गांधी ने देश को भय मुक्त किया : प्रो. ईसराण
महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति द्वारा गांधी जयंती पर विचार-गोष्ठी का हुआ आयोजन

जनमानस शेखावाटी संवाददाता : मोहम्मद अली पठान
चूरू : महात्मा गांधी का आजादी आंदोलन में सबसे बड़ा योगदान देश के जनमानस से भय मुक्ति का है। गांधी ने गुलामी भोगते जनमानस में यह जागृति सौंपी कि मुट्ठी भर अंग्रेज हमारे सहयोग के बूते शासन कर रहे हैं। हमें इन्हें शासन सहयोग के विषय में पुनर्विचार करते हुए आगे बढ़ना है और अपने मन मस्तिष्क को यह समझाना है कि हम हिंदुस्तानी बहुत शक्तिशाली हैं, हमारे पास आत्म बल और अहिंसा जैसी मारक ताकत है तथा उनके बल हम गुलामी से मुक्ति पा सकते हैं।
उक्त विचार स्थानीय सूचना केंद्र में महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की ओर से गांधी जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी में शिक्षाविद प्रोफेसर एच.आर. ईसराण ने व्यक्त किए।
ईसराण ने कहा कि गांधी ने आत्मविश्वास और कुशल प्रबंधन की समझ के साथ देश को नेतृत्व दिया तथा करुणा, प्रेम, भाईचारा सौंपा। गांधी दलित, दमित, वंचित वर्ग के साथ-साथ महिला को आगे लेकर आए और देश की मुख्यधारा से उन्हे जोड़ते हुए आजादी की ओर बढे।
महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक एवं राजस्थान साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. दुलाराम सहारण ने कहा कि हमें विचार के प्रति पूर्वग्रह मुक्त होना है और समग्रता के साथ समस्त विचारों को समझते हुए गांधी विचार जैसे सही विचार की ओर आगे बढ़ना है। इससे पूर्व संगोष्ठी में समिति के चूरू संयोजक रियाजत अली खान ने स्वागत करते हुए कहा कि गांधी के माध्यम से नवाचार करते हुए हमें समय को नापना है। कार्यक्रम में जमील चौहान, मुबारक अली भाटी, हेमंत सिहाग, डॉ. हर्ष लांबा, कमलेश महला, सद्दाम हुसैन ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में सिराज खां जोइया, काजी मो. अब्बास, डॉ. कृष्णा जाखड़, हिमांशु भारद्वाज, उस्मान अंसारी, अरविंद भांभू, शुभम सिंह, भागीरथ, जसवंत सिंह, मुकेश बाकोलिया, प्रीति कृष्णा, शिवम, अभिषेक कालेर आदि उपस्थित रहे। धन्यवाद समिति के चूरू सह-संयोजक विकास मील ने दिया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. ईसराण का सम्मान भी किया गया। उपस्थितों द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित गांधी प्रतिमा पर पुष्पांजलि भी अर्पित की गई।