टोंक : मौलाना अब्दुल कलाम आजाद अरबी-फारसी शोध संस्थान को देखने के लिए सोमवार को फ्रांस का दल टोंक पहुंचा। फ्रांस के दल को यहां दुर्लभ ग्रंथ एवं दुनिया की सबसे बड़े साइज की कुरआन, दुर्लभ ग्रंथ सहित यहां की कैलीग्राफी कला देखी। सबसे बडी साइज की कुरआन देखकर काफी आकर्षित हुए। सोमवार को आए आठ सदस्य फ्रांस के दल ने यहां पर दुर्लभ ग्रंथ देखे तथा उन्होंने बताया कि जैसे ही उनको यहां के बारे में जानकारी गाइड उमेश शर्मा आदि से मिली तो वो यहां आए बिना नहीं रह सके। उन्होंने यहां पर जो सुना, उससे ज्यादा पाया।
मौलाना जमील ने उनको दुनिया की सबसे बड़ी कुरआन के बारे में जानकारी के साथ ही यहां के दुर्लभ ग्रंथों आदि के बारे में बताया। शोध संस्थान देखने मुरादाबाद, यूपी के भी कई लोग पहुंचे। उन्होंने भी यहां के ग्रंथ आदि देखकर सराहना की। शोध संस्थान में कई धर्मों से संबंधित अरबी-फारसी, संस्कृत एवं हिंदी में लिखे दुर्लभ ग्रंथों के साथ ही यहां पर कई बीमारियों को इलाज से संबंधित पुस्तकें मौजूद है। करीब आठ हजार से अधिक हस्तलिखित ग्रंथ भी मौजूद हैं। इन ग्रंथों को देखने करीब 50 से अधिक देशों के शोधार्थी एवं पर्यटन आ चुके हैं, लेकिन शोध संस्थान का हाल ये है कि वहां पर भर्ती नियम नहीं होने के कारण स्टाफ की कमी हो गई है। यही हाल रहा, तो दुनिया में प्रसिद्ध ये संस्थान बंद भी हो सकता है।