलकर सुन लो, हालत खराब कर दूंगा, कलेक्ट्रेट और कचहरी में निकलने का मौका नहीं देंगे।
उन्होंने कहा- यह जगह हमारी खुद की है। हमारे पूर्वजों ने ओरण गोचर के लिए दी है। धोरों के बीच में देवी-देवताओं के नाम पर, गायों ओर पशुधन के लिए जो जगह छोड़ी है, उस पर अनैतिक ढंग से कब्जा नहीं होने देंगे। विधायक ने कहा- एक-दो दिन पहले जोधपुर था, तब एक आलाधिकारी मिले। उनको कहा कि मैं महीने भर जेल की तैयारी करके आया हूं। आप लोगों की हिम्मत है तो गिरफ्तार करके देखो। हाथ लगाकर देखना, फिर तुम्हें पता चल जाएगा और सूद समेत तुम्हारा हिसाब कर देंगे।
ओरण खत्म कर रहे हो, आप लोग गोवंश के कातिल
भाटी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा- यहां के लोगों का जीवनयापन पशुधन पर है, एक तरफ बात करते हो कि गाय की पूजा करते हैं। दूसरी तरफ इन मल्टी नेशनल कंपनियों के चंद टुकड़ों और लालच के लिए ओरण और गोचर को खत्म करके इतने बड़े गोवंश की हत्या कर रहे हो। आप लोग कातिल हो, आपको कहीं पर भी जगह नहीं मिलेगी। सोढाल गांव सहित यहां के लोगों के लिए लड़ाई लड़ेंगे।
उन्होंने ने कहा- यहां के दादा यह बुजुर्ग लोग ही हैं। बदमाशी कतई स्वीकार नहीं होगी। वो दूसरे लोग होंगे, जिनको चार रुपए देकर खुद के पक्ष में कर लेते हो, हमें कुछ नहीं चाहिए, हमें भाइयों का प्यार चाहिए। ओरण और गाय के लिए पूर्वजों ने सिर दिए, हम तो दो-तीन महीने जेल जाने के लिए तैयार हैं। मैं तैयार हूं।
विधायक ने कहा- रामगढ़ में 9 लाख हेक्टेयर जमीन अवाप्त हो गई। उसमें कितने पड़े कटे होंगे। एक पेड़ मां के नाम और यह क्या स्थिति कर दी है। लाख पेड़ अडानी के नाम। यह जमीनें ओरण में क्यों दर्ज नहीं हुई, जयपुर और बाड़मेर सहित जिलों में बंद कमरें में बैठे लोगों को पता हीं नहीं, ओरण गोचर क्या होता है। मैंने उनको (मल्टी नेशनल कंपनी) कहा कि आप मेरा रिकॉर्ड देख लेना। बात करने वाले दूसरे ही होंगे। गलती से सामने आ गए तो वापस पैरों पर नहीं जाओगे।
भाटी ने कहा- प्रशासन जब तक ओरण को रिकॉर्ड में दर्ज नहीं करेगा, तब तक किसी प्रकार को कोई काम नहीं करें। लॉ-इन ऑर्डर की स्थिति बिगड़े, ऐसा हम यह नहीं चाहते है। अगर आप लोगों ने जबरदस्ती करने का प्रयास किया तो यात्री अपनी यात्रा जोखिम पर करें।
ग्रामीणों की मांग- ओरण की जमीन रिकॉर्ड में दर्ज हो
दरअसल, जैसलमेर के बईया गांव के पास निजी कंपनी ने ओरण में यार्ड बनाने के लिए पेड़ों की कटाई शुरू की थी। ग्रामीणों ने इसका विरोध जताते हुए धरना दिया। बीते दिनों विरोध करने पर पुलिस ने 50 ग्रामीणों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद झिझनिनयाली थाने के बाहर विधायक रविंद्र सिंह भाटी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार किए ग्रामीणों को पुलिस ने छोड़ दिया।
ग्रामीणों की मांग है कि पहले सरकार ओरण की जमीन को दर्ज करें। उसके बाद जो सरकारी जमीन है, उस पर कोई भी काम करें। ग्रामीणों को इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन ओरण की जमीन दर्ज करने की कार्रवाई की जाए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो विरोध जारी रखा जाएगा।