उदयपुर : राजस्थान में डेंगू से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। उदयपुर की RAS ऑफिसर तरु सुराणा (42) की डेंगू से मौत हो गई। तबीयत बिगड़ने पर उनको एयरलिफ्ट कर चेन्नई ले गए थे। जहां शनिवार सुबह इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
वहीं शुक्रवार देर रात चूरू में डेंगू पॉजिटिव महिला की एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई। प्रदेश में डेंगू से अब तक 5 लोगों की मौत हो गई है। शुक्रवार और शनिवार को हुई मोतों के अलावा एक सरकारी डॉक्टर, नर्सिंग छात्रा और बिजनेसमैन की भी मौत हो चुकी है।
चेन्नई से आई थी डॉक्टर्स की टीम
RAS ऑफिसर तरु सुराणा उदयुपर के पंचवटी इलाके में रहती थीं और अभी वे पंजीयन और मुद्रांक विभाग में महा निरीक्षक के पद पर कार्यरत थीं। तरु तीन भाई-बहन में सबसे बड़ी थीं। इनसे छोटी बहन पूजा गुजरात में जज हैं और तीसरे नंबर पर भाई शुभव है।
तरु के छोटे भाई शुभव ने बताया कि 6 सितंबर को दीदी को तेज बुखार आना शुरू हुआ था। इस पर 4 दिन तक घर पर ही इलाज लिया। 11 सितंबर को जब उनकी तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो शहर के ही गीतांजलि हॉस्पिटल में चेकअप कराया। यहां जांच हुई तो पता चला कि उन्हें डेंगू है। इसके बाद 13 सितंबर को उनको गीतांजलि हॉस्पिटल में एडमिट किया गया।
शुभव ने बताया कि डेंगू में दीदी की प्लेटलेट्स नहीं गिरी थी, लेकिन बुखार लगातार बना हुआ था। जब तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो चेन्नई के एमजीएम हॉस्पिटल के डॉक्टर्स से कॉन्टैक्ट किया। 18 सितंबर को एमजीएम हॉस्पिटल की टीम गीतांजलि हॉस्पिटल पहुंची और उसी दिन दीदी को एयर लिफ्ट कर चेन्नई ले गए।
चेन्नई में 17 दिनों तक चला इलाज शुभव ने बताया- चेन्नई में डॉक्टर ने जब इलाज शुरू किया तो उन्होंने बताया कि ये काफी रेयर केस था, क्योंकि डेंगू में प्लेटलेट्स गिर जाती है, जबकि तरू की प्लेटलेट्स इतनी डाउन नहीं थी। चेन्नई में करीब 17 दिनों तक उनका इलाज चला। 5 अक्टूबर (शनिवार) को इलाज के दौरान सुबह 6 बजे उनकी मौत हो गई।
शुभव ने बताया कि उनका शव फ्लाइट से शनिवार शाम 7 बजे चेन्नई से अहमदाबाद लाया जाएगा। यहां से एम्बुलेंस के जरिए पार्थिव शरीर उदयपुर आएगा। रविवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
गीतांजलि अस्पताल उदयपुर के कार्डियक सर्जरी के हेड डॉ. संजय गांधी ने बताया- तरु सुराणा को यहां लाए तब डेंगू वायरस से हार्ट में भी दिक्कत हो गई और उनकी हालत बहुत खराब हो गई थी। अमेरिका में रहने वाले उनके परिवार के डॉक्टर भी यहां आए और हमारे साथ आईसीयू में रहे। चेन्नई की टीम भी आई और यहां 24 घंटे रुकी थी। स्थिति स्टेबल होने पर यहां से उनको एयरलिफ्ट किया था।
इन पदों पर सेवाएं दे चुकीं सुराणा एमए समाजशास्त्र और नेट पास RAS तरु सुराणा 2012 में आरएएस बनी थीं। वे राजसमंद में सहायक कलेक्टर, राजसमंद के आमेट में एसडीएम, बांसवाड़ा के गढ़ी में एसडीएम, राजसमंद के रेलमगरा में एसडीएम, उदयपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग में डिप्टी डायरेक्टर, यूआईटी उदयपुर में एलएओ, आरएसएमएम उदयपुर में सीनियर मैनेजर और टीआरआई उदयपुर में डायरेक्टर के पद पर रह चुकी हैं।
चूरू में डेंगू पॉजिटिव महिला की मौत उधर, चूरू शहर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में शुक्रवार देर रात एक महिला की डेंगू से मौत हो गई। परिजनों के अनुसार महिला डेंगू पॉजिटिव थी। वहीं चिकित्सा विभाग का कहना है कि एलाइजा टेस्ट में पॉजिटिव आने वाले रोगी को ही डेंगू पॉजिटिव माना जाता है।
जानकारी के अनुसार झुंझुनूं के बिसाऊ के वार्ड 12 निवासी खेरूनिशा (36) को परिवार के लोगों ने शुक्रवार दोपहर को चूरू में प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया था। तब खेरूनिशा को तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द और डिहाइड्रेशन की शिकायत थी।
इसके अलाव महिला के इंटरनल ब्लीडिंग शुरू हो चुकी थी। प्राइवेट हॉस्पिटल के अनुसार महिला को भर्ती करने से पहले ही वह डेंगू पॉजिटिव थी। एडमिट करने के बाद महिला का इलाज शुरू कर दिया था, लेकिन देर रात उसकी मौत हो गई।
महिला के अलावा उसकी बेटी भी डेंगू पॉजिटिव थी, जिसकी तबीयत में सुधार होने पर शनिवार सुबह परिजन उसको छुट्टी दिलाकर घर ले गए। सीएमएचओ डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि महिला की मौत डेंगू से हुई है। इसकी अभी तक कोई पुष्टि नहीं है।
सरकारी डॉक्टर, नर्सिंग छात्रा और बिजनेसमैन की हो चुकी है मौत
प्रदेश में डेंगू से अब तक 5 लोगों की मौत हो गई है। पाली में एक बिजनेसमैन, कोटा में एएनएम ट्रेनिंग सेंटर की स्टूडेंट और दौसा में सरकारी डॉक्टर की डेंगू से मौत हुई थी। पाली के बिजनेसमैन और कोटा में एएनएम ट्रेनिंग कर रही छात्रा को बार-बार बुखार आ रहा था। जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी। धीरे-धीरे तबीयत बिगड़ी और दोनों की जान चली गई।
दौसा जिले के सरकारी अस्पताल में पोस्टेड डॉक्टर ज्योति मीणा में 24 सितंबर को डेंगू के लक्षण दिखे थे। उनकी हालत अधिक बिगड़ी तो उन्हें तत्काल जयपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। वहां उनकी प्लेटलेट्स लगातार गिरती रहीं। 25 सितंबर को केवल 12 हजार प्लेटलेट्स ही शेष रह गई थीं। उसी दिन उन्होंने दम तोड़ दिया था।