चुरू : दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर (SI) बतानी वाली युवती तीन गाड़ियों की मालिक है। वह स्वयं महिंद्रा एक्सयूवी कार में घूमती थी, जिससे बेरोजगार युवक उस पर शक नहीं करते थे। उसके पिता खेतीबाड़ी और पति अभी कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रहा है। उसकी लग्जरी लाइफ को देखकर गांव वालों ने पुलिस को सूचना दी थी, जिसके बाद वह पुलिस की रडार पर थी। आखिरकार दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल लगाने के नाम पर 12 लाख 93 हजार रुपए ठगने के मामले में पकड़ी गई।
साहवा थानाधिकारी अल्का बिश्नाई ने बताया कि देवगढ़ निवासी अंजू शर्मा (24) के गांव में पुलिस की वर्दी पहनकर घूमने और खुद को दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर बताकर बेरोजगार युवकों को दिल्ली पुलिस में नौकरी लगाने की बात कहकर रुपए ऐंठने की शिकायत मिली थी। इस पर थानाधिकारी अल्का बिश्नोई ने सोचा देवगढ़ गांव साहवा थाना क्षेत्र में है। अगर देवगढ़ गांव की महिला का दिल्ली पुलिस में एसआई में सलेक्शन हुआ है। तब उसके डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन साहवा थाना में हुए होंगे। इसलिए पुलिस ने पिछले छह सालों से डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की लिस्ट निकाली, जिसमें फर्जी थानेदार अंजू शर्मा का नाम नहीं था। इस पर पुलिस का शक ओर बढ़ गया।
थानाधिकारी और एसपी का नाम तक नहीं बता पाई
इस पर पुलिस ने गुप्त तरीके से फर्जी थानेदार के बारे में गांव में पता करवाया। थानाधिकारी अल्का बिश्नोई खुद फर्जी थानेदार के घर गई। तब उसने खुद को दिल्ली के धोलाकुआं थाने में एसआई बताया। दिल्ली पुलिस के बड़े अधिकारियों के साथ जान पहचान बताई। बिश्नोई ने उससे पूछताछ की और दस्तावेज मांगे। जिस पर वह कुछ नहीं बता सकी। अंजू शर्मा खुद को जिस थाने में एसआई बता रही थी, उसके थाने के थानाधिकारी और अपने क्षेत्र के एसपी का नाम तक नहीं बता सकी। इससे वह पुलिस की रडार पर थी, लेकिन कोई सबूत नहीं था।
साहवा पुलिस को दिखाया दिल्ली पुलिस का आइडेंटी कार्ड
साहवा थाने में मंगलवार को अंजू शर्मा के खिलाफ दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल लगाने के नाम पर 12 लाख 93 हजार रुपए ठगने का मामला दर्ज होते ही साहवा पुलिस आरोपी युवती को पकड़ने उसके गांव देवगढ़ पहुंची। पुलिस को देखकर कहा- यह सब क्या है। उसने पुलिसकर्मियों को खुद दिल्ली के धोलाकुआं थाने की एसआई बताया। वहीं, साहवा पुलिस को दिल्ली पुलिस को आइडेंटी कार्ड भी दिखाया। मगर पुलिस की ओर से सख्ताई बरतने और जुटाए सबूत दिखाने पर वह सकपका गई। पुलिस ने अंजू शर्मा को उसके घर से गिरफ्तार किया है। प्राथमिक पूछताछ में फर्जी थानेदार ने बताया कि उसने वर्दी और आइडेंटी कार्ड दिल्ली से लिए है। पुलिस अब मामले में यह जांच कर रही है फर्जी थानेदार इस मामले में अकेली ही मास्टर माइंड है या इसके साथ कोई ओर भी जुड़ा हुआ है। पुलिस ने उसको छह दिन के रिमांड पर लिया है।
6 मोबाइल और कई युवकों के ओरिजनल डॉक्यूमेंट मिले
साहवा थानाधिकारी अल्का बिश्नोई ने बताया कि फर्जी थानेदार अंजू शर्मा के पास पांच-छह मोबाइल मिले हैं। इसके साथ ही कई युवाओं के ओरिजनल डॉक्यूमेंट और कई बैंक चेक मिले हैं। जिनमें बड़ी राशि भरी हुई है। थानाधिकारी ने बताया कि वह 2021 से फर्जी थानेदार बनकर घूम रही थी। अंजू शर्मा दो भाई बहनों में खुद बड़ी है। इसका छोटा भाई बंटी (19) पढ़ाई करता है। इसके पिता खेती-बाड़ी करते हैं। माता-पिता को भी केवल इतना पता है कि वह पुलिस में है। मगर पुलिस में वह क्या है और क्या नहीं इस बारे में उनको कुछ नहीं पता। फर्जी थानेदार बनकर घूमने वाली अंजू शर्मा बांय गांव में पढ़ती थी। भादरा स्थित स्कूल में उसने चौथी बार में दसवीं पास की थी। इसके बाद 12वीं पास कर ली। उसको पुलिस के द्वारा किए जाने वाले सामान्य काम के बारे में भी कुछ नहीं पता है।
3 गाड़ियां पति और पिता के नाम
लग्जरी लाइफ जीने के लिए दिल्ली पुलिस फर्जी थानेदार बनी अंजू शर्मा महिन्द्रा एक्सयूवी में घूमती थी। इस गाड़ी के अलावा इसके पास दो गाड़ियां ओर भी हैं। तीनों गाड़ियां उसके पति व पिता के नाम पर हैं। पुलिस पूछताछ में फर्जी थानेदार के बारे में ओर भी खुलासा कर सकती है। पुलिस छह दिन की रिमांड अवधि में फर्जी थानेदार से लगातार पूछताछ कर रही है। अंजू शर्मा की शादी 2023 में हरियाणा के मोहित शर्मा के साथ हुई थी। पति मोहित शर्मा कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी कर रहा है। ससुराल वालों को पुलिस में बताकर अंजू अक्सर बाहर ही रहती थी। वह ससुराल कम ही जाती थी।
पीड़ित ने बना रखा था अंजू को धर्म बहन
डीबी डिजीटल ने मामले में जब पीड़ित बनड़ा निवासी अर्जुन नाई से बात की तो सामने आया कि फर्जी थानेदार अंजू शर्मा को अर्जुन ने अपनी धर्म की बहन बना रखा था। अर्जुन नाई ने बताया कि कोरोना काल में बायं गांव में स्थित बड़ौदा ग्रामीण बैक में गार्ड लगा हुआ था। जहां अंजू का छोटा भाई बंटी आता जाता था। इसके चलते बंटी से उसकी दोस्ती हो गई। बंटी की बड़ी बहन अंजू शर्मा भी बैंक आती थी। इसके चलते अर्जुन ने अंजू को अपनी धर्म की बहन बना लिया। अर्जुन ने बताया कि धर्म बहन होने के नाते अंजू रक्षाबंधन व दीपावली पर्व पर उसके घर आती जाती थी। इस कारण उसने दिल्ली पुलिस में हेड कॉन्स्टेबल लगाने के नाम पर रुपए मांगे तो मैंने उसके पिता, मौसा और पति के खाते में रुपए ट्रांसफर कर दिए। कुछ रुपए नकद भी दिए। कुल मिलाकर 12 लाख 93 हजार रुपए ठग लिए।