जयपुर : प्रदेश में तीन वर्षीय कानून का डिग्री कोर्स संचालित करने वाले डॉ. भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय ने बिना किसी तैयारी के सेमेस्टर सिस्टम लागू किया है। उधर, सत्र 2024-25 में तीन वर्षीय एलएलबी में प्रवेश की प्रक्रिया अभी भी जारी है। इस साल सत्र देरी से शुरू किया गया। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने तीन वर्षीय एलएलबी में वार्षिक परीक्षा के हिसाब से मान्यता दी है। ऐसे में छात्रों को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई में प्रवेश होकर दिसंबर में प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा लगनी चाहिए। सिलेबस भी समय पर अपलोड करना अनिवार्य है। पहले पीजी डिप्लोमा-डिग्री में सेमेस्टर लागू करना चाहिए। विवि प्रशासन का कहना है कि हमने अगस्त माह में सेमेस्टर सिस्टम का सिलेबस अपलोड कर दिया था। इस बीच, राज्यपाल सचिवालय की ओर से विधि विवि को टीचिंग और नॉन टीचिंग के पदों पर भर्ती परीक्षा निरस्त कर नए सिरे से भर्ती करने का आदेश दिया जा चुका है।
अब सरकार की अनुमति का इंतजार है। ऐसे में बिना मानव संसाधन के दस्तावेजों की जांच , प्रवेश पत्र जारी करने , पेपरों को सुरक्षित रखवाने और परीक्षा का समय पर परिणाम घोषित करने में दिक्कतें आ सकती हैं।
सेमेस्टर लागू होने के बाद साल में दो बार होगी परीक्षा सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद साल में दो बार परीक्षा आयोजित करानी पड़ेगी। हर साल करीबन 45 हजार छात्रों की परीक्षा ली जा रही है। पहले से स्टाफ की कमी है। सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के बाद छात्रों की संख्या 90 हजार हो जाएगी। इससे मौजूद कर्मचारियों पर भार आने के साथ ही परीक्षा व प्रश्नपत्र की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ सकते हैं।
“हमने अगस्त में सेमेस्टर सिस्टम का सिलेबस डाल दिया था। बीसीआई नई दिल्ली के नियमानुसार कक्षा प्रारंभ होने के 90 दिन बाद परीक्षा आयोजित कराने का नियम है। टीचिंग ओर नॉन टीचिंग के पदों की भर्ती के लिए सरकार की अनुमति का इंतजार है।” -प्रो. निष्ठा जसवाल, कुलपति, विधि विश्वविद्यालय
अभी ये हाल हैं लॉ यूनिवर्सिटी के
- प्रदेश में संबद्धता प्राप्त 87 संस्थान हैं। जहां पर एलएलबी, बीए-एलएलबी और पीजी डिप्लोमा-डिग्री कोर्स संचालित है।
- नॉन टीचिंग स्टाफ में मात्र एक परीक्षा नियंत्रक का पद भरा है। शेष सारे पद रिक्त हैं।
- यूनिवर्सिटी के पास एक भी फैकल्टी नहीं है।
- सरकार से टीचिंग और नॉन टीचिंग के पदों पर भर्ती का इंतजार है।