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सिंघानिया विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़े के समापन अवसर पर हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया


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सिंघानिया विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़े के समापन अवसर पर हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया

सिंघानिया विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़े के समापन अवसर पर हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया

पचेरी कला : सिंघानिया विश्वविद्यालय में हिन्दी पखवाड़े के समापन अवसर पर हिन्दी दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें कई प्रतिष्ठित साहित्यकारों, कवियों और विद्यार्थियों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर राम निवास मानव ने अपने वक्तव्य में हिन्दी को केवल राजभाषा तक सीमित न रखकर उसे राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने पर जोर दिया। कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि डॉ. राजपाल यादव और डॉ. भारती ने अपनी कविताओं और विचारों के माध्यम से हिन्दी के प्रति अपना प्रेम व्यक्त किया।

रिसर्च डीन, डॉ. सुमेर सिंह ने भाषाओं और विभिन्न बोलियों के आपसी संबंधों पर चर्चा की, जबकि लाइब्रेरियन डॉ. धर्मपाल ने निज भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही, डॉ. प्रीति और डॉ. प्रभात ने भी कविताओं का पाठ किया। उप कुलपति डॉ. पवन त्रिपाठी ने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हिन्दी जनमानस की भाषा है, जो समाज को आपस में जोड़ने का कार्य करती है।

कार्यक्रम के संयोजक और विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ. एम. आई. हाशमी ने हिन्दी को राष्ट्र की आत्मा बताते हुए कहा कि इसे भारत से अलग नहीं किया जा सकता। इस पूरे आयोजन का संचालन डॉ. शर्मिला यादव ने किया। कार्यक्रम में डॉ. आलोक, डॉ. रुक्मिणी, डॉ. सरिता, मीनू, राखी, ज्योति, कपिल, सुहानी, सुशील, डॉ. मोनिका और डॉ. रवि भी उपस्थित रहे। समापन पर हिन्दी पखवाड़े में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्रों को पुरस्कार प्रदान किए गए।

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