मर्डर से पहले इंस्टाग्राम पर दोस्ती;जानता था दुश्मनों के करीबी:जेल में पैसा भेजवाने के लिए बुलाकर गोली मारी; खेत के रास्ते से शुरू हुआ था विवाद
मर्डर से पहले इंस्टाग्राम पर दोस्ती;जानता था दुश्मनों के करीबी:जेल में पैसा भेजवाने के लिए बुलाकर गोली मारी; खेत के रास्ते से शुरू हुआ था विवाद
जोधपुर : जोधपुर में 54 साल पुरानी पारिवारिक रंजिश में हुई 19 साल के लड़के की हत्या की प्लानिंग डेढ़ महीने से चल रही थी। सुभाष बिश्नोई के मर्डर से पहले बदमाशों ने इंस्टाग्राम पर दोस्ती की और फिर जेल में पैसे पहुंचाने के लिए बुलाया। दो बदमाशों ने मौका देख एक के बाद एक गर्दन और सीने में पांच फायर कर दिए।
दरअसल, मंगलवार को शहर के डांगियावास के खेड़ी सालवा निवासी सुभाष बिश्नोई (19) सांगरिया फाटा क्षेत्र में गोली मारकर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद आरोपी फरार हो गए। इस हत्या के बाद देर शाम मृतक के चाचा चैनाराम जोधपुर पहुंचे और इस मामले में बासनी थाने में आरोपी जितेंद्र लेगा, पप्पाराम व नेमाराम के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया।
चाचा का आरोप है कि एक रास्ते को लेकर शुरू हुआ ये विवाद अब इतना बढ़ चुका है कि दोनों परिवार (थानाराम-चतुराराम) के चार लोगों की मौत हो चुकी है। इधर, सामने आया कि इंस्टाग्राम पर जिन बदमाशों से दोस्ती हुई थी उनमें से एक अनिल लेगा (जिसकी जनवरी 2024 की हत्या हुई थी) का करीबी है।
चाचा बोले- उसे बता दिया था बच कर रहना
मृतक के चाचा चैनाराम ने बताया कि अनिल लेगा की हत्या के मामले में सुभाष 5 महीने पहले ही जमानत पर बाहर आया था। इस बात का अंदाजा था कि पारिवारिक रंजिश में किसी को कुछ भी हो सकता है। इसलिए जमानत के बाद से ही सुभाष सांगरिया फाटा में उनके पास रहने लगा था। उनका परिवार डांगियावास के खेड़ी सालवा का रहने वाला है।
चाचा का कहना है-जमानत के बाद से ही बदमाश उस पर नजर बनाए हुए थे। 10 दिन पहले हत्या करने वाले दो बदमाशों में से किसी एक बदमाश की सुभाष से दोस्ती हुई थी। ये बात सुभाष ने हम लोगों को भी घर पर बताई। जिस पर उसे आगह कर दिया था कि ये अनिल लेगा के करीबी है।
चाचा का कहना है कि 10 दिन पहले जब सुभाष ने इंस्टाग्राम पर इन लोगों से दोस्ती के बारे में बताया तो उसे इन बदमाशों से दूर रहने के लिए भी कहा था।
चाचा का आरोप है-बदमाश उसे लगातार इंस्टाग्राम पर जेल में उनके किसी परिचित को पैसे भिजवाने के लिए कह रहे है। क्योंकि वे जानते थे कि सुभाष हाल ही में जमानत पर आया है और उसके कॉन्टैक्ट भी हो सकते है। ऐसे में सुभाष ने भी जेल में पैसे पहुंचवाने के लिए हां कर दी।
इसके बाद बदमाशों ने मंगलवार को सुभाष को पैसे लेने के लिए बुलाया था। सुभाष वहां पहुंचा तो दो बदमाश पहले से मौजूद थे। एक बदमाश सुभाष को देने के लिए रुपए गिन रहा था, तभी दूसरे ने एक के बाद एक फायर कर दिए।
किराए के बदमाशों से हत्या का संदेह
इस हत्या के बाद से आरोपी फरार है। सुभाष की हत्या करने वाले एक आरोपी के हाथ पर टैटू बना हुआ है। पुलिस उसी टैटू के आधार पर फायरिंग करने वाले युवक व उसके साथी की तलाश कर रही है। इसी टैटू के आधार पर पुलिस को दोनों आरोपियों के क्लू भी मिले है। इसके आधार टीमों को रवाना किया गया है।
जांच में सामने आया है कि सुभाष की हत्या को किराए के बदमाशों द्वारा करवाई गई है। इन बदमाशों में से एक युवक अनिल लेगा के भाई जितेंद्र लेगा का मिलने वाला है। उसी युवक ने सुभाष से पिछले दिनों दोस्ती बढ़ाई थी और उससे लगातार इंस्टाग्राम पर सम्पर्क में था। इनमें से एक युवक बालोतरा और दूसरा बिलाड़ा को होने का संदेह है।
आईटीआई का स्टूडेंट था सुभाष, अनिल की हत्या के बाद छोड़ दिया था गांव
सुभाष के चाचा ने बताया कि मृतक सुभाष सहित तीन भाई है। सबसे बड़ा भाई विष्णु अभी जेल में है। उससे छोटा सुभाष था और सुभाष से छोटा एक और भाई है। सुभाष के पिता ट्रक ड्राइवर है। सुभाष आईटीआई का स्टूडेंट था। अनिल लेगा हत्या के बाद से उसकी पढ़ाई छूट गई थी। मृतक सुभाष के चाचा चैनाराम ने बताया कि अनिल लेगा की हत्या के बाद से पूरा जोधपुर सांगरिया फाटा शिफ्ट हो गया था। परिवार को यह पहले से ही डर था कि परिवारों के बीच दुश्मनी रुकने वाली नहीं है। ऐसे में परिवार के लोग सुभाष को भी जमानत पर छूटने के बाद घर से बाहर नहीं निकलने देते थे।
खेत में रास्ते को लेकर शुरू हुआ था विवाद
मृतक सुभाष के चाचा चैनाराम बताते है कि दोनों परिवार के बीच खेत पर रास्ते को लेकर 1970 से विवाद चल रहा है। डांगियावास के खेड़ी सालवा में दोनों परिवार के खेत पास मे है। 15 मई 1970 में थानाराम और चतुराराम के बीच विवाद हुआ था। इसके बाद ये विवाद पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ता जा रहा है। चैनाराम ने बताया कि दोनों परिवारों में रंजिश और बदला इतना बढ़ गया है कि घर का कोई सदस्य अकेला बाहर नहीं जाता। अब तक इस पूरे विवाद में चार लोगों की हत्या हो चुकी है।
पहली हत्या – मई 1970 में खेड़ी सालवा गांव में थानाराम लेगा व चतुराराम सोउ परिवार के बीच लाठियों से मारपीट हुई थी। इस मारपीट में घायल हुए चतुराराम लेगा की मौत हो गई थी। इसके बाद दोनों परिवार में दुश्मनी और बढ़ गई।
दूसरी हत्या – चतुराराम लेगा के पोते अनिल लेगा ने 15 अगस्त 2018 को खेड़ी सालवा गांव में थानाराम सोउ की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उस समय थानाराम अपने पोते की स्कूल के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में जा रहा था। अनिल लेगा ने थानाराम की हत्या कर अपने दादा चतुराराम की हत्या का बदला लिया।
तीसरी हत्या – 18 जनवरी 2024 को थानाराम की हत्या करने वाला अनिल लेगा अपने साथियों के साथ एक शादी समारोह में भाग लेने के लिए खेड़ी सालवा गांव आया था। वहां से लौटते समय थानाराम के पौते विष्णु सोउ व उसके नाबालिग भाई सुभाष ने अनिल लेगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
चौथी हत्या – 8 अक्टूबर 2024 को अनिल लेगा की हत्या में शामिल सुभाष सोउ की दो युवकों ने सांगरिया फाटा के गोली मारकर हत्या कर दी। अंदेशा जताया जा रहा है कि सुभाष की हत्या अनिल लेगा की हत्या का बदला लेने के लिए की गई।