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भाजपा सदस्यता अभियान पर उठते सवाल ?


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भाजपा सदस्यता अभियान पर उठते सवाल ?

भाजपा सदस्यता अभियान पर उठते सवाल ?

विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल की महत्वाकांक्षा पाले बैठी भाजपा ने राजस्थान में एक करोड़ 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था । लेकिन सूत्रों की मानें तो इस लक्ष्य के आधे तक भी भाजपा नहीं पहुंच पाई है । भाजपा आलाकमान ने हर विधानसभा क्षेत्र से करीब साठ हजार सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था । मंथर गति से चलने वाले इस अभियान को प्रदेश नेतृत्व को सकते में ला दिया है । राजस्थान में लक्ष्य को प्राप्त न होने से दुखी नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने आनन-फानन सक्रिय सदस्यता अभियान समीक्षा समिति के गठन की घोषणा की है । इसको लेकर समिति का संयोजक पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत व एससी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कैलाश मेघवाल व पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को सदस्य मनोनीत किया है ।‌ यह समिति उन कारणों का पता लगाएगी कि लक्ष्य क्यों नहीं हासिल किया जा सका ? लक्ष्य को प्राप्त करने मे जो बाधाएं आ रही है उनको हटाने का काम समिति करेगी । विदित हो लखावत को संगठन का अभूतपूर्व अनुभव है और चिंतित प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके लखावत पर भरोसा जताया है । सदस्यता अभियान को गति देने में लखावत कितने कामयाब हो पायेंगे यह तो आने वाला समय ही निर्धारित करेगा।

अब चूकी आगामी उपचुनावो में मदन राठौड़ व मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अग्नि परीक्षा होनी है । लेकिन इससे पहले ही सदस्यता अभियान की सुस्ती और फर्जीवाड़े की खबरों ने अध्यक्ष मदन राठौड़ के माथे पर चिंता की लकीरें खींचने का काम किया है । फर्जीवाड़े के आरोपों की बात करें तो ग्रह जिले झुंझुनूं नगर परिषद के एक कांग्रेसी पार्षद ने खुलेआम आरोप लगाया कि उनको धोखाधड़ी करके भाजपा का सदस्य बना दिया । सूत्रों व मिडिया रिपोर्ट्स की मानें तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व अमित शाह के गृह राज्य में एक महिला जो स्वास्थ्य केंद्र में इलाज करवाने गई तो वहां उसका मोबाइल लेकर ओटीपी शेयर कर दिया और महिला को भाजपा का सदस्य बना दिया । इसी तरह स्कूली बच्चों को भी सदस्य बनाने के समाचार आते रहे हैं ।

वैसे राजस्थान में सदस्यता अभियान को लेकर जो धीमी गति का बुलेटिन चल रहा है उसमें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के भी योगदान को नकारा नहीं जा सकता है । उस दौर मे संगठन मे पदों की बंदरबाट उन कार्यकर्ताओं व नेताओं को की गई जिनका कभी भी भाजपा से निष्ठा व समर्पण नहीं रहा । वरिष्ठ व वसुंधरा राजे समर्थक नेताओं व कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया गया । यही कारण है कि राजस्थान की राजनीति की मुख्यधारा से वरिष्ठ व निष्ठावान कार्यकर्ता व नेता ओझल होते गये व संगठन पर उन नेताओं व कार्यकर्ताओं ने कुंडली मारे ली जिनका भाजपा की नितियों व सिध्दांतों कभी भी सरोकार नहीं रहा। राजस्थान से ही नहीं बल्कि पूरे देश से सदस्यता अभियान को लेकर जो खबरें आ रही है उनसे लगता है कि भाजपा आलाकमान का विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बनने का चुनावी जुमला ही साबित होगा ।

राजेन्द्र शर्मा झेरलीवाला, वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक

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