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भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर कैमरे लगा ड्रोन मिला:सीमा पार से आकर खेतों में गिरा;सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर


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भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर कैमरे लगा ड्रोन मिला:सीमा पार से आकर खेतों में गिरा;सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर

भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर कैमरे लगा ड्रोन मिला:सीमा पार से आकर खेतों में गिरा;सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर

बीकानेर : भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर कैमरों से लैस ड्रोन मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि ये ड्रोन ताराबंदी से महज एक किलोमीटर की दूरी पर मिला।

घटना मंगलवार को खाजूवाला के रोही इलाके की है। यहां नीलकंठ पोस्ट के 6 बीजीएम गांव के पास एक खेत में ये ड्रोन मिला। सूचना मिलने पर बीएसएफ और पुलिस अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची और ड्रोन को जब्त कर जांच शुरू कर दी है।

इसी खेत में ये ड्रोन मिला था। इसके बाद मौके पर बीएसएफ के अधिकारी पहुंचे।
इसी खेत में ये ड्रोन मिला था। इसके बाद मौके पर बीएसएफ के अधिकारी पहुंचे।

किसान ने दी थी सूचना, बॉर्डर के पास चलाया सर्च अभियान

बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के 114 बटालियन के कमांडेंट महेंद्र सिंह ने बताया कि जहां ये ड्रोन मिला है, वहां से जीरो लाइन पस में ही है। यह ड्रोन पाकिस्तान से आकर मुमताज नाम के किसान के खेत में गिरा था।

दोपहर करीब 12 बजे पशुपालक मोहम्मद हुसनैन अलादीन भेड़-बकरियां और गया चराने गया था। वहां उसने सबसे पहले ड्रोन देखा। इसके बाद उसने गांव के मुमताज अलदीन को इसकी सूचना दी। उन्होंने बताया कि मुमताज ने पुलिस और बीएसएफ के अधिकारियों को सूचना दी थी।

इसके बाद टीम मौके पर पहुंची तो खेतों में ड्रोन पड़ा हुआ मिला। इसके बाद आस-पास सर्च अभियान चलाया गया। ऐसे में ड्रोन से जुड़े इनपुट के बारे में जानकारी ली जा रही है।

बीएसएफ को अंदेशा-ड्रग सप्लाई के लिए आया होगा, वापस नहीं लौटा

दरअसल, आमतौर पर पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में ड्रग्स बॉर्डर के जरिए सप्लाई किया जाता है। ऐसे में अंदेशा है कि आस-पास क्षेत्र में ड्रग के फेंकने के बाद ये ड्रोन वापस नहीं लौट पाया। ऐसे में ये यहीं पर गिर गया होगा।

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में बीकानेर के अलावा श्रीगंगानगर व अनूपगढ़ जिले में सरहदी क्षेत्र में ऐसी घटनाएं ज्यादा देखने को मिल रही है। हांलाकि बीएसएफ व पुलिस की चौकसी से लगातार कार्रवाई की जा रही है।बीएसएफ ने ड्रोन को अपने कब्जे में ले लिया है और गहनता से जांच की जा रही है।

इस तरह के पैकेट में ड्रोन के जरिए ड्रग्स भेजी जाती है। ये पैकेट दो महीने पहले अनूपगढ़ के रायसिंहनगर के पीएस 44 गांव में मिला था।
इस तरह के पैकेट में ड्रोन के जरिए ड्रग्स भेजी जाती है। ये पैकेट दो महीने पहले अनूपगढ़ के रायसिंहनगर के पीएस 44 गांव में मिला था।

रेत में दबी मिली थी 10 करोड़ की ड्रग्स

इससे पहले दो महीने पूर्व बीकानेर के नेमीचंद बीओपी एरिया में भी रेत में दबी हुई 10 करोड़ की ड्रग मिली थी। दरअसल, 15 जुलाई को इस एरिया में पाकिस्तानी तस्करों ने ड्रोन के जरिए हेरोइन की खेप भेजी थी। बीएसएफ इंटेलिजेंस को इसकी जानकारी थी। इसलिए 15 जुलाई को ही देर रात हेरोइन लेने आए समेजा कोठी निवासी हरदीप को पकड़ लिया गया था।

इसके बाद 17 जुलाई को वहां से करीब दो किलोमीटर दूर झाड़ियों में छिपाई गई एक बाइक भी बरामद हो गई। हेरोइन तस्कर चरणजीत उर्फ चन्नी और गुरमीत सिंह उस रात उसी बाइक पर आए थे। उन्होंने बाइक झाड़ियों में छिपा दी थी। बीएसएफ के पीछा करने पर वे अंधेरे का फायदा उठाकर खेतों में होते हुए फरार हो गए थे।

इसके बाद लगातार यहां सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। इसके बाद 23 केडी में सर्च ऑपरेशन के दौरान रेत में दबा हुआ पीले रंग का पैकेट नजर आया था।

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