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मेडिकल काउंसिल:एमबीबीएस का फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर जूनियर रेजीडेंट बना आरोपी नेहरा जिला अस्पताल से गायब


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मेडिकल काउंसिल:एमबीबीएस का फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर जूनियर रेजीडेंट बना आरोपी नेहरा जिला अस्पताल से गायब

मेडिकल काउंसिल:एमबीबीएस का फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर जूनियर रेजीडेंट बना आरोपी नेहरा जिला अस्पताल से गायब

बाड़मेर : महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल की डॉ. वैष्णवी बलिराम के रजिस्ट्रेशन 2022075743 नंबर से 20 जुलाई 22 को फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का आरोपी डॉ. देवेंद्र नेहरा ने सोमवार तक जिला अस्पताल में ड्यूटी पर रहा। मंगलवार को भास्कर में खुलासे के बाद वह जिला अस्पताल से गायब हो गया।

मेडिकल कॉलेज बाड़मेर में जूनियर रेजीडेंट पद पर कार्यरत डॉ. देवेंद्र नेहरा कार्यरत था। अस्पताल के सर्जरी विभाग में कार्यरत डॉ. नेहरा भास्कर में मंगलवार को RMC ने 12 वीं पास बनाए डॉक्टर, गाइनी-सर्जन भी, डिग्री देखी नहीं, एनओसी-रजिस्ट्रेशन-जा ंच सब फर्जी शीर्षक से प्रकाशित खबर के बाद जिला अस्पताल से बिना बताए गायब हो गया। बता दें कि डॉ. देवेंद्र नेहरा ने 21 जून 2024 को एमबीबीएस के लिए 68333 नंबर से आरएमसी से रजिस्ट्रेशन करवाया था। इसने महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल की डॉ. वैष्णवी बलिराम के रजिस्ट्रेशन 2022075743 नंबर से 20 जुलाई 2022 को फर्जी सर्टिफिकेट बनाया।

अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएल. मसूरिया ने बताया कि सोमवार को डॉक्टर की ओर से अस्पताल के पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में भर्ती मरीजों की जांच की गई। सोमवार को डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं आया। 16 अगस्त 2024 के जेआर भर्ती में डॉ. नेहरा का चयन हुआ था। 20 अगस्त को कॉलेज में उसे ज्वाइनिंग दी गई थी, उसके बाद से लगातार जिला अस्पताल के सर्जरी विभाग में सेवाएं दे रहा था। आरएमसी का रजिस्ट्रेशन कॉलेज में लगे दस्तावेजों में लगा हुआ है। आरएमसी में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शो हो रहा है। डॉक्टर के ज्वाइनिंग के समय मार्कशीट, डिग्री सहित दस्तावेज िलए गए हैं। डेढ़ महीने पहले भी डॉक्टरों के ग्रुप में फर्जी डॉक्टर के बारे में लिखा गया था, उस समय भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चेक किए थे। जेआर की चयन प्रक्रिया में भी नियमों को ताक पर रखा मेडिकल कॉलेज में 16 अगस्त 2024 को जेआर भर्ती प्रक्रिया में 110 डॉक्टरों की ओर से अप्लाई किया गया था।

इसमें चयन प्रक्रिया में राजमेस व सरकार के रूल्स लागू नहीं किए गए। चयन प्रकिया में डॉक्टर के अनुभव के नंबर, एमबीबीएस में प्राप्त अंक, रिजर्व कोटे को दरकिनार किया गया। साक्षात्कार के बाद जेआर में चयन डॉक्टरों की मेरिट लिस्ट नहीं निकाली गई। कॉलेज में 28 जेआर के पदों की भर्ती निकाली गई थी।

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