सीकर : सीकर की विशिष्ट पॉक्सो कोर्ट संख्या-2 ने नाबालिग से रेप और अपहरण के 6 साल पुराने प्रकरण में फैसला सुनाते हुए दो आरोपियों को बरी किया है। कोर्ट ने इस मामले में जांच अधिकारियों पर लापरवाही बरतने पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
जांच अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश
विशिष्ट न्यायाधीश आशा कुमारी ने मामले में टिप्पणी करते हुए कहा- इस प्रकार के प्रकरणों में संवेदनशीलता और गंभीरता से मामलों की जांच की जानी चाहिए थी। लेकिन, स्थिति यह दर्शाती है कि प्रकरण में लापरवाही बरती गई है। ऐसी स्थिति में हस्तगत प्रकरण के अनुसंधान अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी आवश्यक है ताकि पॉक्सो जैसे मासूम, नाबालिग बच्चों के साथ हो रहे रेप जैसे अपराधों पर लगाम लग सके।
कोर्ट ने कहा- महिलाओं के अपहरण व रेप के दिन-प्रतिदिन बढ़ते अपराधों की स्थिति को देखते हुए राज्य एवं केंद्र सरकार अत्यधिक संवेदनशील दिखाई दे रही है। लेकिन, इस कोर्ट के मामले छोटी नाबालिग बच्चियों से घटित अपराधों के संबंध में है जो अत्यधिक संवेदनशील एवं समाज के लिए भयावह हैं। सीकर में दो पॉक्सो कोर्ट संचालित किए जा रहे हैं।
कोर्ट ने कहा-
जांच अधिकारी रामावतार सोनी व गिरधारी लाल शर्मा ने जांच में गंभीर खामियां रखी है जिसके कारण प्रकरण के निस्तारण में प्रभाव पड़ा।
इस संबंध में कोर्ट ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, अतिरिक्त महानिदेशक (सतर्कता) राजस्थान पुलिस को जांच अधिकारियों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं।
6 साल पहले का है मामला
आरोपियों के अधिवक्ता राजेंद्र हुड्डा ने बताया- 4 मार्च 2019 को खंडेला के पास एक गांव की रहने वाली युवती ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया था कि 3 मार्च 2019 को रात के करीब 9:30 बजे उसकी 16 साल की नाबालिग बहन के पास एक फोन आया। नाबालिग फोन पर बात करते हुए घर से बाहर चली गई। थोड़ी देर बाद उसने अपनी बहन को फोन किया लेकिन लड़की ने फोन नहीं उठाया और फोन काट दिया।
कुछ समय बाद नाबालिग ने फोन उठाकर अपनी बहन को बताया कि वह गांव के सरकारी स्कूल के पास है। जिसके बाद नाबालिग की मां और भाई स्कूल के पास गए जहां नाबालिग उन्हें मिली। तब लड़की ने परिजनों को बताया कि वह फोन पर बात करते हुए घर से बाहर आ गई थी। जहां एक सफेद रंग की कार आई जिसमें दो लड़के थे। जिन्होंने जबरदस्ती नाबालिग को गाड़ी में बैठा लिया और उसका फोन छीन लिया।
किडनैपिंग और रेप के आरोपों से बरी किया
आरोपियों ने अपना नाम राम सिंह व मनीष बताया था। आरोपी उसे कार में डालकर कालिखेड़ा गांव ले गए और वहां पर जाकर नाबिलग से बारी-बारी रेप किया। आरोपियों ने लड़की के अश्लील फोटो भी अपने मोबाइल में खींच लिए।
घटना के बाद पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी और आरोपियों को गिरफ्तार कर चालान पेश किया गया। मामला 6 साल तक कोर्ट में चला। 17 अक्टूबर 2024 को सीकर की विशिष्ट पॉक्सो कोर्ट संख्या-2 ने मामले में फैसला सुनाते हुए गवाहों, बयानों व तथ्यों के आधार पर राम सिंह व मनीष को बरी कर दिया।