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फोन-टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से आपत्ति नहीं:राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में अपना रुख साफ किया, सुप्रीम कोर्ट का केस वापस लेने की जानकारी दी


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फोन-टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से आपत्ति नहीं:राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में अपना रुख साफ किया, सुप्रीम कोर्ट का केस वापस लेने की जानकारी दी

फोन-टैपिंग मामले में दिल्ली पुलिस की जांच से आपत्ति नहीं:राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट में अपना रुख साफ किया, सुप्रीम कोर्ट का केस वापस लेने की जानकारी दी

जयपुर : फोन टैपिंग मामले में राजस्थान सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि उसे फोन टैपिंग मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच के जांच करने से कोई आपत्ति नहीं है। राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने हाईकोर्ट में गवर्नमेंट का यह रुख साफ किया।

दरअसल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली क्राइम ब्रांच में फोन टैपिंग को लेकर अशोक गहलोत के तत्कालीन ओएसडी लोकेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसे रद्द कराने के लिए लोकेश शर्मा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे। यह मामला फिलहाल दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा है।

वहीं, दूसरी ओर तत्कालीन सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर कहा था कि दिल्ली पुलिस को इस मामले में राजस्थान में जांच करने का अधिकार नहीं है। लेकिन, प्रदेश में सरकार बदलने के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपना मुकदमा वापस ले लिया। इसके बाद अब दिल्ली हाईकोर्ट में सरकार ने मुकदमा वापस लेने की जानकारी भी दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने दी थी याचिका वापस लेने की अनुमति

भजनलाल सरकार ने फोन टैपिंग मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर केस वापस लेने के लिए 20 जुलाई को प्रार्थना पत्र लगाकर कहा था कि यह मुकदमा मेरिट पर आगे नहीं चल सकता है। ऐसे में न्याय के हित में और अदालत का कीमती समय बचाने के लिए राज्य सरकार यह मुकदमा वापस लेना चाहती है।

इस पर 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की एप्लिकेशन को मंजूर करते हुए केंद्र सरकार को केस वापस लेने की अनुमति दे दी। तत्कालीन गहलोत सरकार ने फोन टैपिंग से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस को राजस्थान में जांच से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी।

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने छवि खराब करने का आरोप लगाया

यह पूरा मामला साल 2020 के राजस्थान के सियासी संकट से जुड़ा हुआ है। उस समय लोकेश शर्मा ने मीडिया को एक ऑडियो क्लिप जारी की थी। इसमें कहा गया था कि सरकार को गिराने के लिए गजेंद्र सिंह नामक व्यक्ति, एक विधायक और एक दलाल की बातचीत इस ऑडियो क्लिप में है।

इसी ऑडियो क्लिप के आधार पर तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, तत्कालीन विधायक भंवरलाल शर्मा (अब दिवंगत) और दलाल संजय जैन के खिलाफ एसओजी में शिकायत दर्ज कराई थी।

इसके बाद गजेंद्र सिंह ने दिल्ली पुलिस में परिवाद देकर जनप्रतिनिधियों के फोन टैप करने और उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया था। जिस पर 25 मार्च 2021 को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

फोन टैपिंग मामले में अब पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर आरोप लगाए हैं।
फोन टैपिंग मामले में अब पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर आरोप लगाए हैं।

क्राइम ब्रांच की पूछताछ में लोकेश शर्मा ने लगाए थे गहलोत पर आरोप

इस पूरे मामले में लोकेश शर्मा से दो दिन पहले ही क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की थी। पूछताछ में लोकेश शर्मा ने अशोक गहलोत पर ही आरोप लगाए थे। सात पेज के रिटन स्टेटमेंट में लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच के सामने फोन टैपिंग में खुद की भूमिका से इनकार करते हुए गहलोत से पूछताछ करने की मांग की थी। लोकेश शर्मा ने तत्कालीन डीजीपी, गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और गहलोत के प्रमुख सचिव पर भी गंभीर आरोप लगाए।

रिटन स्टेटमेंट में लोकेश शर्मा ने कहा- मुझे अशोक गहलोत ने ही क्लिप मीडिया को भेजने को कहा था। मुझे तो यह भी पता नहीं था कि इस पेन ड्राइव में है क्या? अब गहलोत से पूछताछ हो कि ऑडियो क्लिप कहां से आई? क्या लीगल-इलीगल फोन टैप हुए? गहलोत के निर्देश होते थे कि क्राइम ब्रांच में जाकर यह कहना है कि यह ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया से मिली। गहलोत कांग्रेस विधायकों की फोन टैप की रिकॉर्डिंग सुनते थे। तत्कालीन डीजीपी, गृह विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी और गहलोत के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की भूमिका रही है। फिलहाल लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है।

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