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जूली बोले-नए जिलों पर सरकार अस्थिरता पैदा कर रही:विधानसभा सत्र बुलाए सरकार, सदन में रखें कमेटी की रिपोर्ट, बहस के बाद हो फैसला


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जूली बोले-नए जिलों पर सरकार अस्थिरता पैदा कर रही:विधानसभा सत्र बुलाए सरकार, सदन में रखें कमेटी की रिपोर्ट, बहस के बाद हो फैसला

जूली बोले-नए जिलों पर सरकार अस्थिरता पैदा कर रही:विधानसभा सत्र बुलाए सरकार, सदन में रखें कमेटी की रिपोर्ट, बहस के बाद हो फैसला

जयपुर : नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने नए जिलों को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। जूली ने नए जिलों की समीक्षा के लिए बनी मंत्रियों की कमेटी की रिपोर्ट और ललित के पंवार कमेटी की रिपोर्ट विधानसभा सदन के सामने रखने की मांग करते हुए भजनलाल सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

जूली ने एक बयान जारी कर कहा- राज्य सरकार नए जिलों की समीक्षा के नाम पर प्रदेश में अस्थिरता और असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है। अपनी नाकामी छिपाने के लिए भजनलाल सरकार नए जिलों में कटौती के मंसूबे बना रही है। नए जिलों और संभागों का मुद्दा बहुत संवेदनशील है। प्रदेश के दूरगामी हितों से जुड़ा हुआ है। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार राजस्थान विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए और सदन को विश्वास में ले।

पूर्व आईएएस ललित के पंवार की रिपोर्ट विधानसभा सदन में रखें। मंत्रियों की सब कमेटी भी अपनी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखे। इन दोनों रिपोर्ट पर सदन में खुली चर्चा हो। इसके बाद ही नए जिलों और संभागों पर फैसला हो।

उन्होंने कहा- भजनलाल सरकार इस कदर पूर्वाग्रह से ग्रस्त है कि मंत्रियों की सब कमेटी का संयोजक पहले तो उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को बनाया गया। इसके बाद इसका संयोजक शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को बना दिया गया।

नए जिलों की समीक्षा के लिए बनी मंत्रियों की कमेटी।
नए जिलों की समीक्षा के लिए बनी मंत्रियों की कमेटी।

सरकार के मंत्री नए जिलों को लेकर निरंतर विवादास्पद बयान दे रहे जूली ने कहा- पूर्व आईएएस अधिकारी ललित के पंवार ने नए जिलों को लेकर अपनी रिपोर्ट दो महीने पहले राज्य सरकार को सौंप दी है।

सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों की सब-कमेटी इसके आधार पर नए जिलों की समीक्षा की बात कर रही है, लेकिन सरकार के मंत्री नए जिलों को लेकर निरंतर विवादास्पद बयान देते रहे हैं। अनेक नए जिलों के प्रति भजनलाल सरकार के मंत्रियों का पूर्वाग्रह जग-जाहिर है।

जूली ने कहा- पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिलों और संभागों की घोषणा अपने बजट भाषण में सदन के समक्ष की थी। नए जिलों और संभागों के गठन से पूरे प्रदेश में जनता में एक नया उत्साह बना था। यह इतना बड़ा सकारात्मक निर्णय था कि अन्य जिलों और संभागों के गठन की मांग भी उठने लगी।

भाजपा ने राज्य में सत्ता में आने के बाद इस फैसले पर विवाद पैदा किया। सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने जनता को भ्रमित करने की कोशिश की। अनेक नए जिलों के प्रति सरकार के मंत्रियों का रवैया राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रस्त है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली
जूली ने कहा- भाजपा सरकार की जिम्मेदारी यह है कि वह नवगठित जिलों और संभागों की आधारभूत संरचना मजबूत करने की दिशा का रोडमैप तैयार करें। भजनलाल सरकार एक अदूरदर्शी और नकारा सरकार साबित हुई है। दिल्ली से आने वाली पर्ची को पढ़कर काम करती है। बात -बात में यूटर्न लेती है। इसलिए नए जिलों और संभागों के संवेदनशील मुद्दे पर सरकार का मानस पूर्वाग्रह से ग्रस्त नजर आ रहा है।

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