हेरिटेज निगम:कांग्रेस के डिप्टी मेयर का हटना तय; तीन नाम पर चर्चा, कमेटियों पर शुरू हुआ मंथन
हेरिटेज निगम:कांग्रेस के डिप्टी मेयर का हटना तय; तीन नाम पर चर्चा, कमेटियों पर शुरू हुआ मंथन

जयपुर : हेरिटेज निगम में कुसुम यादव के कार्यवाहक मेयर बनने के साथ ही कमेटियों के गठन की कवायद शुरू हो गई है। इससे पहले वर्तमान डिप्टी मेयर असलम फारुखी का हटना भी तय है। उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है, जिसके लिए नवरात्रि में हेरिटेज निगम की साधारण सभा बुलाई जाएगी।
हालांकि फारुखी के खिलाफ माणक चौक थाने में अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा से बदसलूकी के मामले की जांच भी लंबित है। अगर वह दोषी पाए जाते हैं तो पार्षदी भी जा सकती है। उसमें मेयर समेत 13 पार्षदों के नाम हैं, जिसमें चालान पेश हो सकता है।
हेरिटेज निगम में डिप्टी मेयर कौन बनेगा, इस पर भाजपा में मंथन शुरू हो गया है। भाजपा संगठन में डिप्टी मेयर के लिए तीन नामों पर चर्चा चल रही है। इसमें वैश्य समाज को प्राथमिकता मिल सकती है, क्योंकि भाजपा में जयपुर शहर से वैश्य समाज का एक ही विधायक है।
विमल अग्रवाल, नीरज अग्रवाल व मनोज मुद्गल में से डिप्टी मेयर चुन सकती है सरकार
- डिप्टी मेयर के लिए सबसे पहले नाम विमल अग्रवाल का है, जो हवामहल विधानसभा के वार्ड-22 से पार्षद हैं। ये संघ व संगठन से लंबे समय से जुड़े हुए हैं। भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी के करीबी भी माने जाते हैं। पूर्व शहर अध्यक्ष सुनील कोठारी समेत कई भाजपा नेता इनकी पैरवी कर रहे हैं।
- दूसरा नाम आदर्श नगर के वार्ड-93 के पार्षद नीरज अग्रवाल का है, जो विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए थे। संगठन के कई नेताओं से इनका सीधा जुड़ाव है। अग्रवाल समाज के कई नेता इनकी पैरवी कर रहे हैं। वहीं, किशनपोल व आदर्श नगर दोनों विधानसभाओं में भाजपा का विधायक नहीं है। ऐसे में भाजपा ने किशनपोल से मेयर बना दिया है तो आदर्श नगर से डिप्टी मेयर मिल सकता है।
- सिविल लाइन वार्ड-35 से पार्षद मनोज मुद्गल का दावा भी डिप्टी मेयर के लिए मजबूत है। वे ही खुद के साथ 7 कांग्रेसी पार्षदों को लेकर भाजपा में आए हैं, जिससे भाजपा डिप्टी मेयर बना सकती है। कांग्रेस भी पहले ही दिन से मुद्गल को डिप्टी मेयर बनाना चाहती थी, लेकिन राजनीतिक समीकरण नहीं बैठ पाया।
अविश्वास प्रस्ताव या चालान पेश होने पर हटा सकते हैं डिप्टी मेयर… डीएलबी के पूर्व डायरेक्टर लॉ अशोक सिंह ने बताया कि राजस्थान नगर पालिका अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव नियम 2017 में स्पष्ट है कि डिप्टी मेयर को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। इसके लिए तीन चौथाई सदस्यों को कलेक्टर को हस्ताक्षर युक्त प्रस्ताव देना होगा। इस पर कलेक्टर सात दिन का नोटिस देंगे और बोर्ड की बैठक बुलानी होगी, जिसमें प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। तीन चौथाई सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मत देने पर प्रस्ताव पारित होगा और डिप्टी मेयर के खिलाफ जो मामला दर्ज है, उसमें चालान पेश होने पर सरकार अभियोजन स्वीकृति देकर निलंबित कर सकती है।
दिवाली से पहले सुधार होगा…
डिप्टी मेयर को बदलने और कमेटियों का गठन करने का निर्णय संगठन स्तर पर होगा। इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। अगले महीने नवरात्रि में बोर्ड की बैठक बुलाने की प्लानिंग है, ताकि विकास के मुद्दों व वार्डों की समस्याओं पर दिवाली से पहले ही सुधार किया जा सके। – कुसुम यादव, कार्यवाहक मेयर, हेरिटेज निगम