जनमानस शेखावाटी संवाददाता : अनिल शर्मा
शिमला : नीमकाथाना को जिला बने काफी समय हो चुका है। सरकारी दफ्तर में कार्य भी चालू हो चुका है। लेकिन इन दफ्तरों में आने जाने के लिए लोगों को यातायात की सही सुविधा मुहैया नहीं हो रही है यहां तक की कई गांव तो ऐसे हैं जहां पर आज भी रोडवेज तो क्या प्राइवेट बसें तक नहीं जाती हैं आज भी उन गांवो के लोगों को दूर-दूर से चलकर पैदल जहां पर बसे मिलती हैं वहां पर आना पड़ता है ऐसे में राज्य सरकार के अधिकारियों की जिम्मेवारी बनती है कि वो उन गांवों को भी रोडवेज सुविधा से जोड़े ताकि उन गांव के लोगों को भी यातायात की सुविधा मिल सके ।
बस की सुविधा न होने के कारण जनता को जिला मुख्यालय पर जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ढोसी, ठाठवाडी, मुकंदपुरा, दलोता सहित पूरा ग्रामीण क्षेत्र रोडवेज बस सेवा से वचित है। हरियाणा सीमा से जुड़े इस क्षेत्र में परिवहन विभाग रोडवेज की सुविधा उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है। इससे ग्रामीण जनता को खासी परेशानी हो रही है। खास बात तो यह है कि इन गावों में रोडवेज तो क्या निजी बस सेवा तक उपलब्ध नहीं है। यही नहीं उपखंड मुख्यालय खेतड़ी के लिए भी कोई साधन नहीं है। आस-पास के ग्रामीणों को उपखंड तथा जिला मुख्यालय की बसों के लिए मजबूरन हरियाणा के गोद बलाहा जाना पड़ता है। बस सुविधा नहीं होने से जिनके पास निजी वाहन नहीं हैं। ऐसे ग्रामीण 5 से 10 किलोमीटर तक आने जाने में ही पूरा दिन खराब करते हैं। उन्हें समय के साथ आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। गांवों के लोग लंबे समय से रोडवेज सुविधा की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
“गत दिनों एक समारोह में खेतड़ी विधायक इंजीनियर धर्मपाल गुर्जर से भी ग्राम पंचायत ठाठ वाडी के सरपंच डॉक्टर किशोरी लाल यादव ने ढोसी से एक रोडवेज बस चलाने की मांग की थी तथा विधायक ने भी तुरंत इस मार्ग पर रोडवेज बस चलाने का आश्वासन दिया था लेकिन 6 माह बाद भी वह रोडवेज आज तक चालू नहीं हुई है।”
यही नहीं खेतड़ी नगर से रोजड़ा ककराय रवा शिमला दुधवा मेंहाडा होते हुए मात्र एक रोडवेज ही चलती है पूर्व में इस मार्ग पर भी मेंहाडा से झुंझुनू रोडवेज चलती थी जिसको भी बाद में रोडवेज प्रशासन ने बंद कर दिया था वह रोडवेज भी आज तक चालू नहीं की गई है जबकि इस मार्ग पर कम से कम चार रोडवेज बसें तो चलानी ही चाहिए। वर्तमान में इस मार्ग पर पूरे दिन में सुबह साढ़े 6 बजे महज एक रोडवेज बस गुजरती है। जो खेतड़ी से वाया शिमला मेहाडा नीमकाथाना से जयपुर जाती हैं। इसके बाद जिला मुख्यालय जाने के लिए कोई साधन उपलब्ध नहीं है।
इन गांवों में नहीं हैं कोई बस सेवा
खेतड़ी पंचायत समिति में ऐसे कई गांव आज भी मौजूद मौजूद हैं। जहां यातायात सुविधा का कोई साधन नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों को परिवहन व्यवस्था चाहकर भी सुलभ नहीं हो पाई। ढोसी, ठाठवाडी, दलोता, मुकुंदपुरा, गणेशपुरा, खातीपुरा, नालपुर, टीबा, किशनपुरा, इलाखर, बेसरडा, जमालपुर, मांदरी, त्योंदा, बांसियाल, नांगलिया गुजरवास, नांगलिया समेत कई ऐसे पंचायत व गांव है। जिनमें रोडवेज तो क्या निजी बस सेवा तक उपलब्ध नहीं है। ऐसे में लोगों को दैनिक कार्यों के लिए आने जाने के लिए दिक्कत होती हैं। साधन संपन्न लोग तो अपने नीजी वाहन काम ले लेते हैं। जिनके पास नहीं है उन लोगों को निजी बस पकड़ने के लिए भी पांच-सात किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।
रोडवेज चले तो यह होगा फायदा
उपखंड व जिला मुख्यालय से रोडवेज बसों का संचालन शुरु होने से हरियाणा बॉर्डर से सटे 25 से ज्यादा गांवो के यात्रियों को फायदा हो सकता है। लोगों को दूर-दराज की यात्रा के लिए बस की सुविधा मिलने से राहत मिलेगी। वहीं रोडवेज निगम को लाखों का राजस्व मिल सकता है। बता दें कि जिला मुख्यालय से सड़क मार्ग पर पर्याप्त यात्री भार है। क्षेत्र में बसों के संचालन के लिए क्षेत्र के ग्रामीण स्थानीय प्रशासन, विधायक, सांसद व परिवहन निगम से अनेक बार मांग कर चुके है। खेतड़ी विधायक धर्मपाल गुर्जर ने तो शीघ्र ही रोडवेज बस चलाने का आश्वासन भी दिया था लेकिन वो आश्वाशन आज तक भी हकीकत में नही बदल सका है।
इनका कहना है…
इस क्षेत्र में मात्र एक रोडवेज चलने से यात्रियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है शीघ्र और रोडवेज चलाने के लिए जिला प्रशासन से निवेदन किया गया है। ~ रीना देवी सरपंच ग्राम पंचायत शिमला
इससे बड़ी विडंबना की क्या बात हो सकती है कि आजादी के सात दशक बीतने के बाद भी राज्य पथ परिवहन निगम की बसों का ग्रामीण क्षेत्र में आवागमन नहीं हुआ है। बसों का संचालन नहीं होने से उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले युवा और दैनिक काम के लिए एक से दूसरे स्थान पर जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। ~ विपिन यादव, जिलाध्यक्ष यादव महासभा नीमकाथाना
क्षेत्र में रोडवेज या प्राइवेट कोई भी बस सेवा नहीं होने से आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को पांच सात किलोमीटर तक दूरी पैदल या निजी वाहन से तय करनी पड़ती है। बस सुविधा नहीं होने से लोगों भारी परेशानी हो रही है। ~ अनिल शर्मा समाजसेवी दलोता
जिला मुख्यालय पर सरकारी, निजी कॉलेज के अलावा सभी सरकारी दफ्तर है। काफी युवा शिक्षा के लिए आते है। रोडवेज सेवा नहीं होने से उन्हें आने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गांवों को रोजवेज बस सेवा से जोड़ दिया जाए तो इससे विद्यार्थियों के साथ ग्रामीणों को काफी सहूलियत हो सकेगी। ~ मुंशीराम गुर्जर सरपंच प्रतिनिधि दुधवा
बस चलने से काफी राहत मिल सकती है। इससे उपखंड और जिला मुख्यालय से सीधा जुड़ाव हो जाएगा। ~ डॉ. किशोरी लाल यादव सरपंच ठाठवाडी